RSS: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संघ के स्वयंसेवक रहे हैं, लेकिन संघ किसी भी व्यक्ति या संगठन को नियंत्रित नहीं करता है जो स्वतंत्र रूप से काम कर रहा हो।
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उन्होंने कहा कि संघ प्रत्यक्ष नियंत्रण या ‘रिमोट कंट्रोल’ का इस्तेमाल नहीं करता है। सरसंघचालक ने जबलपुर में प्रबुद्ध लोगों से बातचीत करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि जब कोई आरएसएस के बारे में बात करता है तो लोग विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के बारे में भी सोचते हैं और उस संगठन में भी स्वयंसेवक हैं एवं उनकी सोच भी समान है।
भागवत ने कहा, ‘‘संघ कहने के बाद लोग मोदी जी का नाम लेते हैं। मोदी जी हमारे ‘स्वयंसेवक’ हैं।’’
भागवत ने कहा, ‘‘संघ कहने के बाद आपको विश्व हिंदू परिषद दिखती है। विश्व हिंदू परिषद में स्वयंसेवक हैं और उनके विचार एवं संस्कार स्वयंसेवक जैसे ही हैं, परंतु ये सब स्वतंत्र और अलग स्वयंसेवकों के किए हुए काम हैं। ये संघ नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि संघ एक अलग और स्वतंत्र काम है, स्वयंसेवक सब जगह हैं, इसलिए संबंध रहता है जिससे अच्छे कामों में मदद होती है, परंतु संघ का उन पर प्रत्यक्ष या परोक्ष नियंत्रण नहीं होता है।
भागवत ने कहा कि हिंदू धर्म कोई धर्म नहीं है बल्कि जीने का एक तरीका है, यह एक परंपरा है, जिसे विभिन्न पंथों, जातियों और क्षेत्रों द्वारा पोषित किया गया है।
भागवत छत्तीसगढ़ का दौरा करने और वहां आरएसएस पदाधिकारियों के साथ बातचीत करने के बाद बृहस्पतिवार को चार दिवसीय दौरे पर जबलपुर पहुंचे।
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