Scheme for Farmers : देश के किसानों के लिए यूं तो केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा समय समय पर लाभप्रद कदम उठाए जाते हैं, लेकिन यदि किसान अपनी आमदनी में इजाफा और अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करना चाहते हैं तो किसानों के लिए पांच ऐसी स्कीम हैं, जिनका फायदा उठाकर किसान अपना भला कर सकते हैं। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि वो पांच स्कीम कौन सी है।
Scheme for Farmers
1. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, केंद्र सरकार द्वारा 2018 में शुरू की गई थी। इस स्कीम के अंतर्गत किसान को तीन किस्तों 6000 रुपये प्रति वर्ष मिलते हैं। यह सहायता राशि सीधे उनके बैंक अकाउंट में आती है। हर 4 महीने में किसानों को 2000 रुपये मिलते हैं।
इस स्कीम के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा 8 किश्तें जारी की जा चुकी है और अब किसानों 9वीं किश्त जल्द ही मिलनें की उम्मीद है। इस स्कीम के माध्यम से किसानों को आर्थिक स्थिति सुधारनें में काफी सहायता मिलती है। इस योजना के तहत अब तक किसानों को 11 किस्तों में पैसे मिल चुके हैं। अब 12वीं किस्त की राशि 17 अक्टूबर को किसानों के अकाउंट में ट्रांसफर किए जाएंगे।
2. बारिश, तूफान और प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों की खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो जाती है। इस तरह के भारी नुकसान के कारण किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस स्थिति से उबारने के लिए केंद्र सरकार ने फरवरी 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत बुआई के पहले से और फसल की कटाई के बाद तक के लिए फसल बीमा सुरक्षा मिलती है। फसल बीमा योजना में रबी, खरीफ की फसल के साथ-साथ कारोबारी और बागबानी फसलें भी शामिल हैं। इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसान को खरीफ फसलों के लिए 2 प्रतिशत और रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत का प्रीमियम भुगतान करना होता है।
3. किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत वर्ष 1998 में हुई थी। इससे किसानों को कम ब्याज दर पर लोन आसानी से मिल जाता है। लोन की राशि से किसान खेती के लिए बीज, कीटनाशक और अन्य कृषि सामग्री खरीद सकते हैं। खास बात है कि अगर किसान इस योजना के तहत लिए लोन को एक साल के अंदर चुका देते हैं तो उन्हें ब्याज दर में 3 फीसदी की छूट मिलती है।
4. खेती के जरिए देश का पेट पालने वाले किसानों को वृद्धावस्था में केंद्र की मोदी सरकार ने पेंशन की सौगात दी है। इस स्कीम के तहत रिटायरमेंट के बाद नौकरीपेशा लोगों की तरह किसानों को 60 साल की आयु पूरी करने के बाद न्यूनतम 3000 रुपये माह पेंशन दी जाती है। हालांकि, इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को 55 रुपए से लेकर 200 रुपये तक प्रतिमाह 60 वर्ष की आयु तक जमा करना होता है। 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद उन्हें पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है।
5. ग्रामीण भारत में कृषि और पशुपालन किसानों की आय का मुख्य जरिया है। मवेशियों की अचानक मौत हो जाने पर किसानों को आर्थिक नुकसान होता है और इसकी भरपाई के लिए पशुधन बीमा योजना लाई गई है। इस स्कीम के तहत दुधारू मवेशियों और भैंसों का बीमा किया जाता है। बीमाधन उनके अधिकतम वर्तमान बाजार मूल्य पर होता है। इस योजना में इंश्योरेंस का 50 प्रतिशत प्रीमियम केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाता है। बीमा अवधि में अगर कोई किसान अपने पशुओं को बेच देता है और बीमा पॉलिसी समाप्त न हुई हो तो पॉलिसी की शेष अवधि का लाभ नये किसान या स्वामी को मिलता है।
इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए किसान अपने क्षेत्र के किसान सहायता केंद्र, जिला कृषि अधिकारी या जिलाधिकारी कार्यालय में संपर्क करके विस्तार से जानकारी हासिल कर सकते हैं।