राजनीति के मैदान से गायब हो जाएंगे प्रशांत किशोर

आए दिन मीडिया की सुर्खियों में रहने वाले प्रशांत किशोर के राजनीतिक भविष्य को लेकर भी खूब सवाल उठाए जा रहे हैं सबसे बड़ा सवाल यह है कि प्रशांत किशोर का राजनीतिक भविष्य क्या है? अधिकतर विश्लेषकों का दावा है कि जल्द ही प्रशांत किशोर राजनीति के मैदान से गायब हो जाएंगे।

प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर
locationभारत
userआरपी रघुवंशी
calendar29 Dec 2025 04:42 PM
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Prashant Kishore : राजनीति रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर इन दोनों क्या कर रहे हैं? यह सवाल प्रशांत किशोर के तमाम समर्थन कर रहे हैं इस सवाल का ठीक-ठाक उत्तर किसी के भी पास नहीं है कि इन दिनों प्रशांत किशोर क्या कर रहे हैं? आए दिन मीडिया की सुर्खियों में रहने वाले प्रशांत किशोर के राजनीतिक भविष्य को लेकर भी खूब सवाल उठाए जा रहे हैं सबसे बड़ा सवाल यह है कि प्रशांत किशोर का राजनीतिक भविष्य क्या है? अधिकतर विश्लेषकों का दावा है कि जल्द ही प्रशांत किशोर राजनीति के मैदान से गायब हो जाएंगे 

प्रशांत किशोर की चुप्पी ने बढ़ा दी है अटकलें 

बिहार के विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान प्रशांत किशोर खूब चर्चा में थे बिहार चुनाव के दौरान कोई भी ऐसा दिन नहीं था कि जिस दिन प्रशांत किशोर का कोई वीडियो, रील अथवा ऑडियो वायरल नहीं होता था। बिहार विधानसभा के चुनाव में बुरी तरह हारने के बाद प्रशांत किशोर लगभग गायब हो गए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का दावा है कि जिस प्रकार प्रशांत किशोर पिछले डेढ़ महीने से मीडिया से गायब हुए हैं उसी प्रकार प्रशांत किशोर राजनीति के मैदान से भी गायब हो जाएंगे। कुछ कुछ विश्लेषकों तो यहां तक बोल रहे हैं कि जैसे गधे के सर से सिंह गायब हुए हैं, वैसे ही प्रशांत किशोर भी राजनीति के मैदान से गायब हो जाएंगे प्रशांत किशोर की पार्टी जान स्वराज के कार्यकर्ताओं विश्लेषकों की बात को पूरी तरह खारिज करते हैं प्रशांत किशोर की पार्टी के नेता देवेंद्र प्रभात का दावा है कि जल्दी प्रशांत किशोर राजनीति में कम बैक करेंगे देवेंद्र प्रभात दावा करते हैं कि जल्द ही प्रशांत किशोर बिहार की सरकार के विरुद्ध बड़ा जन आंदोलन शुरू करके एक बार फिर बिहार की राजनीति को बदलने का अभियान शुरू करेंगेबिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पहली बार चुनाव लड़ने वाली जनसुराज पार्टी के नेता और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बीते दिनों भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव और केरल स्थित वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद पटना से दिल्ली तक के सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। सूत्रों का दावा है कि वर्ष 2027 में यूपी, पंजाब समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के संदर्भ में यह बैठक हुई। हालांकि इस मुलाकात पर जनसुराज या कांग्रेस की ओर से अभी तक किसी ने कुछ भी अधिकृत प्रतिक्रिया या बयान जारी नहीं किया है। प्रशांत किशोर ने यह बैठक बिहार विधानसभा चुनाव के लगभग एक महीने बाद हुई और इसी कारण इसे साधारण राजनीतिक शिष्टाचार से आगे का संकेत माना जा रहा है।  यह मुलाकात इसलिए अहम है क्योंकि किशोर लंबे समय से कांग्रेस के मुखर आलोचक रहे हैं और अब उनके कांग्रेस में संभावित प्रवेश को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। पार्टी सूत्र इसे राजनीतिक विमर्श बता रहे हैं, लेकिन राजनीतिक गलियारों में इसके मायने इससे कहीं बड़े निकाले जा रहे हैं।

बुरी तरह से हारे प्रशांत किशोर 

प्रशांत किशोर और प्रियंका गांधी की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब बिहार विधानसभा चुनाव में जन सुराज पार्टी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। किशोर की पार्टी एक भी सीट जीतने में नाकाम रही और 238 उम्मीवारों में से 236 की जमानत जब्त हो गई। इस परिणाम के बाद किशोर की रणनीतिक विश्वसनीयता और भविष्य की राजनीतिक दिशा पर सवाल उठने लगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रशांत किशोर  तथा प्रियंका गांधी की यह मुलाकात केवल शिष्टाचार नहीं बल्कि संभावनाओं की टोह लेने की कोशिश भी हो सकती है। कांग्रेस संगठन को नई ऊर्जा और रणनीतिक धार की तलाश है, जबकि किशोर को एक राष्ट्रीय मंच की जरूरत महसूस हो रही है। इसीलिए इस बैठक को कांग्रेस में उनके प्रवेश की दिशा में पहला संकेत माना जा रहा है, भले ही औपचारिक तौर पर इसकी पुष्टि न की गई हो। प्रशांत किशोर और गांधी परिवार के संबंध नए नहीं हैं। रणनीतिकार के तौर पर हो या राजनीतिक सलाहकार के रूप में, किशोर का कांग्रेस नेतृत्व से संवाद पहले भी रहा है। 2025 के बिहार चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कांग्रेस द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सार्वजनिक आपत्ति जताई थी। उन्होंने मतदाता सूची में संशोधन और राहुल गांधी के वोट चोरी अभियान को राज्य में गैर प्रासंगिक बताया था। हालांकि, उस समय उनकी आलोचना के बावजूद उनका खुद का चुनावी प्रयोग भी सफल नहीं रहा। 2021 में छ्वष्ठ से निष्कासन के बाद किशोर ने गांधी परिवार से संपर्क किया था और कांग्रेस को पुनर्जीवित करने का एक रोडमैप प्रस्तावित किया था। इसके बाद 2022 में दोनों पक्षों के बीच औपचारिक बातचीत शुरू हुई. अप्रैल 2022 में सोनिया गांधी के जनपथ स्थित आवास पर हुई अहम बैठक में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कई वरिष्ठ नेता मौजूद थेट इस बैठक में किशोर ने संगठनात्मक सुधार, चुनावी रणनीति और नेतृत्व संरचना को लेकर विस्तृत प्रस्तुति दी थी। उस समय किशोरके  कांग्रेस में शामिल होने के इच्छुक माने जा रहे थे, जिससे उम्मीदें काफी बढ़ गई थीं।

प्रशांत किशोर को लेकर खूब हैं अटकलें

सोनिया गांधी ने किशोर के प्रस्तावों पर विचार के लिए एक समिति गठित करने का फैसला लिया और बाद में ‘एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप 2024’ के गठन की घोषणा की. कांग्रेस नेतृत्व ने किशोर को इस समूह का सदस्य बनने का प्रस्ताव दिया, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया. किशोर का तर्क था कि पार्टी को बाहरी सलाह से ज्यादा मजबूत नेतृत्व और सामूहिक इच्छाशक्ति की जरूरत है. उन्होंने अधिक अधिकार और पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की, जिस पर सहमति नहीं बन सकी और बातचीत टूट गई। कांग्रेस ने तब बयान जारी कर कहा था कि किशोर के प्रयासों और सुझावों की सराहना की जाती है, लेकिन उन्होंने प्रस्ताव ठुकरा दिया. किशोर ने भी पलटवार करते हुए कांग्रेस की संरचनात्मक कमजोरियों की ओर इशारा कियाट अब, बिहार चुनाव के बाद प्रियंका गांधी से हुई ताजा मुलाकात ने पुराने अध्याय को फिर से खोल दिया है। सवाल यह है कि क्या दोनों पक्ष पिछली असहमति से आगे बढ़ पाएंगे. क्या कांग्रेस किशोर को बड़ी भूमिका देने के लिए तैयार होगी, या यह बैठक केवल विचार-विमर्श तक सीमित रहेगी। फिलहाल, इस मुलाकात ने इतना तय कर दिया है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस की राजनीति और प्रशांत किशोर की भूमिका पर सियासी चर्चाएं तथा अटकलें और अधिक तेज होंगी। Prashant Kishore

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2026 में खेती बनेगी मुनाफे की मशीन, ये 5 फसलें बदल देंगी किसानों की किस्मत

खेती का भविष्य अब बदल चुका है। जो किसान आज स्मार्ट फैसले लेगा, वही 2026 में मुनाफे की दौड़ में सबसे आगे होगा। सही फसल चुनिए और सही जानकारी लीजिए और खेती को बिजनेस की तरह अपनाइए।

Farming in 2026
खेती में बड़ा बदलाव (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar29 Dec 2025 02:34 PM
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बता दें कि एक समय था जब खेती को केवल मेहनत और पसीने से जोड़ा जाता था, लेकिन अब तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। आज के दौर में खेती भी एक हाई-प्रॉफिट बिजनेस मॉडल बनती जा रही है। सही फसल, सही तकनीक और सही बाजार की समझ हो, तो किसान भी लाखों-करोड़ों की कमाई कर सकता है। जो कि विशेषज्ञों के अनुसार, साल 2026 तक भारत की खेती पूरी तरह बिजनेस मॉडल में तब्दील हो जाएगी। ऐसे में अगर किसान आज भी सिर्फ गेहूं-धान तक सीमित हैं, तो वे पीछे रह सकते हैं। बाजार अब सेहत, क्वालिटी और वैल्यू एडिशन की तरफ बढ़ चुका है।

आइए जानते हैं वो 5 खेती, जो 2026 तक किसानों को बना सकती हैं मुनाफे की मशीन।

1. ड्रैगन फ्रूट (कमलम फल) की खेती

ड्रैगन फ्रूट की डिमांड भारत में तेजी से बढ़ रही है। पहले यह फल विदेशों से आयात किया जाता था, लेकिन अब सरकार भी इसकी खेती को बढ़ावा दे रही है और सब्सिडी उपलब्ध करा रही है।

जाने क्यों है फायदेमंद:

  • एक बार लगाया गया पौधा 20–25 साल तक फल देता है
  • बहुत कम पानी की जरूरत
  • बंजर जमीन पर भी बेहतर उत्पादन

कमाई का गणित: एक एकड़ में करीब 1800–2000 पौधे लगाए जा सकते हैं, जिससे 1 से 2 लाख रुपये तक का शुद्ध मुनाफा संभव है। 2026 तक इसके एक्सपोर्ट की मांग और बढ़ने की उम्मीद है।

2. औषधीय पौधों की खेती

पूरी दुनिया आज आयुर्वेद और प्राकृतिक इलाज की तरफ लौट रही है। दवा कंपनियां अब सीधे किसानों से कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग कर रही हैं।

प्रमुख औषधीय फसलें:

  • अश्वगंधा
  • तुलसी
  • सतावरी

फायदे:

  • लागत कम
  • जड़ और बीज दोनों की अच्छी कीमत
  • पारंपरिक फसलों से 3–4 गुना ज्यादा मुनाफा

संभावित कमाई: एक एकड़ से 1–2 लाख रुपये या उससे अधिक की कमाई संभव। 2026 तक हेल्थ इंडस्ट्री में इसकी मांग चरम पर रहने की संभावना है।

3. श्री अन्न (मिलेट्स) – बाजरा, रागी और ज्वार

सरकार अब मोटे अनाज को ‘श्री अन्न’ के नाम से प्रमोट कर रही है। शहरों में हेल्दी डाइट के चलते मिलेट्स की डिमांड तेजी से बढ़ रही है।

जाने क्यों है खास:

  • कम पानी में भी बेहतर उत्पादन
  • खराब मौसम में भी सुरक्षित फसल
  • बिस्किट, नमकीन और हेल्थ ड्रिंक्स में बढ़ता उपयोग

कमाई: एक एकड़ से 1 से 2 लाख रुपये तक की आमदनी संभव।

4. चंदन और महोगनी की खेती

जिन किसानों के पास अतिरिक्त या खाली जमीन है, उनके लिए यह खेती फ्यूचर इन्वेस्टमेंट की तरह है।

फायदे:

  • महोगनी की लकड़ी की भारी मांग
  • जहाज, फर्नीचर और इंटीरियर में उपयोग

रिटर्न: आज लगाया गया एक पौधा 12–15 साल बाद लाखों रुपये का हो सकता है। एक पेड़ से 1 से 10 लाख रुपये तक की कमाई संभव मानी जाती है।

5. मशरूम की खेती (बिना खेत वाली खेती)

मशरूम की खेती उन किसानों के लिए बेहतरीन विकल्प है जिनके पास जमीन कम है।

खास बातें:

  • छोटे कमरे में भी खेती संभव
  • 30–40 दिनों में फसल तैयार
  • होटल और रेस्टोरेंट्स में लगातार डिमांड

फायदा: कम समय में पैसा हाथ में आता है और जोखिम भी कम होता है।

किसानों के लिए जरूरी 3 खास टिप्स

अगर आप 2026 में खेती से बड़ा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो इन बातों को जरूर अपनाएं:

  1. मिट्टी की जांच: बिना जांच के महंगी खेती शुरू न करें
  2. डायरेक्ट मार्केटिंग: बिचौलियों से बचें, डिजिटल मंडी और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करें
  3. ट्रेनिंग: नई खेती से पहले नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) से प्रशिक्षण जरूर लें


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कांग्रेस का 140वां स्थापना दिवस, खरगे ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

कांग्रेस के 140वां स्थापना दिवस के मौके पर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, संविधान, लोकतंत्र और जनता के अधिकार खतरे में हैं। उन्होंने जल, जंगल और जमीन के संरक्षण पर भी चिंता जताई और मनरेगा सहित अन्य नीतियों पर सरकार की आलोचना की।

कांग्रेस 140वां स्थापना दिवस
मल्लिकार्जुन खरगे का मोदी सरकार पर हमला
locationभारत
userअसमीना
calendar28 Dec 2025 12:40 PM
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कांग्रेस ने 28 दिसंबर 1885 को मुंबई में स्थापना पाई थी और इस साल पार्टी का 140वां स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, आज संविधान और लोकतंत्र खतरे में हैं और मोदी सरकार संवैधानिक संस्थाओं और जन अधिकारों को कमजोर कर रही है। खरगे ने जल, जंगल और जमीन के संरक्षण को लेकर भी चिंता व्यक्त की।

कांग्रेस स्थापना दिवस समारोह

कांग्रेस का ध्वजारोहण समारोह इंदिरा भवन में आयोजित किया गया। इस अवसर पर संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। खरगे ने कांग्रेस के 140 साल के इतिहास और योगदान को याद करते हुए कहा कि पार्टी हमेशा भारतवासियों के कल्याण, सशक्तिकरण और समावेशी विकास के लिए काम करती रही है।

खरगे का मोदी सरकार पर तीखा हमला

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार ने कांग्रेस की तरफ से बनाई गई संस्थाओं को कमजोर किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने मनरेगा को नष्ट किया, फर्जी आंकड़ों का खेल खेला और पूंजीपतियों के लिए कानून बनाए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि जल-जंगल-जमीन खतरे में हैं और जनता के अधिकारों को छिनने की कोशिश की जा रही है।

UPA सरकार और कांग्रेस की उपलब्धियां

खरगे ने याद दिलाया कि जब सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष थीं और डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब सरकार ने RTI, RTE, खाद्य सुरक्षा, MGNREGA, वन अधिकार और भूमि अधिग्रहण कानून जैसे महत्वपूर्ण कानून बनाए। इन नीतियों ने लोगों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की।

कांग्रेस का दृष्टिकोण और इतिहास

खरगे ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा समाज को आगे बढ़ाने की सोच रखी है। उन्होंने बताया कि 62 सालों तक करोड़ों कांग्रेसियों ने संघर्ष किया, जेल गए और देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। कांग्रेस का सौभाग्य है कि देश की कई प्रमुख हस्तियां पार्टी से जुड़ी रहीं। महात्मा गांधी के नेतृत्व में गरीब और किसान संघर्ष करते रहे और आजादी दिलाने में अहम योगदान दिया।

संविधान और लोकतंत्र के लिए चिंता

खरगे ने कहा कि आज संविधान और लोकतंत्र खतरे में हैं। RSS और बीजेपी नेताओं ने देश के संविधान, तिरंगा झंडा और वंदे मातरम को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जनता सतर्क नहीं रही तो जल, जंगल और जमीन सहित अन्य संसाधनों पर गंभीर खतरा मंडरा सकता है।

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