BBC Documentary : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को किया तलब

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Delhi News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar03 Feb 2023 08:02 PM
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BBC Documentary: नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों पर आधारित बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को प्रतिबंधित करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शुक्रवार को केंद्र सरकार से जवाब तलब किया।

BBC Documentary

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एम एम शाह की पीठ ने वरिष्ठ पत्रकार एन राम, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा और कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता प्रशांत भूषण की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र और अन्य को नोटिस जारी किया। पीठ ने अधिवक्ता एम एल शर्मा की याचिका पर भी नोटिस जारी किया। शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को प्रतिबंध संबंधी आदेश के मूल रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश भी दिया। पीठ ने कहा ने कहा कि हम नोटिस जारी कर रहे हैं। जवाबी हलफनामा तीन हफ्ते के भीतर दाखिल किया जाना चाहिए। प्रत्युत्तर उसके दो सप्ताह के बाद दिया जाना चाहिए। मामले में अगली सुनवाई अप्रैल में होगी। आपको बता दें कि बीबीसी द्वारा तैयार डॉक्यूमेंट्री को लेकर पिछले कुछ दिनों में काफी विवाद पैदा हो रहा है। दिल्ली यूनिवर्सिटी व जवाहर यूनिवर्सिटी में भी इस डॉक्यूमेंट्री को दिखाने को लेकर विवाद हो चुका है।

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Siddique kappan :पत्रकार होना अपराध है क्या ?

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 12:23 AM
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हाथरस कांड के बाद हिंसा फैलाने और देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार हुए केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन (Siddique kappan) को कोर्ट से जमानत मिल गई है। गुरुवार को सुबह इन्हें लखनऊ जेल से रिहा कर दिया गया है। लेकिन जेल से रिहाई मिलने के बाद भी सिद्दीक कप्पन की सरकार को लेकर नाराजगी खत्म नहीं हुई है। अपनी रिहाई के बाद खुद के तथाकथित पत्रकार होने पर भी कप्पन ने सवाल उठाए हैं।

2 साल, 3 महीने और 26 दिन बाद मिली जेल से रिहाई -

5 अक्टूबर 2020 को मथुरा टोल प्लाजा से सिद्दीकी कप्पन को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया था इन पर आरोप लगाया गया था कि कप्पन कट्टरपंथी समूह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े हुए हैं, और हाथरस में दंगे फैलाने की साजिश रचने जा रहे हैं। जबकि इस मामले में कप्पन (Siddique kappan) का कहना था कि जब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया, वो हाथरस में युवती के साथ हुए गैंगरेप-मर्डर के बाद घटनास्थल पर मामले को कवर करने जा रहे थे। पिछले 2 साल से कप्पन को आईपीसी की धारा 153A (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295A (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) और 124A (देशद्रोह), 120B (साजिश) के तहत जेल में बंद किया गया था।

जेल से बाहर निकल कप्पन (Siddique kappan) ने कहा बहुत लंबी लड़ाई थी -

गुरुवार को 27 महीने जेल में गुजारने के बाद जब सिद्दीक कप्पन को रिहाई मिली तो जेल से बाहर आने के बाद उसका कहना था कि उसके लिए यह लड़ाई बहुत लंबी थी। जमानत हासिल करने और फिर जेल की दहलीज से बाहर आने के लिए काफी लंबा संघर्ष करना पड़ा। लेकिन वह शुक्रगुजार है मीडिया का। पत्रकारों ने हमेशा उसे लोगों के बीच जिंदा रखा।

कप्पन का सवाल क्या पत्रकार होना है अपराध ?

हाथरस मामले में हिंसा फैलाने और देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार हुए केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन का कहना था कि वह हाथरस में हुए गैंगरेप और हत्या मामले की रिपोर्ट कवर करने के लिए यूपी आए थे। इसमें क्या गलत था। उसके पास केवल एक लैपटॉप और मोबाइल फोन के अलावा पेन और नोटबुक थी। उसके पास ऐसा कुछ नहीं था जो गलत कहा जा सकता था। लेकिन फिर भी उसे एक लंबा समय अपने परिवार से दूर जेल में बिताना पड़ा। क्या पत्रकार होना उसके लिए मुसीबत बन गया, या पत्रकार होना एक अपराध है, जिसकी वजह से उसे यह लंबी सजा भुगतनी पड़ी ?

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Jammu and Kashmir: जम्मू के 6 जिलों के 37 स्थानों पर सीबीआई की छापेमारी

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Jammu and Kashmir
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 11:49 PM
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Jammu and Kashmir: नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने पिछले साल 6 मार्च को वित्त विभाग में लेखा सहायकों की भर्ती परीक्षा में अनियमितताओं के आरोपों को लेकर शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के छह जिलों में 37 स्थानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

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उन्होंने बताया कि सीबीआई के अधिकारियों ने शुक्रवार सुबह जम्मू में 30 स्थानों पर बिचौलियों और अन्य आरोपियों के परिसरों में छापे मारे। उधमपुर, राजापुरी और डोडा सहित अन्य स्थानों पर भी तलाशी अभियान चल रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेकेएसएसबी) द्वारा आयोजित परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर सीबीआई ने पिछले साल नवंबर में एक मामला दर्ज किया था।

सीबीआई ने इस मामले में 20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन लोगों में जेकेएसएसबी की पूर्व सदस्य नीलम खजूरिया, सेक्शन ऑफिसर अंजू रैना और करनैल सिंह शामिल हैं, जो उस समय बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय में चिकित्सा अधिकारी थे।

बोर्ड द्वारा परीक्षा छह मार्च, 2022 को आयोजित की गई थी और उसके परिणाम पिछले साल 21 अप्रैल को घोषित किए गए थे।

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