शेल्टर नहीं, नसबंदी ही .. सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों पर दिया बड़ा निर्देश

शेल्टर नहीं, नसबंदी ही .. सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों पर दिया बड़ा निर्देश
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 11:16 AM
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सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के प्रबंधन को लेकर अहम फैसला सुनाया है। जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने स्पष्ट किया कि अब सिर्फ बीमार और आक्रामक कुत्तों को ही शेल्टर होम में रखा जाएगा, जबकि बाकी सभी स्ट्रे कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद उनकी मूल जगह पर छोड़ दिया जाएगा। अदालत ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए नोटिस जारी किया और शेल्टर होम में रह रहे सामान्य कुत्तों को तुरंत रिहा करने का निर्देश दिया। Stray Dogs

फीडिंग जोन में ही खाना मिलेगा

फीडिंग को व्यवस्थित करने के लिए हर नगरपालिका ब्लॉक में विशेष “फीडिंग जोन” बनाए जाएंगे। केवल इन निर्धारित जगहों पर ही कुत्तों को भोजन दिया जा सकेगा। सार्वजनिक स्थानों पर खाने की व्यवस्था करने पर रोक रहेगी और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन भी शुरू की जाएगी। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि किसी कुत्ते को उसके उठाए जाने वाले स्थान से अलग कहीं नहीं भेजा जाएगा। एनजीओ को फीडिंग जोन स्थापित करने के लिए 25,000 रुपये तक की सहायता राशि दी जाएगी।

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पशु प्रेमियों के लिए गोद लेने का विकल्प

सुप्रीम कोर्ट ने पशु प्रेमियों को आवारा कुत्तों को गोद लेने का विकल्प भी दिया है, लेकिन साथ ही जिम्मेदारी तय की है कि गोद लिए गए कुत्तों को फिर से सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा। इस आदेश पर याचिकाकर्ता और वकील ननिता शर्मा ने कहा कि यह संतुलित और व्यावहारिक निर्णय है। अदालत ने सभी राज्यों को इस मामले में शामिल कर लिया है और आवारा कुत्तों से जुड़े लंबित सभी मामले अब एक ही केस में समाहित किए जाएंगे। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि नसबंदी अभियान जारी रहेगा और आक्रामक कुत्तों को ही शेल्टर होम में रखा जाएगा। इसके लिए एमसीडी को फीडिंग जोन स्थापित करने और नियमों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।  Stray Dogs

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calendar29 Nov 2025 12:36 PM
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देश की ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री में अब तक का सबसे बड़ा भूचाल आया है। लोकसभा और राज्यसभा से पास हुए Online Gaming Bill 2025 ने रियल-मनी गेम्स पर रोक लगा दी है, जिससे कंपनियों के शेयरों में गिरावट का दौर शुरू हो गया है। इसी के चलते Dream11 जैसे बड़े प्लेटफॉर्म ने अपनी रियल-मनी गेमिंग यूनिट को बंद करने की रणनीति अपनाना शुरू कर दिया है। बिल ने उद्योग में तहलका मचा दिया है और 28 करोड़ से अधिक यूजर्स की फैंटेसी गेमिंग दुनिया में अस्थिरता पैदा कर दी है।  Online Gaming Bill 2025

28 करोड़ से ज्यादा यूजर्स प्रभावित

सूत्रों के अनुसार, बिल के लागू होने के बाद Dream11 ने तुरंत कदम उठाते हुए अपने रियल-मनी गेम्स बिजनेस को बंद करने का निर्णय लिया है। इस फैसले का सीधा असर इसके प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर्ड 28 करोड़ से अधिक यूजर्स पर पड़ेगा। सरकार का नया बिल ऑनलाइन गेम्स में वास्तविक पैसे के लेन-देन पर कानूनी रोक लगाता है, जिससे इस तरह के गेम्स का संचालन संभव नहीं रह जाएगा। फैंटेसी गेमिंग की दिग्गज कंपनी Dream11 की स्थापना 2008 में हर्ष जैन और भावित शेठ ने की थी।

आज यह भारत का सबसे बड़ा फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म बन चुका है। FY24 में Dream11 का राजस्व लगभग 9,600 करोड़ रुपये रहा, जिसमें से 90% कमाई केवल रियल-मनी कॉन्टेस्ट से हुई। क्रिकेट आधारित गेम्स ने इस राजस्व में अहम योगदान दिया।कंपनी के CEO हर्ष जैन ने एक आंतरिक नोट में कर्मचारियों को स्पष्ट किया कि नया कानून लागू होने के बाद भुगतान आधारित गेम्स जारी रखना अब संभव नहीं है। इसके तहत सभी स्थायी और कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी इस बदलाव की जानकारी प्राप्त कर चुके हैं।

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तेजी से बढ़ी Dream11 की वैल्यूएशन

Dream11 ने अपनी शुरुआत के बाद तेजी से बढ़त दर्ज की और 2021 तक इसकी वैल्यूएशन 8 अरब डॉलर तक पहुंच गई थी। इस प्लेटफॉर्म को टाइगर ग्लोबल, क्रिसकैपिटल, मल्टीपल्स और TCV जैसे निवेशकों का समर्थन प्राप्त है। हालांकि, अभी तक कंपनी की ओर से रियल-मनी यूनिट बंद करने को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। Dream11 ऐप फिलहाल सामान्य रूप से काम कर रहा है।

क्यों हिल गई गेमिंग इंडस्ट्री?

Online Gaming Bill 2025 ने रियल-मनी फैंटेसी स्पोर्ट्स, पोकर और रमी पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। अब केवल ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग की अनुमति होगी। बिल के उल्लंघन पर तीन साल तक की जेल या 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इस कानून की संभावना से कंपनियों में अस्थिरता और शेयर बाजार में गिरावट का डर साफ देखा जा रहा है। इस बिल के साथ, भारत की ऑनलाइन गेमिंग दुनिया में नए नियम और गंभीर बदलाव अब अनिवार्य हो गए हैं, और Dream11 जैसे दिग्गज भी अब अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करने को मजबूर हैं।  Online Gaming Bill 2025

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राधाकृष्णन vs सुदर्शन : जानें उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत-हार का पूरा खेल

राधाकृष्णन vs सुदर्शन : जानें उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत-हार का पूरा खेल
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userचेतना मंच
calendar22 Aug 2025 10:59 AM
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इस साल के उपराष्ट्रपति चुनाव ने राजनीतिक हलकों में गर्माहट पैदा कर दी है। एनडीए के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन, तमिलनाडु के अनुभवी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल, अपनी रणनीति और अनुभव के दम पर मैदान में हैं। वहीं, विपक्ष के प्रत्याशी बी. सुदर्शन रेड्डी, आंध्र प्रदेश के पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज, न्यायिक विशेषज्ञता और निष्पक्ष छवि के साथ मुकाबले में हैं। यह चुनाव केवल एक संवैधानिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि दक्षिण भारत के दो प्रभावशाली नेताओं के बीच सीधी टक्कर बन गया है। स्वतंत्रता के बाद 1952 में पहले चुनाव के बाद से उपराष्ट्रपति पद हमेशा गरिमा और सम्मान का प्रतीक रहा है, लेकिन इस बार इसे राजनीतिक रोमांच और नेतृत्व की चुनौती ने और दिलचस्प बना दिया है।    Vice Presidential Election 2025

पिछली जीत-हार के आंकड़े

इतिहास बताता है कि केंद्र में सत्ता में रहने वाली पार्टी के उम्मीदवारों को अधिकतर जीत मिली है।

  • 1997: जनता दल के कृष्ण कांत 441 वोट (61.76%) से विजयी हुए।

  • 2002: बीजेपी के भैरोंसिंह शेखावत 454 वोट (59.82%) से सुशील कुमार शिंदे को हराया।

  • 2007: कांग्रेस के मोहम्मद हामिद अंसारी 455 वोट (60.50%) से जीते।

  • 2012: हामिद अंसारी ने 490 वोट (67.31%) से जसवंत सिंह को हराया।

  • 2017: बीजेपी के वेंकैया नायडू 516 वोट (67.89%) से जीत हासिल की।

  • 2022: जगदीप धनखड़ ने 528 वोट (74.37%) से रिकॉर्ड जीत दर्ज की।

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निर्विरोध चुने गए उपराष्ट्रपति

  • 1952 और 1957: सर्वपल्ली राधाकृष्णन

  • 1969: गोपाल स्वरूप पाठक

  • 1979: मोहम्मद हिदायतुल्लाह

  • 1987: शंकर दयाल शर्मा

मौजूदा राजनीतिक गणित

इस बार भी एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में बहुमत की संभावना है। संसद के दोनों सदनों में बीजेपी के पास स्पष्ट बढ़त है। कुल 782 योग्य मतदाताओं में जीत के लिए 392 वोट जरूरी हैं। एनडीए के पास लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 133 सीटें हैं, यानी क्रॉस वोटिंग नहीं हुई तो 426 वोट उनके पक्ष में हैं। विपक्ष की संभावनाएँ सीमित हैं। उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान 9 सितंबर को होगा और उसी दिन मतगणना भी होगी। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त थी, जबकि नाम वापस लेने की आखिरी तारीख 25 अगस्त थी। यह चुनाव जगदीप धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने के बाद आयोजित किया जा रहा है।  Vice Presidential Election 2025