Sunday, 19 May 2024

एक मौत ऐसी भी : मरने वाले के लिए लोग बोल रहे हैं कि मर गया तो राड कटी

Noida News : किसी की भी मौत हमेशा एक दुखद घटना होती है। मौत के बाद हर कोई दु:ख व्यक्त…

एक मौत ऐसी भी : मरने वाले के लिए लोग बोल रहे हैं कि मर गया तो राड कटी

Noida News : किसी की भी मौत हमेशा एक दुखद घटना होती है। मौत के बाद हर कोई दु:ख व्यक्त करता है किंतु उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के एक गांव में हुई मौत पर उल्टी प्रतिक्रिया आ रही है। नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा के अधिकतर लोग बोल रहे हैं कि ”मर गया तो राड कट गई” ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के गांव में शुक्रवार की देर रात यह मौत पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।

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किसकी हुई मौत

हमारे सहयोगी वरिष्ठ पत्रकार राजेश बैरागी की रिपोर्ट के अनुसार, ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में हुए चर्चित तुस्याना भूमि घोटाले के मुख्य आरोपी ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के गांव मकौड़ा के पूर्व प्रधान और भूमि संबंधी विवादों के लिए पहचाने जाने वाले राजेंद्र सिंह भाटी का शुक्रवार को सुबह हृदयाघात से निधन हो गया। चर्चित तुस्याना भूमि घोटाले के मुख्य आरोपी राजेन्द्र सिंह भाटी या राजेन्द्र मकौड़ा की चर्चित जीवन यात्रा ठहर गई। वे लगभग 75 वर्ष के थे। शुक्रवार की सुबह उन्हें हृदयाघात हुआ जिसके बाद उनके परिजन उन्हें कैलाश अस्पताल ले गए। चिकित्सकों ने उन्हें बचाने का भरपूर प्रयास किया, परंतु उन्हें बचाया नहीं जा सका।

शुक्रवार देर शाम सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में ग्रेटर नोएडा स्थित उनके गाँव मकोड़ा में उनका अंतिम संस्कार किया गया। लंबे ठाड़े रौबीले व्यक्तित्व के स्वामी राजेन्द्र सिंह भाटी पीठ में उभार के कारण थोड़ा झुककर चलते थे। यही उनकी पहचान भी थी। वे क्षेत्र के बड़े भूमि व्यवहारी थे। क्षेत्र के अधिकांश गांवों में उनके भूमि संबंध थे। उनका विवादों से पुराना नाता था। उनका पुलिस प्रशासन और न्यायिक अधिकारियों से भी गहरा नाता था। नोएडा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, गौतमबुद्धनगर जिला प्रशासन, जिला न्यायालय यहां तक कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद तक राजेन्द्र सिंह भाटी एक जाना पहचाना नाम था। इसी प्रकार राज्य और केंद्र के अनेक मंत्री संतरी उनके इशारे के गुलाम रहे।

गौतमबुद्धनगर जिले के गठन के पश्चात तत्कालीन राजस्व मंत्री वीरेन्द्र सिंह, सिरोही राजेन्द्र सिंह भाटी के इशारे पर कलेक्ट्रेट को बिलासपुर कस्बे के निकट बनवाने पर अड़े हुए थे। उस समय जिले के बड़े भाजपा नेता और विधायक नवाब सिंह नागर ने अपने मंत्री के विरुद्ध मोर्चा खोलकर सूरजपुर में कलेक्ट्रेट बनवाने के लिए सर्वदलीय पंचायत आयोजित की थी। अकूत धन संपत्ति के स्वामी राजेन्द्र सिंह भाटी का अपने ही गांव के निवासी और बाहुबली विधायक महेंद्र सिंह भाटी से हमेशा छत्तीस का आंकड़ा रहा। तुस्याना भूमि घोटाले में मुख्य आरोपी होने के बावजूद राजेन्द्र मकौड़ा जेल नहीं गये। उन्हें इलाहाबाद उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत खारिज होने के बावजूद सशर्त नियमित जमानत देने के चलते जिला न्यायालय के एक जज का समय पूर्व तबादला भी हुआ। अंतिम समय तक अधिकारियों को अपने इशारों पर नचाने वाले इस चर्चित व्यक्ति के निधन से उन अधिकारियों को गहरा धक्का लगा है जो नौकरी सरकारी करते हैं, परंतु काम राजेन्द्र सिंह भाटी के लिए करते थे।

दु:ख में भी तीखी प्रतिक्रिया

ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के प्रसिद्ध गांव मकोडा के रहने वाले राजेंद्र मकौड़ा के निधन से उनके परिजनों, परिचितों व रिश्तेदारों को गहरा दु:ख हुआ है। इस दु:ख के बीच में उनके निधन पर चौंकाने वाली प्रतिक्रिया आई है। लोगों का कहना है कि जमीनों के घोटाले करके राजेंद्र मकौड़ा ने अनेक परिवारों को बर्बाद कर दिया है। लोगों ने कहा कि मर गया तो राड कट गई।

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