पाकिस्तान की “सोने की खदान” पर मुनीर का बड़ा दावा, बदल सकती है देश की तकदीर

पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने हाल ही में एक अहम बयान जारी कर देश और दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने हाल ही में एक ऐसा बयान दिया है, जिसने देश की आर्थिक उम्मीदों को नई दिशा दे दी है। जनरल मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान बलूचिस्तान की मशहूर Reko Diq खदान में दफन एक विशाल खजाने पर बैठा है, जो देश की आर्थिक तकदीर बदल सकता है। उनके अनुसार, इस खदान के खनन से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में बड़ा उछाल आएगा, कर्ज और आर्थिक संकट की समस्या कम होगी, और देश दुनिया के अमीर राष्ट्रों की कतार में शामिल हो सकता है। Pakistan News
आर्मी चीफ के दावे: कर्ज कम, समृद्धि ज्यादा
जनरल मुनीर ने पाकिस्तानी मीडिया समूह को दिए इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान के पास दुर्लभ खनिजों का विशाल भंडार है, जो देश की आर्थिक तकलीफें दूर कर सकता है। उन्होंने रेको दिक खदान को “खजाने” के रूप में पेश करते हुए बताया कि अगले साल से इस खदान से कम से कम 2 अरब डॉलर प्रतिवर्ष का उत्पादन संभव है। अगर चीन इस परियोजना में सहयोग करता है, तो इससे अरबों डॉलर कमाए जा सकते हैं, जो राष्ट्रीय कर्ज को काफी हद तक घटा सकते हैं।
क्यों है Reko Diq खास ?
बलूचिस्तान के चगाई जिले में स्थित यह खदान प्राकृतिक संसाधनों से बेहद समृद्ध मानी जाती है। रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, खदान में अनुमानित 590 करोड़ टन खनिज मौजूद हैं, जिनमें सोने और तांबे की बड़ी मात्रा शामिल है। विशेषज्ञों के अनुसार, प्रति टन खनिज में लगभग 0.22 ग्राम सोना और 0.41 प्रतिशत तांबा पाया जा सकता है।
यह भी पढ़े:टीम इंडिया में ओपनिंग को लेकर जंग, किसे मिलेगा फाइनल मौका ?
खुदाई का इतिहास और विवाद
Reco Diq में पहली बार खुदाई 1995 में शुरू हुई थी। शुरुआती चार महीनों में ही 200 किलोग्राम सोना और 1,700 टन तांबा निकाला गया। उस समय उम्मीद जताई गई थी कि यहां लगभग 40 करोड़ टन सोने का भंडार मौजूद हो सकता है, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 2 ट्रिलियन डॉलर थी। हालांकि, 2011 में परियोजना को निलंबित कर दिया गया, क्योंकि पाकिस्तान ने इसे विकसित करने के लिए लाइसेंस देने से इंकार किया। तब से इस खदान को लेकर विवाद लगातार जारी है। फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार, इस खदान का 50% हिस्सा कनाडा स्थित बैरिक गोल्ड के पास है और बाकी 50% पाकिस्तान की संघीय व प्रांतीय सरकारों के बीच बांटा गया है। 2024 में रिपोर्ट्स आई कि सऊदी अरब का पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (PIF) इस परियोजना में 15% हिस्सेदारी लेने में रुचि रखता है। Pakistan News
पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने हाल ही में एक अहम बयान जारी कर देश और दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर ने हाल ही में एक ऐसा बयान दिया है, जिसने देश की आर्थिक उम्मीदों को नई दिशा दे दी है। जनरल मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान बलूचिस्तान की मशहूर Reko Diq खदान में दफन एक विशाल खजाने पर बैठा है, जो देश की आर्थिक तकदीर बदल सकता है। उनके अनुसार, इस खदान के खनन से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में बड़ा उछाल आएगा, कर्ज और आर्थिक संकट की समस्या कम होगी, और देश दुनिया के अमीर राष्ट्रों की कतार में शामिल हो सकता है। Pakistan News
आर्मी चीफ के दावे: कर्ज कम, समृद्धि ज्यादा
जनरल मुनीर ने पाकिस्तानी मीडिया समूह को दिए इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान के पास दुर्लभ खनिजों का विशाल भंडार है, जो देश की आर्थिक तकलीफें दूर कर सकता है। उन्होंने रेको दिक खदान को “खजाने” के रूप में पेश करते हुए बताया कि अगले साल से इस खदान से कम से कम 2 अरब डॉलर प्रतिवर्ष का उत्पादन संभव है। अगर चीन इस परियोजना में सहयोग करता है, तो इससे अरबों डॉलर कमाए जा सकते हैं, जो राष्ट्रीय कर्ज को काफी हद तक घटा सकते हैं।
क्यों है Reko Diq खास ?
बलूचिस्तान के चगाई जिले में स्थित यह खदान प्राकृतिक संसाधनों से बेहद समृद्ध मानी जाती है। रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, खदान में अनुमानित 590 करोड़ टन खनिज मौजूद हैं, जिनमें सोने और तांबे की बड़ी मात्रा शामिल है। विशेषज्ञों के अनुसार, प्रति टन खनिज में लगभग 0.22 ग्राम सोना और 0.41 प्रतिशत तांबा पाया जा सकता है।
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खुदाई का इतिहास और विवाद
Reco Diq में पहली बार खुदाई 1995 में शुरू हुई थी। शुरुआती चार महीनों में ही 200 किलोग्राम सोना और 1,700 टन तांबा निकाला गया। उस समय उम्मीद जताई गई थी कि यहां लगभग 40 करोड़ टन सोने का भंडार मौजूद हो सकता है, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 2 ट्रिलियन डॉलर थी। हालांकि, 2011 में परियोजना को निलंबित कर दिया गया, क्योंकि पाकिस्तान ने इसे विकसित करने के लिए लाइसेंस देने से इंकार किया। तब से इस खदान को लेकर विवाद लगातार जारी है। फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार, इस खदान का 50% हिस्सा कनाडा स्थित बैरिक गोल्ड के पास है और बाकी 50% पाकिस्तान की संघीय व प्रांतीय सरकारों के बीच बांटा गया है। 2024 में रिपोर्ट्स आई कि सऊदी अरब का पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड (PIF) इस परियोजना में 15% हिस्सेदारी लेने में रुचि रखता है। Pakistan News







