Gyanvapi case: ज्ञानवापी का मामला एक बार फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, मुस्लिम पक्ष ने लगाई अर्जी

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 05:52 PM
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  Gyanvapi case: नयी दिल्ली, ज्ञानवापी केस पर नई अपडेट आई है ।अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने ज्ञानवापी मस्जिद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) सर्वेक्षण की अनुमति देने संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया। अधिवक्ता निजाम पाशा ने तत्काल सुनवाई के लिए प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ के समक्ष मामले का उल्लेख किया। प्रधान न्यायाधीश अनुच्छेद 370 मुद्दे पर दलीलें सुनने वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे हैं। Gyanvapi case: ‘मैं तुरंत ईमेल देखूंगा।’’- प्रधान न्यायाधीश पाशा ने कहा, ‘‘इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने आज एक आदेश पारित किया है। हमने आदेश के खिलाफ एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) दायर की है। मैंने (तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए) एक ईमेल भेजा है। उन्हें सर्वेक्षण की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ानी चाहिए।’’ प्रधान न्यायाधीश ने इस बात पर गौर फरमाते हुए कहा, ‘‘मैं तुरंत ईमेल देखूंगा।’’ हिंदू पक्ष के एक पक्ष ने उच्चतम न्यायालय में एक कैविएट भी दायर की है जिसमें कहा गया है कि इस मामले में उन्हें सुने बिना कोई आदेश पारित नहीं किया जाए। इससे पहले दिन में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण के खिलाफ अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी। Gyanvapi case: मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर ने सभी पक्षों को सुना वाराणसी जिला अदालत का आदेश 21 जुलाई को जारी किया गया था और इसे अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने चुनौती दी थी। अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ज्ञानवापी समेत कई मस्जिदों की देखरेख करती है। मुख्य न्यायाधीश प्रितिंकर दिवाकर ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 27 जुलाई को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था। Delhi News: महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मुद्दे पर गहलोत सरकार घेरे में
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Delhi News: दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है, कानून बनाने का अधिकार :अमित शाह

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:59 PM
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Delhi News:नयी दिल्ली, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक’संसद में लाकर उच्चतम न्यायालय के फैसले का किसी तरह से उल्लंघन नहीं किया गया है और संविधान के तहत संसद को दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र से संबंधित किसी भी विषय पर कानून बनाने का पूर्ण अधिकार प्राप्त है। [caption id="attachment_105634" align="aligncenter" width="259"]Delhi News Delhi News[/caption]

Delhi News: विधेयक का विरोध करने वाले कांग्रेस सदस्यों पर शाह का बयान

‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक, 2023’को चर्चा एवं पारित होने के लिए निचले सदन में रखते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा, ‘‘दिल्ली न तो पूर्ण राज्य है, न ही पूर्ण संघ शासित प्रदेश है। राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते संविधान के अनुच्छेद 239 ए ए में इसके लिए एक विशेष प्रावधान है।’’ उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 239 ए ए के तहत इस संसद को दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र या इससे संबंधित किसी भी विषय पर कानून बनाने का पूर्ण अधिकार प्राप्त है। शाह ने कहा कि कुछ सदस्यों ने कहा कि इस विधेयक को उच्चतम न्यायालय के फैसले का उल्लंघन करके लाया गया है, लेकिन वह उन सदस्यों से कहना चाहते हैं कि न्यायालय के फैसले के मनपसंद हिस्से की बजाए पूरा संदर्भ दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले में पैरा 86, पैरा 95 और पैरा 164 (एफ) में स्पष्ट किया गया है कि अनुच्छेद 239 ए ए में संसद को दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र के विषय पर कानून बनाने का अधिकार है।

Delhi News: इस विधेयक की सिफारिश पंडित नेहरू ने की थी: गृह मंत्री

दिल्ली की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए अमित शाह ने कहा कि पट्टाभि सीतारमैया समिति ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की सिफारिश की थी। उन्होंने कहा कि जब यह विषय तत्कालीन संविधान सभा के समक्ष आया तब पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, राजाजी (राजगोपालाचारी), डॉ राजेंद्र प्रसाद और डॉ भीमराव आंबेडकर ने दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्ज दिये जाने का विरोध किया था। शाह के अनुसार, पंडित नेहरू ने तब कहा था कि रिपोर्ट आने के दो साल बाद आज दुनिया बदल गई है, भारत बदल गया है, ऐसे में इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता और इसे स्वीकार करना वास्तविकता से मुंह मोड़ना होगा। शाह ने विधेयक का विरोध करने वाले कांग्रेस सदस्यों से कहा कि आज वे जिसका विरोध कर रहे हैं, उसकी सिफारिश पंडित नेहरू ने की थी।उन्होंने कहा कि 1993 के बाद दिल्ली में कभी कांग्रेस और कभी भाजपा की सरकार आईं और दोनों में से किसी दल ने दूसरे (विपक्ष) के साथ झगड़ा नहीं किया, लेकिन 2015 में ऐसी सरकार आई जिसका मकसद सेवा करना नहीं, केवल झगड़ा करना है।
Delhi News: "देश और दिल्ली के भले के लिए इसका समर्थन करना चाहिए।"
शाह ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वास्तव में इनका मकसद कानून व्यवस्था और स्थानांतरण पर नियंत्रण नहीं, बल्कि विजिलेंस को नियंत्रण में लेकर ‘बंगले’ का और भ्रष्टाचार का सच छिपाना है। शाह ने कहा, ‘‘मेरी सभी सदस्यों से विनती है कि चुनाव जीतने के लिए, किसी का समर्थन हासिल करने के लिए, किसी विधेयक का समर्थन या विरोध करने की राजनीति नहीं करनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि नया गठबंधन बनाने के अनेक प्रकार होते हैं, विधेयक और कानून देश के भले के लिए लाए जाते हैं और इसका विरोध या समर्थन भी देश और दिल्ली के भले के लिए करना चाहिए।   गृह मंत्री ने कहा, ‘‘ मेरी विपक्ष के सदस्यों से अपील है कि आप दिल्ली की सोचिए, गठबंधन की मत सोचिए। क्योंकि गठबंधन होने के बाद भी पूर्ण बहुमत से नरेन्द्र मोदी ही अगली बार प्रधानमंत्री बनने वाले हैं। Read More – Noida News : नोएडा में फिर लगाई गई धारा-144, जानें इस बार क्या है कारण
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बड़ी खबर : NGT ने भाजपा सांसद बृजभूषण पर कसा शिकंजा, अवैध खनन को लेकर गठित की समिति

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Brij Bhushan Singh
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 04:24 PM
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Brij Bhushan Singh : नई दिल्ली/गोंडा। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद बृजभूषण सिंह की उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिले के कुछ गांवों में अवैध खनन में संलिप्तता का दावा करने वाली याचिका पर तथ्यात्मक स्थिति का पता लगाने तथा उपचारात्मक कार्रवाई करने के लिए एक समिति गठित की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि कैसरगंज से सांसद सिंह जिले की तरबगंज तहसील के माझारथ, जैतपुर और नवाबगंज गांवों में ‘‘अवैध खनन’’ में लिप्त हैं।

याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है, ‘‘हर दिन 700 से अधिक ट्रकों में लादकर लघु खनिजों का अवैध परिवहन, भंडारण किया जा रहा है। करीब 20 लाख घन मीटर वाले लघु खनिजों की अवैध बिक्री की जा रही और क्षमता से अधिक भार से लदे ट्रकों से पटपड़ गंज पुल तथा सड़क को नुकसान पहुंचा है।’’

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न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल की पीठ ने कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया याचिका में किए गए दावे पर्यावरण से संबंधित सवाल खड़े करते हैं।’’

पीठ ने बुधवार को कहा, ‘‘याचिका में किए दावों के मद्देनजर, हम इसे उचित मानते हैं कि तथ्यात्मक स्थिति का पता लगाने तथा उचित उपचारात्मक कार्रवाई करने के लिए एक संयुक्त समित का गठन किया जाए।’’

एनजीटी ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए सात नवंबर की तारीख तय की है। इस बीच, गोंडा की जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि राजा राम नामक व्यक्ति ने जिले की तरबगंज तहसील में घाघरा तथा सरयू नदियों के तटवर्ती इलाकों में अवैध खनन की शिकायत एनजीटी से की है। इस सिलसिले में गठित जांच समिति में मुझे भी सदस्य बनाया गया है।

उन्होंने बताया, 'हम पूरी प्रतिबद्धता और गहराई से मामले की जांच करेंगे। हालांकि हमें अभी आधिकारिक रूप से आदेश की मूल प्रति प्राप्त नहीं हुई है।’’

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2017 में भी हुई थी कार्यवाही

शर्मा ने बताया कि गोंडा जिले में काफी समय से अवैध खनन का मामला चल रहा है और 2017 में भी एनजीटी ने कार्रवाई करते हुए एक मामले में भारी जुर्माना लगाया था, मगर मामले की प्रभावी पैरवी न किए जाने के कारण इस पर स्थगनादेश मिल गया था। लचर कार्यप्रणाली के कारण पिछले दिनों गोंडा के खनन निरीक्षक को शासन ने निलम्बित भी कर दिया गया है।

इस बीच, भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने अवैध खनन में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है। सिंह ने एक ट्वीट में कहा कि अवैध खनन से उनका दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ चल रही तमाम खबरें झूठी हैं। आपको बता दें कि भाजपा सांसद सिंह महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में भी आरोपी हैं। Brij Bhushan Singh

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