अब इलेक्ट्रिक गाड़ियां भी बोलेंगी! पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए आ रहा है नया नियम

अब इलेक्ट्रिक गाड़ियां भी बोलेंगी! पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए आ रहा है नया नियम
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:24 AM
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इलेक्ट्रिक वाहन अपनी खामोशी के लिए मशहूर हैं, लेकिन यही ‘साइलेंस’ सड़क पर पैदल चलने वालों और दोपहिया चालकों के लिए खतरा बन सकता है। स्लो स्पीड पर चलते समय ये वाहन इतनी कम आवाज करते हैं कि आसपास मौजूद लोगों को इनके आने का आभास ही नहीं होता। इसी खतरे को टालने के लिए केंद्र सरकार ने EVs की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी करते हुए साफ किया है कि आने वाले सालों में सभी इलेक्ट्रिक वाहनों में ऑकस्टिक व्हीकल अलर्ट सिस्टम (AVAS) लगाना अनिवार्य होगा। यह सिस्टम न सिर्फ पैदल यात्रियों बल्कि सड़क पर मौजूद साइकिल सवारों और अन्य यूज़र्स को भी वाहन की मौजूदगी का समय रहते अहसास कराएगा। सरल शब्दों में कहें तो, अब इलेक्ट्रिक कारें खामोश नहीं बल्कि सुरक्षित होंगी।  EV AVAS System

2026 से अनिवार्य होगा AVAS सिस्टम

सरकार ने EV से जुड़ी सुरक्षा को लेकर समयसीमा तय कर दी है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के नए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के अनुसार, 1 अक्टूबर 2026 से बाजार में लॉन्च होने वाले सभी नए पैसेंजर और माल-वाहक इलेक्ट्रिक वाहनों में ऑकस्टिक व्हीकल अलर्ट सिस्टम (AVAS) लगाना अनिवार्य होगा। इतना ही नहीं, जो इलेक्ट्रिक मॉडल पहले से प्रोडक्शन में हैं, उन्हें भी 1 अक्टूबर 2027 तक इस नियम का पालन करना अनिवार्य होगा। यानी आने वाले दो सालों में सड़क पर दौड़ने वाले लगभग हर बड़े इलेक्ट्रिक वाहन से सुरक्षा की ये “नई आवाज़” सुनाई देगी।

क्या है AVAS सिस्टम?

AVAS दरअसल इलेक्ट्रिक गाड़ियों की "कृत्रिम आवाज़" है। जैसे ही वाहन 20 किलोमीटर प्रति घंटे से कम स्पीड पर चलता है, यह सिस्टम अपने आप सक्रिय होकर ऐसी ध्वनि पैदा करता है, जिससे पैदल यात्री, साइकिल सवार और सड़क पर मौजूद अन्य लोग आसानी से सतर्क हो सकें। इतना ही नहीं, रिवर्स गियर डालते ही भी यह सिस्टम एक्टिव हो जाता है। वहीं हाई स्पीड पर, जहां टायर और हवा की आवाज ही पर्याप्त चेतावनी देती है, वहां AVAS अपने आप बंद हो जाता है। यानी धीमी रफ्तार पर भी अब इलेक्ट्रिक वाहन सड़क पर "खामोश खतरा" नहीं बल्कि "सुरक्षित साथी" बनेंगे।

क्यों जरूरी है यह तकनीक?

  • इलेक्ट्रिक कारें पारंपरिक पेट्रोल-डीज़ल वाहनों की तुलना में बेहद शांत होती हैं।

  • अमेरिकी ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की रिपोर्ट कहती है कि ईवीज़ पैदल यात्रियों के लिए पेट्रोल-डीज़ल वाहनों से 20% ज्यादा और स्लो स्पीड पर 50% ज्यादा खतरा पैदा करती हैं।

  • अमेरिका, जापान और यूरोप जैसे देशों में AVAS पहले से अनिवार्य है। अब भारत भी इसी राह पर बढ़ रहा है।

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किन वाहनों में होगा लागू?

  • M कैटेगरी: पैसेंजर व्हीकल्स (कार, बस, वैन)

  • N कैटेगरी: माल-वाहक वाहन (ट्रक, वैन आदि) यानी 2026 से सभी नई इलेक्ट्रिक कारें, बसें और ट्रक इस तकनीक से लैस होंगे। हालांकि, फिलहाल टू-व्हीलर, थ्री-व्हीलर और ई-रिक्शा को इसमें शामिल नहीं किया गया है।

भारत में किन गाड़ियों में पहले से मौजूद है AVAS?

भारत में कुछ इलेक्ट्रिक मॉडल पहले ही AVAS के साथ आते हैं। इनमें एमजी कॉमेट, टाटा कर्व ईवी, हुंडई क्रेटा इलेक्ट्रिक, महिंद्रा XEV 9e और BE 6 शामिल हैं। ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में यह भी सुझाव दिया गया है कि ट्यूबलैस टायर वाली गाड़ियों में स्पेयर टायर की अनिवार्यता खत्म की जाए। इसका सीधा फायदा कार मेकर्स और उपभोक्ताओं दोनों को मिलेगा।      EV AVAS System

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भारत के लिए आ गई बड़ी खुशखबरी, बढ़ेगी GDP ग्रोथ

भारत के लिए आ गई बड़ी खुशखबरी, बढ़ेगी GDP ग्रोथ
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 10:41 PM
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भारत के लिए बड़ी खुशखबरी गई है। भारत के लिए आई ताजा खुशखबरी भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर आई है। दुनिया की बड़ी-बड़ी एजेंसियों ने भारत की GDP ग्रोथ के बढऩेे की बड़ी भविष्यवाणी कर दी है। भारत की जीडीपी... की ग्रोथ बढऩे की भविष्यवाणी का सीधा अर्थ यह है कि अमेरिका जैसे देश भारत को नुकसान पहुंचाने का कितना भी प्रयास क्यों ना कर लें भारत तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। GDP ग्रोथ को लेकर आई खबर से साफ जाहिर है कि भारत भविष्य में और अधिक तेजी के साथ आगे बढऩे वाला है।    GDP Growth Rate Of India

अमेरिका की दादागिरी का असर नहीं पड़ेगा भारत की GDP ग्रोथ पर

सबको पता है कि अमेरिका ने रूस का नाम लेकर भारत के ऊपर 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लगा दिया है। भारत ने अमेरिका के 50 प्रतिशत वाले टैरिफ को गंभीरता से नहीं लिया तो अमेरिका जाने वाले भारत के बेटे तथा बेटियों की रफ्तार रोकने के लिए  H1B Visha पर अनाप-शनाप फीस लगा दी। हाल ही में आई अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत की GDP पर किसी भी प्रकार के दबाव को कोई असर नहीं पड़ रहा है। रिपोर्ट में भारत की GDP के बढऩे के अनुमान की घोषणा की गई है। इससे पहले भी दुनिया की एजेंसियां भारत की GDP के बढऩे की घोषणा कर चुकी है। ऐसे में यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि भारत अब रूकने वाला नहीं है।

EYE की रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारत की GDP 6.7 प्रतिशत होगी

दुनिया की प्रतिष्ठित एजेंसी EYE ने वित्त वर्ष-2025-26 के लिए भारत की GDPकी ग्रोथ का अनुमान 6.7 प्रतिशत घोषित किया है। EYE द्वारा भारत की GDP ग्रोथ में 20 प्रतिशत बेसिक प्वाइंट की बढ़ोत्तरी की है। इससे पहले की रिपोर्टस में भारत की GDPग्रोथ 6.5 प्रतिशत की रफ्तार से बढऩे का अनुमान जताया गया था EYE द्वारा जारी की गई । EYE ने अपनी इकोनॉमी वॉच रिपोर्ट सितंबर 2025 में कहा है कि FY26 की पहली तिमाही में रियल जीडीपी ग्रोथ 7.8 फीसदी दर्ज की गई। इसमें कहा गया है कि वैश्विक चुनौतियां भले ही भारतीय निर्यात को प्रभावित कर रही हैं, लेकिन इसके बावजूद GST सुधारों से डिमांड में इजाफा देखने को मिल रहा है। ये बड़ा कारण है कि हमने भारत की सालाना GDP ग्रोथ अनुमान को पहले से बढ़ाकर 6.7 फीसदी किया है। ईवाई इंडिया के चीफ पॉलिसी एडवाइजर डीके श्रीवास्तव ने कहा है कि जीएसटी के तहत टैक्स स्लैब में बदलाव से कुछ वस्तुओं की कीमतों में अच्छी खासी कमी आई है, जिन सेक्टर्स को बड़ा फायदा हुआ है, उनमें फूड से लेकर कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स-ऑटो तक शामिल हैं। लेकिन इन सुधारों से होने वाले फायदों के साथ ही देश को अपने निर्यात और आयात स्रोतों में विविधता लानी होगी, क्योंकि अभी तक ये अधिकतक US- China पर निर्भर रहा है।

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फिच तथा OECD भी बढ़ा चुके हैं भारत की GDP ग्रोथ

EYE से पहले फिच रेटिंग्स और OECD ने भी भारत की जीडीपी ग्रोथ के अपने पूर्वानुमान में हाल ही में इजाफा किया है. जहां एक ओर फिच ने जून 2025 तिमाही में मजबूत बढ़ोतरी और डिमांड के चलते GDP ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 6.9 फीसदी कर दिया है। तो इसके बाद बीते सप्ताह ही पेरिस के फ्रांस स्थित आर्थिक सहयोग और विकास संगठन ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत का ग्रोथ अनुमान 40 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर पहले के 6.3% से 6.7%कर दिया है. संगठन ने भी अपने पूर्वानुमान में जोरदार बढ़ोतरी के लिए भारत सरकार द्वारा भारत में लागू किए गए GST रिफॉर्म्स को वजह बताया था। इस प्रकार यह स्पष्ट है कि भारत रूकने वाला नहीं है। भारत तेजी के साथ आगे बढऩे वाला है।   GDP Growth Rate Of India
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भारत के लिए 1 अक्टूबर को है बड़ा दिन, होगी बड़ी घोषणा

भारत के लिए 1 अक्टूबर को है बड़ा दिन, होगी बड़ी घोषणा
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userचेतना मंच
calendar29 Sep 2025 04:56 PM
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भारत के लिए 1 अक्टूबर-2025 (1 October 2025) का दिन बहुत ही खास दिन है। दरअसल 1 अक्टूबर-2025 (1 October 2025) को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बड़ी घोषणा करेगा। RBI की मौदिक नीति समिति की बैठक चल रही है। RBI की यह बैठक 29 सितंबर 2025 को शुरू हुई है। RBI की विशेष समिति की यह बैठक दो दिन तक चलेगी। दो दिन की बैठक के बाद RBI इस बैठक के नतीजों की घोषणा करेगा। जानकार सूत्रों का दावा है कि 1 अक्टूबर-2025 (1 October 2025) को RBI रेपो रेट कम करने की घोषणा करके भारत के नागरिकों को दीपावली का बड़ा गिफ्ट दे सकता है।    Repo Rate

रेपो रेट घटाकर लोन की किश्त में छूट दे सकता है RBI 

RBI  की मौद्रिक बैठक को लेकर अनेक प्रकार के अनुमान लगाए जा रहे हैं। RBI को लेकर लग रहे अनुमान के विषय में 1 अक्टूबर को पूरी जानकारी मिल जाएगी। RBI की मौद्रिक समिति की बैठक में रेपो रेट कम करने का बड़ा फैसला हो सकता है। वर्तमान समय में रेपा रेट 5.50 प्रतिशत है। इस कारण बैंकों से लोन लेने वालों को महंगी EMI देनी पड़ रही है। अनुमान लगाया जा रहा है कि RBI रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत  तक कम कर सकता है। रेपो रेट कम होने से बैंकों से लोन लेने वालों की EMI यानि की प्रति माह दी जाने वाली किश्त कम हो सकती है। इस बीच कुछ विशेषज्ञों की दूसरी राय भी सामने आई है। दूसरी राय वाले विशेषज्ञों का कहना है कि RBI रेपो रेट को ज्यों का त्यों रखने का फैसला कर सकता है।

अमेरिका को सबक सिखाने के लिए RBI लेगा बड़ा फैसला

आपको बता दें कि RBI में मौदिक नीति समिति सबसे महत्वपूर्ण समिति होती है। RBI के गर्वनर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में चल रही RBI मौद्रिक समिति की बैठक में अमेरिका के टैरिफ के कारण बड़ा फैसला लिया जा सकता है। अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ के बाद भी भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है। यह संदेश देने के लिए RBI रेपो रेट कम करने की घोषणा करके भारत के नागरिकों को दीपावली से पहले ही दीपावली का बड़ा गिफ्ट दे सकता है। वर्ष-2025 में RBI की मौद्रिक समिति की चार बैठकों में से तीन बैठकों में रेपो रेट कम किया गया है। वर्ष-2024 में RBI ने रेपो रेट 6.50 प्रतिशत तय कर रखा था। पिछली तीन बैठकों में रेपो रेट को घटाकर 5.50 तक लाया गया है। अनुमान है कि इस बार की बैठक में भी रेपो रेट कम किया जाएगा। 

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क्या होता है रेपो रेट?

रेपो रेट की चर्चा चल रही है। हो सकता है कि आप  के रेपो रेट को नहीं भी जानते हों। हम आपको आसान शब्दों में बता देते हैं कि रेपो रेट क्या होता है? रेपो रेट (Repo Rate) वह दर है जिस पर भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) देश के बैंकों को अल्पकालिक (Short Term) ऋण प्रदान करता है। जब बैंकों को पैसों की कमी होती है तो वे अपने सिक्योरिटीज (जैसे सरकारी बॉन्ड) को गिरवी रखकर RBI से पैसे उधार लेते हैं। इस उधार पर RBI जो ब्याज दर वसूलता है, वही रेपो रेट कहलाती है।RBI समय-समय पर रेपो रेट में बदलाव करके अर्थव्यवस्था को नियंत्रित करता है। जैसे रेपो रेट बढ़ाना: जब महंगाई ज़्यादा होती है, तो RBI रेपो रेट बढ़ा देता है। इससे बैंकों को महंगा ऋण मिलता है और वे आम जनता को भी ऊँचे ब्याज पर लोन देते हैं। इससे बाज़ार में पैसे का प्रवाह कम हो जाता है और महंगाई घटाने में मदद मिलती है। रेपो रेट घटाना: जब आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की ज़रूरत होती है, तो RBI रेपो रेट घटा देता है। इससे बैंक सस्ते ऋण लेते हैं और लोगों को भी कम ब्याज पर लोन देते हैं। नतीजतन, बाज़ार में पैसों की उपलब्धता बढ़ जाती है।

रेपो रेट का असर आम जनता पर

रेपो रेट सीधे-सीधे आम आदमी की ज़िंदगी को प्रभावित करती है। होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की EMI रेपो रेट बढ़ने पर महंगी हो जाती है। रेपो रेट घटने पर EMI सस्ती हो जाती है। निवेशकों, व्यापारियों और उद्योगों के लिए भी इसका सीधा असर पड़ता है। रेपो रेट: RBI बैंकों को पैसे देता है। रिवर्स रेपो रेट: बैंक अपने अतिरिक्त पैसे को RBI के पास जमा करते हैं और उस पर ब्याज पाते हैं।    Repo Rate