गठबंधन के साथ ‘निकाह’ रहेगा या ‘तलाक’ केजरीवाल के रिहा होने के बाद फैसला : संजय सिंह

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Sanjay Singh
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 12:41 PM
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Sanjay Singh :  आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद तथा उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह ने आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नीत इंडी गठबंधन के साथ चुनाव लडऩे को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल से रिहा होने के बाद विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर विचार किया जाएगा। आम आदमी के पार्टी के राज्यसभा सांसद व उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह ने यह बात सेक्टर 11 में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। हाल ही में लोकसभा चुनाव 2024 में पंजाब और दिल्ली में आम आदमी पार्टी के खराब प्रदर्शन पर पूछे गए सवाल पर संजय सिंह ने कहा कि शीघ्र ही इसको लेकर विचार विमर्श किया जाएगा तथा लोकसभा चुनाव में जो खामियां रही उनको दुरुस्त किया जाएगाी। Sanjay Singh आप सांसद संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश खासकर अयोध्या में भाजपा की करारी हार को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि प्रभु श्री राम ने भाजपा के अहंकार को तोड़ दिया है। फैजाबाद में विकास के नाम पर सैकड़ों गरीबों के घर उजाड़ दिए गए तथा उनको ना तो मुआवजा दिया गया और ना ही वैकल्पिक रिहायशी सुविधा। इस कारण अयोध्या की जनता ने भाजपा को चुनाव में सबक सिखा दिया है। एक सवाल के जवाब में संजय सिंह ने कहा कि बैसाखी पर चल रही केंद्र की यह सरकार जल्द ही लडख़ड़ा कर गिर जाएगी। क्योंकि लोकसभा स्पीकर के चुनाव को लेकर भाजपा को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन की सियासी उठापटक पर पैनी नजर रहेगी तथा मौका पडऩे पर सरकार गठन पर भी विचार किया जाएगा।

जल संकट के लिए हरियाणा जिम्मेदार

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद व उत्तर प्रदेश के प्रभारी संजय सिंह ने देश की राजधानी दिल्ली में जारी जल संकट पर कहा कि दिल्ली में पानी की किल्लत हरियाणा सरकार की वजह से हो रही है। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार दिल्ली को अपेक्षित पानी की सप्लाई नहीं कर रही है जिसके कारण यह संकट पैदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली वासियों के वोटो पर जीते बीजेपी के सातों सांसद इस मामले में पहल करें तथा हरियाणा से पानी की आपूर्ति बढ़ाने का दबाव दें।

Sanjay Singh

नीट की परीक्षा में हुई धांधली

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह से जब पत्रकारों ने नीट परीक्षा को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि नीट परीक्षा में धांधली हुई है और इसके लिए केंद्र सरकार का शिक्षा मंत्रालय पूरी तरह से जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि पूर्व घोषित 18 जून के बजाय चुनाव परिणाम के दिन 4 जून को नीट परीक्षा के परिणाम घोषित किए गए जाना भी षड्यंत्र का एक हिस्सा है। यह एक पूर्व नियोजित षडयंत्र है जिसके लिए भाजपा सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है। उन्होंने नीट परीक्षा में हुई धांधली की सीबीआई जांच कर लाखों छात्रों को न्याय दिलाने की बात कही। इस अवसर पर आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह, युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष पंकज अवाना, प्रदेश मीडिया प्रभारी संजीव निगम, जिला महामंत्री राकेश अवाना समेत कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे। Sanjay Singh

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भारत को सुरक्षित रखने के लिए हर वक्त खतरे में रहते हैं अजीत डोभाल

AJIT
Ajit Doval
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 01:31 AM
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Ajit Doval : अजीत डोभाल का नाम भारत का बच्चा-बच्चा जानता है। जी हां वही अजीत डोभाल जिनके कंधों पर पूरे भारत को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी है। भारत के 140 करोड़ नागरिकों को सुरक्षित रखने वाले अजीत डोभाल खुद हर समय खतरे में रहते हैं। यूं भी बोल सकते हैं कि खतरों से खेलना अजीत डोभाल की आदत है। कुछ लोग तो अजीत डोभाल को खतरों का सबसे बड़ा खिलाड़ी भी कहते हैं।

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तीसरी बार बने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार

नरेन्द्र मोदी जब से भारत के प्रधानमंत्री बने हैं तभी से अजीत डोभाल भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार यानि NSA हैं। बृहस्पतिवार को अजीत डोभाल तीसरी बार भारत के NSA बने हैं। हर कोई जानना चाहता है कि आखिर अजीत डोभाल में ऐसी कौन सी विशेषता है जो उन्हें ही बार-बार भारत का NSA बनाया जाता है। हम यहां कम शब्दों में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की विशेषताओं से आपको परिचित करा रहे हैं। अजीत डोभाल किसी बड़े से बड़े फिल्मी किरदार से भी बड़े रियल हीरो हैं। दुनिया के अनेक लोग अजीत डोभाल को भारत का जेम्स बॉण्ड भी कहते हैं। पूरे करियर में अजित डोभाल ने महज 7 साल ही पुलिस की वर्दी पहनी। उनका ज्यादातर समय खुफिया विभाग में बतौर जासूस गुजरा है। अपनी हिम्मत और जज्बे के बूते डोभाल ने जासूसी की दुनिया में कई ऐसी मिसालें कायम कीं, जिसने उन्हें दुनिया रियल जेम्स बॉण्ड बना दिया।

अजित डोभाल का जीवन परिचय

20 जनवरी, 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में जन्मे अजीत डोभाल ने अजमेर मिलिट्री स्कूल से पढ़ाई की। केरल के 1968 बैच ढ्ढक्कस् अफसर अजित डोभाल अपनी नियुक्ति के चार साल बाद 1972 में ही इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) से जुड़ गए। 2005 में IB डायरेक्टर पोस्ट से रिटायर हुए। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में डोभाल मल्टी एजेंसी सेंटर और ज्वाइंट इंटेलिजेंस टास्क फोर्स के चीफ थे। अजित डोभाल वे विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के फाउंडर प्रेसिडेंट भी रह चुके हैं।

Ajit Doval

विवेकानंद फाउंडेशन को राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) के थिंक टैंक के तौर पर जाना जाता है। जासूसी की दुनिया में 37 साल का तजुर्बा रखने वाले अजित डोभाल 31 मई, 2014 को देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बने थे। 1980 के दशक में लालडेंगा के नेतृत्व में मिजो नेशनल फ्रंट के उग्रवाद को काबू करने के लिए अजीत डोभाल ने मोर्चा संभाला और ललडेंगा के 7 में से 6 कमांडरों को अपने साथ जोड़ लिया। खुफिया एजेंसी रॉ के अंडर कवर एजेंट के तौर पर अजित डोभाल 7 साल पाकिस्तान के लाहौर में एक पाकिस्तानी मुस्लिम बन कर रहे थे। जून 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर पर हुए आतंकी हमले के काउंटर ऑपरेशन ब्लू स्टार में जीत के नायक बने। वो रिक्शा वाला बनकर मंदिर के अंदर गए और आतंकियों की जानकारी सेना को दी, जिसके आधार पर ऑपरेशन में भारतीय सेना को सफलता मिली। 1999 में कंधार प्लेन हाईजैक के दौरान ऑपरेशन ब्लैक थंडर में अजीत डोभाल आतंकियों से निगोसिएशन करने वाले मुख्य अधिकारी थे। अजीत डोभाल 33 साल तक नॉर्थ-ईस्ट, जम्मू-कश्मीर और पंजाब में खुफिया जासूस रहे। 2015 में मणिपुर में आर्मी के काफिले पर हमले के बाद म्यांमार की सीमा में घुसकर उग्रवादियों के खात्मे के लिए सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन के हेड प्लानर रहे।

लगा बधाईयों का तांता

अब आप जरूर समझ गए होंगे कि अजीत डोभाल किस प्रकार भारत और हर भारतीय के हीरो हैं। रात-दिन खतरों से घिरे रहने वाले अजीत डोभाल को तीसरी बार भारत का सुरक्षा सलाहकार बनाए जाने पर दुनिया भर से बधाईयोंं का तांता लगा हुआ है। अजीत डोभाल को तीसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार NSA बनाए जाने का पूरे भारत में गर्मजोशी के साथ स्वागत हुआ है। Ajit Doval

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क्रिकेटर से सांसद बने यूसुफ पठान विवादों के घेरे में, मिला नोटिस

TMC MP Yusuf Pathan
TMC MP Yusuf Pathan
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 01:30 PM
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TMC MP Yusuf Pathan : भारतीय पूर्व क्रिकेटर और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नवनिर्वाचित लोकसभा सांसद यूसुफ पठान चुनाव जीतने के बाद विवादों में फंसते दिख रहे हैं। यूसुफ पठान को गृह राज्य गुजरात के वडोदरा नगर निगम(VMC) की तरीफ से एक नोटिस मिला है। सांसद यूसुफ पठान को यह नोटिस जमीन पर अतिक्रमण करने को लेकर दिया गया है।

TMC MP Yusuf Pathan

इस बारे में वीएमसी का कहना है कि सांसद यूसूफ पठान कि यह जमीन निगम की है जिस पर उन्होंने कब्जा किया हुआ है। भारतीय जनता पार्टी द्वारा शासित निगम की ओर से यह नोटिस लोकसभा चुनाव परिणाम आने के 2 दिन बाद ही 6 जून को भेजा गया था, लेकिन यह मामला खबरों में 14 जून को आया है।

BJP के पूर्व पार्षद ने उठाया मामला

आपको बता दें कि मद्दा भारतीय जनता पार्टी के पूर्व पार्षद विजय पवार की तरफ से उठाया गया है। जिसके बाद गुजरात की वडोदरा नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष शीतल मिस्त्री ने गुरुवार को मीडिया के सामने इस संबंध के बारे में जानकारी साझा की है। बता दें टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर यूसुफ पठान और सांसद पश्चिम बंगाल की बहरामपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीते है। दरअसल इससे पहले मीडिया से बातचीत करते हुे बीजेपी के पूर्व पार्षद विजय पवार ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार ने 2012 में पूर्व क्रिकेट यूफुस पठान को प्लॉट बेचने के वीएमसी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था, लेकिन हाल ही में सांसद बने पठान ने प्लॉट पर एक दीवार बनाकर खड़ी की और वहां पर अतिक्रमण कर लिया। पवार ने कहा, “मुझे यूसुफ पठान से कोई शिकायत नहीं है। टीपी 22 के अंतर्गत तनदालजा क्षेत्र में वीएमसी के स्वामित्व वाला एक प्लॉट आवासीय भूखंड है। साल 2012 में पठान ने वीएमसी से इस प्लॉट की मांग की थी, क्योंकि उस समय निर्माणाधीन उनका घर उस प्लॉट से सटा हुआ था। उन्होंने इस प्लॉट के लिए करीब 57,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की पेशकश भी की थी। ” TMC MP Yusuf Pathan

मजदूरों-किसानों के खातों से अचानक गायब हुए पैसे, बैंक जाकर किया विरोध

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