Gorakhpur News : इंजेक्शन लगने के बाद महिलाओं की बिगड़ी तबियत




wrestler protest /मुजफ्फरनगर। आंदोलनकारी अंतर्राष्ट्रीय पहलवानों के समर्थन में मुजफ्फरनगर के सोरम गांव में आयोजित सर्वखाप पंचायत में लिया गया फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। इस फैसले की घोषणा कुरुक्षेत्र में आयोजित महापंचायत में की जाएगी। इस दौरान पहलवानों के शोषण को लेकर खाप मुखियाओं और प्रतिनिधियों में काफी रोष नजर आया।
सोरम गांव में हुई इस महापंचायत में ये फैसला लिया गया है। कुरुक्षेत्र में एक और महापंचायत बुलाई गई है। इसके साथ ही आज हुई महापंचायत में लिए गए निर्णय को सुरक्षित रखने का प्रस्ताव दिया गया। खाप प्रमुख हरियाणा के कुरुक्षेत्र में होने वाली महापंचायत के बाद अंतिम निर्णय की घोषणा करेंगे।
महापंचायत में क्या फैसला लिया गया, इस बार में राकेश टैकैत ने मीडिया को बताया कि एक खाप चौधरी समिति बनाई जाएगी और हम तय करेंगे कि किससे मिलना है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गुरुवार को हुई सर्वखाप पंचायत के निर्णय की घोषणा कुरुक्षेत्र में होने वाली महापंचायत में की जाएगी।
इस दौरान किसान नेता ने कहा कि, 'POCSO मामलों में कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कानून में संशोधन होगा कि गिरफ्तारी नहीं बल्कि जांच पहले होगी? टिकैत ने कहा कि सच्चाई ये है कि वह केवल अपने लोगों को ही बचाएंगें। लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि खाप पंचायत और ये लड़कियां हारने वाली नहीं हैं। हम इसके लिए राष्ट्रपति से मिलेंगे।'
किसान नेता ने यह भी कहा कि अभी सरकार हमें जाति में बांटने की कोशिश कर रही है, लेकिन जो लड़े उनकी कभी कोई जाति नहीं थी वे योद्धा थे। इन लड़कियों के साथ भी ऐसा ही है। पहले उन्होंने हिंदू मुस्लिम किया। यूपी में हिंदू मुस्लिम किया। लालू परिवार को तोड़ा, मुलायम सिंह परिवार को विभाजित किया। वे केवल बांटना चाहते हैं। लेकिन ये लड़कियां ये पहलवान तिरंगा जाति से हैं। वे विदेश में राष्ट्रीय ध्वज के साथ गई थीं।
उन्होंने कहा कि इन लड़कियों को पुलिस ने परेशान किया। उन पर अत्याचार किए हैं। यह लड़ाई जारी रहेगी। जरूरत पड़ी तो यह लड़ाई देशव्यापी हो जाएगी। हम अयोध्या गए, वहां भी हमें समर्थन मिला। संत महात्माओं ने भी हमारा साथ दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि एक खाप चौधरी की समिति बनाई जाएगी और हम तय करेंगे कि किससे मिलना है।
इसके अलावा आगामी 3 जून को गठवाल (मलिक) खाप ने शामली के लिसाढ में खिलाड़ियों के मुद्दे पर खाप प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई है। बैठक में खाप पंचायत व सामाजिक संगठन हिस्सा लेंगे। खाप के मुखिया की ओर से कहा गया कि खिलाड़ियों को बलपूर्वक जंतर-मंतर आंदोलन स्थल से हटाया दिया गया है। खिलाड़ियों के विषय में भारत सरकार कोई हस्तक्षेप भी नही कर रही है। जिससे न्याय का मार्ग खुले,यह विषय समाज के लिए गंभीर है। गहन चिंतन के लिए बाबा राजेंद्र सिंह मलिक द्वारा एक आकस्मिक बैठक बुलाई गई है, जिसमें खाप पंचायत व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। बैठक में विचार करने के बाद ठोस रणनीति की घोषणा की जाएगी। wrestler protest
wrestler protest /मुजफ्फरनगर। आंदोलनकारी अंतर्राष्ट्रीय पहलवानों के समर्थन में मुजफ्फरनगर के सोरम गांव में आयोजित सर्वखाप पंचायत में लिया गया फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। इस फैसले की घोषणा कुरुक्षेत्र में आयोजित महापंचायत में की जाएगी। इस दौरान पहलवानों के शोषण को लेकर खाप मुखियाओं और प्रतिनिधियों में काफी रोष नजर आया।
सोरम गांव में हुई इस महापंचायत में ये फैसला लिया गया है। कुरुक्षेत्र में एक और महापंचायत बुलाई गई है। इसके साथ ही आज हुई महापंचायत में लिए गए निर्णय को सुरक्षित रखने का प्रस्ताव दिया गया। खाप प्रमुख हरियाणा के कुरुक्षेत्र में होने वाली महापंचायत के बाद अंतिम निर्णय की घोषणा करेंगे।
महापंचायत में क्या फैसला लिया गया, इस बार में राकेश टैकैत ने मीडिया को बताया कि एक खाप चौधरी समिति बनाई जाएगी और हम तय करेंगे कि किससे मिलना है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गुरुवार को हुई सर्वखाप पंचायत के निर्णय की घोषणा कुरुक्षेत्र में होने वाली महापंचायत में की जाएगी।
इस दौरान किसान नेता ने कहा कि, 'POCSO मामलों में कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कानून में संशोधन होगा कि गिरफ्तारी नहीं बल्कि जांच पहले होगी? टिकैत ने कहा कि सच्चाई ये है कि वह केवल अपने लोगों को ही बचाएंगें। लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि खाप पंचायत और ये लड़कियां हारने वाली नहीं हैं। हम इसके लिए राष्ट्रपति से मिलेंगे।'
किसान नेता ने यह भी कहा कि अभी सरकार हमें जाति में बांटने की कोशिश कर रही है, लेकिन जो लड़े उनकी कभी कोई जाति नहीं थी वे योद्धा थे। इन लड़कियों के साथ भी ऐसा ही है। पहले उन्होंने हिंदू मुस्लिम किया। यूपी में हिंदू मुस्लिम किया। लालू परिवार को तोड़ा, मुलायम सिंह परिवार को विभाजित किया। वे केवल बांटना चाहते हैं। लेकिन ये लड़कियां ये पहलवान तिरंगा जाति से हैं। वे विदेश में राष्ट्रीय ध्वज के साथ गई थीं।
उन्होंने कहा कि इन लड़कियों को पुलिस ने परेशान किया। उन पर अत्याचार किए हैं। यह लड़ाई जारी रहेगी। जरूरत पड़ी तो यह लड़ाई देशव्यापी हो जाएगी। हम अयोध्या गए, वहां भी हमें समर्थन मिला। संत महात्माओं ने भी हमारा साथ दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि एक खाप चौधरी की समिति बनाई जाएगी और हम तय करेंगे कि किससे मिलना है।
इसके अलावा आगामी 3 जून को गठवाल (मलिक) खाप ने शामली के लिसाढ में खिलाड़ियों के मुद्दे पर खाप प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई है। बैठक में खाप पंचायत व सामाजिक संगठन हिस्सा लेंगे। खाप के मुखिया की ओर से कहा गया कि खिलाड़ियों को बलपूर्वक जंतर-मंतर आंदोलन स्थल से हटाया दिया गया है। खिलाड़ियों के विषय में भारत सरकार कोई हस्तक्षेप भी नही कर रही है। जिससे न्याय का मार्ग खुले,यह विषय समाज के लिए गंभीर है। गहन चिंतन के लिए बाबा राजेंद्र सिंह मलिक द्वारा एक आकस्मिक बैठक बुलाई गई है, जिसमें खाप पंचायत व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। बैठक में विचार करने के बाद ठोस रणनीति की घोषणा की जाएगी। wrestler protest

wrestler protest / मुजफ्फरनगर। देश के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहलवानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन के बाद उनके समर्थन में आए भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सर्वखाप पंचायत के मुखिया चौधरी नरेश टिकैत के आह्वान पर सोरम गांव में सर्वखाप पंचायत बुलाई गई है। मुजफ्फरनगर के सोरम गांव में 36 बिरादियों के के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। इस पंचायत में पहलवानों के हित को लेकर बड़ा फैसला आ सकता है।
सोरम गांव जिला मुख्यालय से कुछ दूरी पर स्थित है। जहां पर चबुतरा है, जिस पर बैठकर सर्वखाप पंचायत के प्रतिनिधि पहलवानों के मामले को लेकर फैसला लेंगे। बताया जाता है कि सर्वखाप की यह पंचायत बेहद ही महत्वपूर्ण मानी जा रही है। क्योंकि इस महापंचायत में यूपी के अलावा देश के अन्य राज्यों से भी अलग अलग जातियों की पंचायतों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। बताया जाता है कि चूंकि यह पंचायत वेस्ट यूपी में आयोजित की जा रही है तो चौधरी नरेश टिकैत की राय को प्राथमिकता दी जा सकती है और नरेश टिकैत जो फैसला लेंगे, उसे ही सर्वमान्य घोषित किया जा सकता है।
आपको बता दें कि सोरम गांव में अंतिम सर्वखाप पंचायत किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के आग्रह पर 2011 में बुलाई गई थी। कृषि कानूनों के खिलाफ हुए बड़े आंदोलन में भी यहां सर्वखाप पंचायत नहीं हुई। यही कारण है, आज हो रही पंचायत को खासा महत्व दिया जा रहा है। सर्वखाप पंचायत के बाद बृजभूषण सिंह बनाम पहलवानों के दंगल का केंद्र पश्चिम उत्तर प्रदेश बन सकता है, क्योंकि पहलवानों ने पहली बार हरियाणा को छोड़कर पश्चिम उत्तर प्रदेश से जुड़े किसान नेता राकेश टिकैत और नरेश टिकैत पर अंतिम फैसला छोड़ दिया है।
सोरम गांव में स्थित एक विशेष चबुतरे पर सर्वखाप पंचायत के सभी प्रतिनिधि जुटे हुए हैं। इस पंचायत में न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड से 36 बिरादरियों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है। इस महापंचायत में 5000 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत, प्रवक्ता राकेश टिकैत और गठवाला खाप के थांबेदार श्याम सिंह भी मौजूद हैं। महापंचायत से पहले नरेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली के जंतर-मंतर पर जो हुआ वह ठीक नहीं था। सरकार को समझना चाहिए कि पहलवान भी देश की बेटियां हैं। उन्हें न्याय मिलना चाहिए। सोरम में आज होने वाली महापंचायत में विवाद का हल निकालने के लिए फैसला लिया जाएगा।
खाप पंचायत हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में मिलती हैं। दरअसल, ये पारंपरिक पंचायते हैं, जो अंग्रेजी शासन काल से पहले से चली आ रही है। खाप पंचायत में उस बिरादरी के लोग कुछ वरिष्ठ लोगों का चयन करते हैं और बिरादरी में होने वाले विभिन्न मसलों पर फैसला देने का अधिकार प्रदान करते हैं। एक गोत्र या फिर एक बिरादरी के लोग, कई गोत्रों के लोग या एक गोत्र के कई गांव मिलकर बना सकते हैं। खाप एक गोत्र के पांच गांवों की हो सकती है या फिर एक अधिक ज्यादा गांवों की हो सकती है।
खाप पंचायत अपने इलाके में कुछ नियम-कानुनों को बनाए रखने के लिए जानी जाती है। ये नियम-कानून भी उनके ही बानए होते हैं जैसे कि गांव में कोई लड़ाई-झगड़ा होता है खाप इसे सुलझाती है। किसी परिवार में कलह है तो भी बहुत बार खाप को बुलाया जाता है। हर एक खाप का एक मुखिया होता है और दूसरे कुछ लोग विभिन्न पदों पर होते हैं जो उन्हें फैसलों में सपोर्ट करते हैं।
खाप पंचायत में जहां एक ही बिरादरी के लोग शामिल होते हैं, वहीं सर्वखाप में सभी बिरादरी यानि जाति के लोग शामिल होते हैं। आज सोरम गांव में बुलाई गई सर्वखाप पंचायत का मतलब यह है कि इस महापंचायत में सभी जातियों की खाप के प्रतिनिधि शामिल होंगे। wrestler protest
wrestler protest / मुजफ्फरनगर। देश के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहलवानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन के बाद उनके समर्थन में आए भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सर्वखाप पंचायत के मुखिया चौधरी नरेश टिकैत के आह्वान पर सोरम गांव में सर्वखाप पंचायत बुलाई गई है। मुजफ्फरनगर के सोरम गांव में 36 बिरादियों के के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। इस पंचायत में पहलवानों के हित को लेकर बड़ा फैसला आ सकता है।
सोरम गांव जिला मुख्यालय से कुछ दूरी पर स्थित है। जहां पर चबुतरा है, जिस पर बैठकर सर्वखाप पंचायत के प्रतिनिधि पहलवानों के मामले को लेकर फैसला लेंगे। बताया जाता है कि सर्वखाप की यह पंचायत बेहद ही महत्वपूर्ण मानी जा रही है। क्योंकि इस महापंचायत में यूपी के अलावा देश के अन्य राज्यों से भी अलग अलग जातियों की पंचायतों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। बताया जाता है कि चूंकि यह पंचायत वेस्ट यूपी में आयोजित की जा रही है तो चौधरी नरेश टिकैत की राय को प्राथमिकता दी जा सकती है और नरेश टिकैत जो फैसला लेंगे, उसे ही सर्वमान्य घोषित किया जा सकता है।
आपको बता दें कि सोरम गांव में अंतिम सर्वखाप पंचायत किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के आग्रह पर 2011 में बुलाई गई थी। कृषि कानूनों के खिलाफ हुए बड़े आंदोलन में भी यहां सर्वखाप पंचायत नहीं हुई। यही कारण है, आज हो रही पंचायत को खासा महत्व दिया जा रहा है। सर्वखाप पंचायत के बाद बृजभूषण सिंह बनाम पहलवानों के दंगल का केंद्र पश्चिम उत्तर प्रदेश बन सकता है, क्योंकि पहलवानों ने पहली बार हरियाणा को छोड़कर पश्चिम उत्तर प्रदेश से जुड़े किसान नेता राकेश टिकैत और नरेश टिकैत पर अंतिम फैसला छोड़ दिया है।
सोरम गांव में स्थित एक विशेष चबुतरे पर सर्वखाप पंचायत के सभी प्रतिनिधि जुटे हुए हैं। इस पंचायत में न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड से 36 बिरादरियों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है। इस महापंचायत में 5000 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत, प्रवक्ता राकेश टिकैत और गठवाला खाप के थांबेदार श्याम सिंह भी मौजूद हैं। महापंचायत से पहले नरेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली के जंतर-मंतर पर जो हुआ वह ठीक नहीं था। सरकार को समझना चाहिए कि पहलवान भी देश की बेटियां हैं। उन्हें न्याय मिलना चाहिए। सोरम में आज होने वाली महापंचायत में विवाद का हल निकालने के लिए फैसला लिया जाएगा।
खाप पंचायत हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में मिलती हैं। दरअसल, ये पारंपरिक पंचायते हैं, जो अंग्रेजी शासन काल से पहले से चली आ रही है। खाप पंचायत में उस बिरादरी के लोग कुछ वरिष्ठ लोगों का चयन करते हैं और बिरादरी में होने वाले विभिन्न मसलों पर फैसला देने का अधिकार प्रदान करते हैं। एक गोत्र या फिर एक बिरादरी के लोग, कई गोत्रों के लोग या एक गोत्र के कई गांव मिलकर बना सकते हैं। खाप एक गोत्र के पांच गांवों की हो सकती है या फिर एक अधिक ज्यादा गांवों की हो सकती है।
खाप पंचायत अपने इलाके में कुछ नियम-कानुनों को बनाए रखने के लिए जानी जाती है। ये नियम-कानून भी उनके ही बानए होते हैं जैसे कि गांव में कोई लड़ाई-झगड़ा होता है खाप इसे सुलझाती है। किसी परिवार में कलह है तो भी बहुत बार खाप को बुलाया जाता है। हर एक खाप का एक मुखिया होता है और दूसरे कुछ लोग विभिन्न पदों पर होते हैं जो उन्हें फैसलों में सपोर्ट करते हैं।
खाप पंचायत में जहां एक ही बिरादरी के लोग शामिल होते हैं, वहीं सर्वखाप में सभी बिरादरी यानि जाति के लोग शामिल होते हैं। आज सोरम गांव में बुलाई गई सर्वखाप पंचायत का मतलब यह है कि इस महापंचायत में सभी जातियों की खाप के प्रतिनिधि शामिल होंगे। wrestler protest