PFRDA ने जारी किए बड़े निवेश नियम, जानिए क्या बदलेगा?

PFRDA ने सरकारी और निजी पेंशन स्कीमों के लिए नए निवेश नियम जारी किए हैं। नए पेंशन नियमों के तहत सरकारी बॉन्ड, इक्विटी और अन्य निवेशों में सीमा तय की गई है, ताकि कर्मचारियों की रिटायरमेंट सेविंग्स सुरक्षित, पारदर्शी और स्थिर रहें। जानिए नए नियम क्या हैं और ये आपके पेंशन निवेश पर कैसे असर डालेंगे।

New Pension Rules
पेंशन निवेश में बदलाव
locationभारत
userअसमीना
calendar13 Dec 2025 12:01 PM
bookmark

पेंशन से जुड़ी खबरों पर नजर रखने वालों के लिए यह एक बेहद अहम अपडेट है। देश के पेंशन रेगुलेटर PFRDA (Pension Fund Regulatory and Development Authority) ने सरकारी और निजी पेंशन स्कीमों के निवेश नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है। इन नए नियमों का सीधा असर करोड़ों सरकारी कर्मचारियों, NPS सब्सक्राइबर्स और अटल पेंशन योजना के लाभार्थियों पर पड़ेगा।

नियमों को समझना होगा आसान

PFRDA ने पहले से जारी अलग-अलग दिशानिर्देशों को अब एक मास्टर सर्कुलर में समेट दिया है ताकि नियमों को समझना आसान हो और किसी तरह का भ्रम न रहे। नए निवेश फ्रेमवर्क के तहत यह तय कर दिया गया है कि पेंशन फंड्स कहां, कितना और किस तरह का निवेश कर सकते हैं।

अब तक बिखरे हुए थे निवेश

दरअसल, देश में केंद्र और राज्य सरकारों के करोड़ों कर्मचारी नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत निवेश करते हैं जबकि आम नागरिक अटल पेंशन योजना (APY) से जुड़े हुए हैं। PFRDA का मानना है कि अब तक निवेश नियम बिखरे हुए थे जिससे पारदर्शिता की कमी महसूस होती थी। नई गाइडलाइंस से यह साफ हो जाएगा कि पेंशन फंड्स लोगों के पैसे को किन एसेट्स में लगा रहे हैं और कितना जोखिम लिया जा रहा है।

सुरक्षित निवेश पर देना होगा जोर

नए नियमों के तहत पेंशन फंड्स को सबसे ज्यादा जोर सुरक्षित निवेश पर देना होगा। अब पेंशन फंड्स अपनी कुल राशि का 65 फीसदी तक सरकारी सिक्योरिटीज और सरकारी बॉन्ड्स में निवेश कर सकेंगे। सरकारी बॉन्ड्स को सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प माना जाता है, इसलिए यह फैसला रिटायरमेंट सेविंग्स को सुरक्षित रखने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। इसके अलावा, कॉरपोरेट बॉन्ड्स और अन्य डेट इंस्ट्रूमेंट्स में अधिकतम 45 फीसदी तक निवेश की अनुमति दी गई है। हालांकि यहां PFRDA ने सख्त शर्तें रखी हैं। केवल अच्छी क्रेडिट रेटिंग वाले बॉन्ड्स में ही निवेश किया जा सकेगा, ताकि ज्यादा जोखिम वाले कॉरपोरेट डेट से पेंशन फंड्स को दूर रखा जा सके।

PFRDA ने तय कर दी सीमा

इक्विटी निवेश को लेकर भी PFRDA ने साफ सीमा तय कर दी है। नए नियमों के अनुसार, पेंशन फंड्स अधिकतम 25 फीसदी तक ही शेयर बाजार में निवेश कर सकेंगे। यह निवेश IPO, FPO, OFS और इंडेक्स आधारित इंस्ट्रूमेंट्स के जरिए किया जाएगा। शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव ज्यादा होता है इसलिए इक्विटी की लिमिट तय करके जोखिम को संतुलित रखने की कोशिश की गई है।

जरूरत से ज्यादा न लगाएं पैसा

इसके अलावा अन्य निवेश विकल्पों पर भी सीमा निर्धारित की गई है। मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में 10 फीसदी तक, जबकि REITs, InvITs और अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (AIFs) में केवल 5 फीसदी तक निवेश की अनुमति होगी। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि पेंशन फंड्स हाई-रिस्क कैटेगरी में जरूरत से ज्यादा पैसा न लगाएं।

पोर्टफोलियो की लगातार करनी होगी निगरानी

नई गाइडलाइंस का एक अहम पहलू पोर्टफोलियो मॉनिटरिंग और रिस्क मैनेजमेंट है। अब पेंशन फंड्स को अपने निवेश पोर्टफोलियो की लगातार निगरानी करनी होगी। अगर किसी कंपनी की रेटिंग गिरती है, इंडेक्स में बदलाव होता है या निवेश की गुणवत्ता प्रभावित होती है, तो फंड्स को तुरंत पोर्टफोलियो री-बैलेंस करना होगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सब्सक्राइबर्स का पैसा हमेशा सुरक्षित और तय जोखिम सीमा के भीतर निवेशित रहे।

भरोसेमंद फंड हो जाएगा तैयार

PFRDA का कहना है कि इन नए नियमों से सरकारी कर्मचारियों और APY के लाभार्थियों की लंबी अवधि की रिटायरमेंट सेविंग्स ज्यादा स्थिर, सुरक्षित और पारदर्शी बनेंगी। आसान शब्दों में कहें तो अब पेंशन का पैसा ज्यादा नियंत्रण में, कम जोखिम के साथ और स्पष्ट नियमों के तहत निवेश किया जाएगा जिससे रिटायरमेंट के समय एक भरोसेमंद फंड तैयार हो सके।

संबंधित खबरें

अगली खबर पढ़ें

Post Office MIS vs LIC जीवन शांति, कौन-सी योजना देगी सबसे ज्यादा फायदा?

क्या आप सोच रहे हैं कि आपके लिए Post Office MIS सही है या LIC जीवन शांति योजना? तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है। इस आर्टिकल में जानेंगे कि किस योजना में निवेश करना आपके लिए ज्यादा फायदेमंद है, मासिक आय और पेंशन के विकल्प कैसे काम करते हैं, टैक्स लाभ क्या हैं और कौन-सी योजना रिटायरमेंट या तुरंत मासिक...

MIS vs LIC
MIS vs LIC कौन बेस्ट?
locationभारत
userअसमीना
calendar11 Dec 2025 03:50 PM
bookmark

पोस्ट ऑफिस MIS बनाम LIC जीवन शांति: कौन-सी योजना आपके लिए बेहतर?

भारत में निवेश करने के कई तरीके हैं लेकिन जब बात सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प की आती है तो अधिकांश लोग Post Office की मासिक आय योजना (MIS) और LIC की जीवन शांति योजना की ओर आकर्षित होते हैं। दोनों ही योजनाएं सुरक्षा और नियमित आय देने के लिए लोकप्रिय हैं लेकिन इनकी प्रकृति और लाभ अलग-अलग हैं। यदि आप सोच रहे हैं कि आपके लिए कौन-सी योजना सही रहेगी तो आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।

LIC जीवन शांति योजना क्या है?

LIC की जीवन शांति एक सिंगल प्रीमियम पेंशन योजना है। इसका मतलब यह है कि आपको केवल एक बार निवेश करना होता है और तय अवधि के बाद आपको नियमित पेंशन मिलना शुरू हो जाती है। इस योजना में आप सिंगल लाइफ या ज्वाइंट लाइफ वार्षिकी चुन सकते हैं। सिंगल लाइफ विकल्प में पेंशन केवल आपके लिए होगी जबकि ज्वाइंट लाइफ में पति-पत्नी दोनों के लिए पेंशन सुनिश्चित होती है।

जीवन शांति योजना की सबसे बड़ी खासियत

इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि पेंशन दरें पहले से तय होती हैं। यानी चाहे बाजार की स्थिति कैसी भी हो, आपकी पेंशन हर महीने या साल तय समय पर मिलती रहेगी। यही वजह है कि यह योजना रिटायरमेंट प्लानिंग करने वालों के बीच बहुत लोकप्रिय है। इसके अलावा, LIC जीवन शांति में निवेश पर आयकर धारा 80C के तहत टैक्स लाभ भी मिलता है।

पोस्ट ऑफिस MIS क्या है?

पोस्ट ऑफिस की मासिक आय योजना (POMIS) उन लोगों के लिए बनाई गई है जिन्हें हर महीने निश्चित आय चाहिए। इस योजना में वर्तमान में सालाना 7.4% का गारंटीड ब्याज मिलता है जिसे हर महीने वितरित किया जाता है। यह योजना कम निवेश से भी शुरू की जा सकती है। POMIS में आप सिंगल या ज्वाइंट अकाउंट खोल सकते हैं जिसमें अधिकतम तीन लोग शामिल हो सकते हैं। इसकी अवधि पांच साल की होती है और पूरे अवधि के बाद मूल राशि वापस मिल जाती है। यह योजना विशेष रूप से बुजुर्गों, गृहिणियों और छोटे निवेशकों के लिए आसान और भरोसेमंद विकल्प मानी जाती है।

दोनों योजनाओं में मुख्य अंतर

LIC जीवन शांति और POMIS में सबसे बड़ा अंतर यह है कि LIC जीवन शांति पेंशन आधारित योजना है जहां आय समय के साथ शुरू होती है। वहीं POMIS तुरंत मासिक आय देना शुरू कर देती है। LIC जीवन शांति में न्यूनतम निवेश 1.5 लाख रुपये है जबकि अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं। इसके उलट, POMIS में अधिकतम सीमा निर्धारित है: सिंगल अकाउंट के लिए 9 लाख और ज्वाइंट अकाउंट के लिए 15 लाख रुपये। इसके अलावा LIC जीवन शांति पॉलिसी को कभी भी सरेंडर किया जा सकता है जबकि POMIS में जल्दी खाता बंद करने पर कुछ प्रतिशत कटौती होती है। टैक्स की बात करें तो LIC जीवन शांति पर 80C के तहत छूट मिलती है लेकिन POMIS पर कोई टैक्स लाभ नहीं है।

कौन-सी योजना आपके लिए सही है?

यदि आप रिटायरमेंट की योजना बना रहे हैं और चाहते हैं कि लंबे समय तक आपके और आपके परिवार के लिए नियमित पेंशन मिले, तो LIC जीवन शांति आपके लिए बेहतर विकल्प है। यह उनके लिए भी सही है जो भविष्य के लिए सुरक्षित और स्थिर आय चाहते हैं। वहीं, अगर आपकी प्राथमिकता तुरंत मासिक आय है और आप कम जोखिम लेना चाहते हैं तो POMIS आपके लिए सही रहेगा। यह योजना बुजुर्गों, गृहिणियों और छोटे निवेशकों के लिए आसान, भरोसेमंद और सुविधाजनक विकल्प है। दोनों ही योजनाएं सुरक्षित और भरोसेमंद हैं, लेकिन सही विकल्प आपकी जरूरत, निवेश क्षमता और आय की प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है।


संबंधित खबरें

अगली खबर पढ़ें

चाहे गरीब हो या अमीर, इस स्कीम से हर कोई बनेगा लखपति!

पोस्ट ऑफिस RD स्कीम छोटी-छोटी बचत को बड़े फंड में बदलने का सबसे सुरक्षित और सरकारी तरीका है। सिर्फ रोज ₹333 बचाकर आप 10 साल में ₹17 लाख तक जुटा सकते हैं। इस स्कीम में 6.7% का ब्याज, आसान अकाउंट ओपनिंग, प्री-मैच्योर क्लोजर, लोन सुविधा और गारंटीड रिटर्न मिलता है।

Post Office RD Scheme
पोस्ट ऑफिस की जबरदस्त स्कीम
locationभारत
userअसमीना
calendar10 Dec 2025 10:40 AM
bookmark

अगर आप ऐसी सुरक्षित सरकारी स्कीम की तलाश में हैं जहां छोटा-सा निवेश भी बड़े फंड में तब्दील हो जाए और पैसा पूरी तरह रिस्क-फ्री रहे तो Post Office Recurring Deposit Scheme आपके लिए बेहतरीन विकल्प है। यह स्कीम उन लोगों के लिए खास है जो रोज थोड़ी-थोड़ी बचत करके भविष्य के लिए मजबूत रकम तैयार करना चाहते हैं। सिर्फ ₹333 रोज बचाकर आप पूरे 10 साल में लगभग ₹17 लाख का फंड तैयार कर सकते हैं।

Post Office RD Scheme क्या है?

Post Office RD Scheme एक सरकारी सेविंग स्कीम है जिसमें आप हर महीने एक तय रकम जमा करते हैं। स्कीम की सबसे खास बात यह है कि आप इसकी शुरुआत मात्र ₹100 से भी कर सकते हैं। छोटे निवेश की आदत रखने वाले लोगों के लिए यह बिल्कुल आसान और भरोसेमंद विकल्प है।

सरकार दे रही है 6.7% ब्याज

इस स्कीम में सरकार की ओर से 6.7% का आकर्षक ब्याज दिया जाता है। यह ब्याज सामान्य RD स्कीम की तुलना में काफी ज्यादा होता है। इस स्कीम में 10 साल से ऊपर का कोई भी व्यक्ति खाता खुलवा सकता है और नाबालिग भी अपने अभिभावक की मदद से इसमें निवेश कर सकता है। आकर्षक बात यह भी है कि 18 साल की उम्र पूरी होने पर नया KYC करके खाते को अपने नाम पर जारी रखा जा सकता है।

अकाउंट खोलना बेहद आसान

Post Office RD अकाउंट खोलना बहुत सरल प्रक्रिया है। इसके लिए आपको सिर्फ आधार कार्ड, PAN कार्ड और फोटो की जरूरत होती है। आप चाहे तो किसी भी नजदीकी पोस्ट ऑफिस जाकर खाता खोल सकते हैं या फिर मोबाइल बैंकिंग और ई-बैंकिंग के जरिए भी इसे ऑनलाइन खोल सकते हैं। इससे आपको लाइन में लगने की भी जरूरत नहीं पड़ती।

5 साल की मैच्योरिटी और आगे बढ़ाने की सुविधा

Post Office RD की पहली अवधि 5 साल की होती है यानी 5 साल तक हर महीने जमा करते रहने पर आपका अकाउंट मैच्योर हो जाएगा। लेकिन शानदार बात यह है कि आप चाहें तो इस स्कीम को 5 साल के लिए और बढ़ा सकते हैं। मतलब कुल 10 साल तक निवेश जारी रख सकते हैं जिससे आपके रिटर्न में काफी बढ़ोतरी हो जाती है।

रोज ₹333 बचाकर कैसे मिलेगा ₹17 लाख?

अगर आप हर रोज सिर्फ ₹333 बचाते हैं तो महीने का निवेश करीब ₹10,000 हो जाता है। इस निवेश को 5 साल तक जारी रखने पर आपका कुल निवेश ₹6,00,000 होगा जिस पर लगभग ₹1,13,000 तक का ब्याज मिलेगा। इस तरह 5 साल बाद करीब ₹7,13,000 की रकम तैयार हो जाती है।

10 साल तक निवेश जारी रखने का फायदा

अगर आप इस RD स्कीम को पहले 5 साल के बाद और 5 साल के लिए बढ़ाते हैं तो आपका कुल निवेश ₹12,00,000 हो जाएगा। सरकार द्वारा दिए जा रहे 6.7% ब्याज के हिसाब से इस पर लगभग ₹5,08,546 ब्याज मिलेगा। इस तरह 10 साल बाद आपके खाते में कुल ₹17,08,546 जमा हो जाएंगे।

कम निवेश पर भी अच्छा रिटर्न

अगर किसी कारणवश आप ₹10,000 प्रतिमाह नहीं बल्कि ₹5,000 प्रतिमाह जमा करना चाहते हैं तो भी यह स्कीम बहुत लाभदायक है। 10 साल तक हर महीने ₹5,000 जमा करने पर आपका कुल निवेश ₹6,00,000 होगा और ब्याज से अतिरिक्त ₹2,54,272 मिलेंगे। इस प्रकार कुल फंड लगभग ₹8,54,272 तैयार हो जाएगा।

निवेश पर Loan की सुविधा

यह स्कीम सिर्फ फंड तैयार करने के लिए ही नहीं, बल्कि जरूरत पड़ने पर फाइनेंशियल सपोर्ट देने में भी मदद करती है। RD अकाउंट एक साल पूरा होने पर आप अपनी जमा राशि का 50% तक लोन ले सकते हैं। इस लोन पर सिर्फ 2% अतिरिक्त ब्याज लगता है जो इसे बहुत सुविधाजनक बनाता है।

प्री-मैच्योर क्लोजर का विकल्प

अगर बीच में किसी अर्जेंट जरूरत के कारण आपको पैसों की आवश्यकता पड़ जाए तो इस स्कीम में 3 साल पूरे होने पर प्री-मैच्योर क्लोजर का विकल्प उपलब्ध है। यानी आप 3 साल बाद अपनी RD बंद कर सकते हैं। वहीं अकाउंट होल्डर की मृत्यु होने पर नॉमिनी खाते को जारी भी रख सकता है या क्लेम भी कर सकता है।


संबंधित खबरें