बैंक खाता है तो ध्यान दें, होने वाला है कुछ बड़ा!

2026 में भारत सरकार सरकारी बैंकों का महा‑मर्जर करने की तैयारी कर रही है। यह कदम सरकारी बैंकों को मजबूत बनाने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए उठाया जा रहा है। आरबीआई और केंद्र सरकार के बीच प्रारंभिक बातचीत शुरू हो चुकी है।

PSU Bank Merger Plan in India
सरकारी बैंक विलय योजना 2026
locationभारत
userअसमीना
calendar30 Dec 2025 02:35 PM
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नए साल के लिए बस 1 ही दिन बाकी है। ऐसे में जहां जनता साल 2026 को लेकर एक्साइडेट है वहीं सरकार 2026 तक भारतीय बैंकों के नक्शे को पूरी तरह बदलने की तैयारी कर रही है। इसका उद्देश्य देश के पब्लिक सेक्टर बैंकों (PSU Banks) को मजबूत बनाना और उन्हें दुनिया के बड़े बैंकों के मुकाबले खड़ा करना है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) और केंद्र सरकार के बीच शुरुआती बातचीत शुरू हो चुकी है। अगर यह योजना सफल होती है, तो सरकारी बैंकों का भविष्य पूरी तरह बदल सकता है।

सरकारी बैंकों की ताकत बढ़ाने की तैयारी

वर्तमान में भारत में कुल 12 सरकारी बैंक हैं, लेकिन वैश्विक स्तर पर हमारी स्थिति अभी कमजोर है। फिलहाल सिर्फ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ही दुनिया के टॉप 50 बैंकों में शामिल है। प्राइवेट सेक्टर का दिग्गज HDFC बैंक भी ग्लोबल टॉप 100 में शामिल नहीं है। सरकार का उद्देश्य अब बिल्कुल स्पष्ट है भारत के बैंक इतने मजबूत हों कि बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को आसानी से फंड कर सकें और वैश्विक मार्केट के झटकों का सामना कर सकें।

पहले भी हुआ है मेगा मर्जर

यह पहली बार नहीं है जब सरकारी बैंकों का विलय होने की चर्चा हो रही है। 2019-20 में हुए मेगा मर्जर ने देश में सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटाकर सिर्फ 12 कर दी थी। उस दौरान कई बड़े विलय हुए थे जैसे-ओरिएंटल बैंक और यूनाइटेड बैंक का Punjab National Bank (PNB) में विलय, सिंडिकेट बैंक का Canara Bank में शामिल होना, इलाहाबाद बैंक का Indian Bank में विलय और आंध्रा बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक का Union Bank में समाहित होना। एसबीआई ने 2017 में अपने सहयोगी बैंकों को खुद में मिलाकर अपनी संपत्ति 44 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ा दी थी।

वित्तीय मजबूती और विदेशी भरोसा

सरकार के लिए यह कदम उठाना आसान इसलिए है क्योंकि सरकारी बैंक अब मजबूत स्थिति में हैं। वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में ही 12 सरकारी बैंकों ने करीब 93,675 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 खत्म होने तक यह मुनाफा 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है। इस मजबूती के कारण ही सरकार बड़े और निर्णायक कदम उठा रही है। वहीं, IDBI बैंक में हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया मार्च 2026 तक पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे यह संकेत मिलता है कि विदेशी निवेशकों का भरोसा भारतीय बैंकिंग सिस्टम पर लगातार बढ़ रहा है।

भारतीय बैंकिंग सिस्टम होगी मजबूत

अगर सब योजना के अनुसार चलता है तो 2026 में भारत बैंकिंग इतिहास का एक नया अध्याय लिखने जा रहा है। यह कदम न केवल भारतीय बैंकिंग सिस्टम को मजबूत बनाएगा बल्कि देश को वैश्विक स्तर पर आर्थिक महाशक्ति बनाने में भी मदद करेगा। 2026 तक सरकारी बैंकों का नक्शा बदलना न केवल उनके आकार और ताकत को बढ़ाएगा बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर मजबूती देने में भी अहम भूमिका निभाएगा। अगर आपके पास बैंक खाता है तो इस बदलाव पर नजर रखना बेहद जरूरी है।

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मिडिल क्लास वाले ध्यान दें, कल होगा सबसे बड़ा फैसला!

कल (31 दिसंबर) का दिन मिडिल क्लास परिवारों के लिए सबसे बड़ा दिन होगा। 31 दिसंबर को मिडिल क्लास परिवारों के लिए सबसे बड़ा फैसला आने वाला है जब सरकार पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा करेगी।

Post Office Scheme
मिडिल क्लास के लिए कल है सबसे बड़ा दिन
locationभारत
userअसमीना
calendar30 Dec 2025 12:11 PM
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नया साल (New Year) आने से ठीक पहले करोड़ों मिडिल क्लास और रिटायर्ड परिवारों की निगाहें पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाओं (Small Saving Schemes) पर टिकी हुई हैं। 31 दिसंबर 2025 को सरकार इन योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा करने जा रही है। हर बार की तरह इस बार भी सबसे बड़ा सवाल यही है कि जनवरी 2026 से ब्याज दरें बढ़ेंगी, घटेंगी या जस की तस रहेंगी। PPF, NSC, SCSS और सुकन्या समृद्धि योजना जैसी स्कीमें मिडिल क्लास और रिटायर्ड लोगों के लिए निवेश के साथ-साथ आर्थिक सुरक्षा का भी जरिया हैं।

पोस्ट ऑफिस की प्रमुख योजनाएं

फिलहाल पोस्ट ऑफिस की प्रमुख योजनाओं पर ब्याज दरें इस प्रकार हैं SCSS और सुकन्या समृद्धि योजना पर 8.2%, NSC पर 7.7% और PPF पर 7.1%। इन दरों को बैंक FD की तुलना में अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद माना जाता है। 2025 में RBI द्वारा रेपो रेट में कटौती के बाद अधिकांश बैंकों ने FD की ब्याज दरें घटा दी हैं। महंगाई कंट्रोल में रहने के कारण ब्याज दरों पर नीचे आने का दबाव बना है जिससे सवाल उठता है कि क्या सरकार छोटी बचत योजनाओं की दरें भी घटा सकती है।

स्कीमों की घट सकती है दरें

छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर तय करने में सरकारी बॉन्ड (G-Sec) यील्ड एक अहम पैमाना मानी जाती है। नियम के अनुसार इन स्कीमों की ब्याज दर समान अवधि वाले सरकारी बॉन्ड की औसत यील्ड से थोड़ी अधिक होनी चाहिए। फिलहाल 10 साल के सरकारी बॉन्ड की औसत यील्ड लगभग 6.5% है। इस हिसाब से PPF जैसी स्कीमों की दरें घट सकती हैं लेकिन सरकार इस फॉर्मूले को हमेशा मानने की बाध्यता में नहीं है।

करोड़ों लोगों के लिए खास है कल का दिन!

सरकार ब्याज दरें घटाने से इसलिए बचती है क्योंकि करोड़ों सीनियर सिटिजन्स, पेंशनर्स और मिडिल क्लास परिवार इन स्कीमों से मिलने वाले ब्याज पर अपनी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करते हैं। दरों में कटौती होने से उनकी मासिक आय घट सकती है और लोग जोखिम भरे निवेश की ओर बढ़ सकते हैं। इसलिए सरकार अक्सर स्थिरता को प्राथमिकता देती है।

मिले-जुले हैं मौजूदा आर्थिक हालात

मौजूदा आर्थिक हालात मिले-जुले हैं लेकिन GDP ग्रोथ मजबूत है और महंगाई नियंत्रण में है। घरेलू बचत को सुरक्षित रखना सरकार की प्राथमिकता है। ज्यादातर एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस बार भी छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम है और दरें जस की तस बनी रह सकती हैं। यदि आप PPF, SCSS, NSC या सुकन्या योजना में निवेश कर रहे हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है। ये स्कीमें सुरक्षित हैं, टैक्स बेनिफिट देती हैं और लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल स्टेबिलिटी सुनिश्चित करती हैं। इसलिए जल्दबाजी में निवेश बदलने या पैसे निकालने की आवश्यकता नहीं है।

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LIC पॉलिसी में निवेश कैसे करें, यहां है पूरी जानकारी

LIC जीवन आनंद पॉलिसी एक बेहतरीन इंश्योरेंस और सेविंग प्लान है। इसमें कम प्रीमियम देकर आप अपनी बचत बढ़ा सकते हैं और जीवन भर सुरक्षा पा सकते हैं। इस पॉलिसी में मैच्योरिटी पर अच्छी रकम मिलती है और परिवार के लिए डेथ बेनिफिट भी उपलब्ध है।

LIC Scheme
LIC जीवन आनंद पॉलिसी
locationभारत
userअसमीना
calendar28 Dec 2025 03:23 PM
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भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) हमेशा से ही भरोसे और सुरक्षा का पर्याय रहा है। अगर आप ऐसी पॉलिसी की तलाश में हैं जो आपकी बचत बढ़ाए और जीवन के बाद भी परिवार को सुरक्षा प्रदान करे तो LIC जीवन आनंद (Plan 915) आपके लिए सही विकल्प हो सकती है। यह पॉलिसी सेविंग और टर्म इंश्योरेंस का मिश्रण है जो आपको दोहरे लाभ देती है एक तो मैच्योरिटी पर रिटर्न और दूसरा जीवन भर सुरक्षा।

कम प्रीमियम में बड़ा फायदा

अधिकतर लोग पॉलिसी लेते समय प्रीमियम राशि को लेकर चिंतित रहते हैं। जीवन आनंद पॉलिसी में यह चिंता नहीं होगी। उदाहरण के लिए, अगर आपकी उम्र 35 वर्ष है और आप 5 लाख रुपये के Sum Assured का विकल्प चुनते हैं, तो 35 साल की अवधि के लिए सालाना प्रीमियम लगभग 16,300 रुपये होगा। इसे मासिक आधार पर देखें तो यह केवल 1,400 रुपये प्रति माह यानी रोजाना करीब 45-46 रुपये की बचत होती है। इस पूरी अवधि में आप कुल करीब 5.70 लाख रुपये जमा करेंगे लेकिन मैच्योरिटी पर आपको लगभग 25 लाख रुपये मिलेंगे। इसमें 5 लाख रुपये बेसिक सम अश्योर्ड, 8.60 लाख रुपये वेस्टेड सिंपल रिविजनरी बोनस, 11.50 लाख रुपये फाइनल एडिशनल बोनस शामिल हैं।

जीवन के साथ जीवन के बाद भी सुरक्षा

इस पॉलिसी की सबसे बड़ी खासियत है Whole Life Coverage। आम इंश्योरेंस पॉलिसियां मैच्योरिटी पर खत्म हो जाती हैं लेकिन जीवन आनंद में मैच्योरिटी के बाद भी 5 लाख रुपये का जीवन भर रिस्क कवर बना रहता है। यानी भविष्य में पॉलिसीधारक की मृत्यु होने पर उनके नॉमिनी को अलग से राशि मिलती है। इस तरह पॉलिसी दो बार भुगतान करती है एक बार मैच्योरिटी पर और दूसरी बार मृत्यु के बाद परिवार को।

टैक्स में भी राहत

जीवन आनंद पॉलिसी में निवेश करने पर टैक्स में छूट भी मिलती है। प्रीमियम पर धारा 80C के तहत छूट मिलती है, जबकि मैच्योरिटी और डेथ बेनिफिट पूरी तरह धारा 10(10D) के तहत टैक्स-फ्री हैं। पॉलिसी के दो साल पूरे होने के बाद आप इस पर लोन भी ले सकते हैं। जैसे-

प्रीमियम न भर पाने की स्थिति में ग्रेस पीरियड: मासिक प्रीमियम पर 15 दिन अन्य मोड पर 30 दिन।

उम्र सीमा: 18 से 50 वर्ष।

टर्म विकल्प: 15 से 35 साल।

एक्सीडेंटल डेथ और क्रिटिकल इलनेस जैसे राइडर्स जोड़कर सुरक्षा बढ़ाई जा सकती है।