नई दिल्ली: बैडमिंटन (Thomas Cup) में टीम इंडिया के खिलाड़ियों ने इतिहास रचकर भारत का नाम रोशन कर दिया है। बैंकाक में चल चलने वाली थॉमस कप प्रतियोगिता में भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम फाइनल में पहुंचने के बाद भारतीय को गर्व से भर दिया है। सेमीफाइनल मुकाबले में देखा जाए तो भारत ने डेनमार्क को 3-2 से मात देने में कामयाब हुई थी।
भारतीय टीम की जीत के हीरो एचएस प्रणय बन गए, जिन्होंने निर्णायक मुकाबले में रास्मस गेमको को हरा दिया था।
दुनिया के 13वें नंबर के खिलाड़ी (Thomas Cup) गेमके के खिलाफ प्रणय कोर्ट पर फिसलने की वजह से चोटिल हुए थे। लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने देखा जाए तो ‘मेडिकल टाइमआउट’ लेने के बाद मुकाबला जारी रख दिया है। प्रणय कोर्ट पर दर्द में नजर आ रहे थे। इसके बावजूद उन्होंने 13-21 21-9 21-12 से जीत दर्ज कर भारत का नाम इतिहास के पन्नो दर्ज कर दिया है।
डेनमार्क के खिलाफ बात की जाए तो पहले मुकाबले में विश्व चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता लक्ष्य सेन अपने हालिया प्रदर्शन को दोहराव करने में कामयाब नहीं हुए। सेन को विक्टर एक्सेलसेन के हाथों 13-21 13-21 से हार मिल गई थी। जिससे डेनमार्क ने 1-0 की बढ़त बना लिया था। इसके बाद सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने युगल मुकाबले में देखा जाए तो जीत हासिल करने के बाद स्कोर 1-1 से बराबर कर लिया था। भारतीय जोड़ी ने किम अस्ट्रूप और माथियास क्रिस्टियनसेन को 21-18 21-23 22-20 से हरा दिया था।
फिर दुनिया के 11वें नंबर वाले खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने दुनिया के तीसरे नंबर पर देखा जाए तो खिलाड़ी एंडर्स एंटोनसेन को 21-18 12-21 21-15 से हराने के बाद टीम इंडिया ने 2-1 की बढ़त बना लिया था। हालांकि, कृष्णा प्रसाद गारागा और विष्णुवर्धन गौड़ पंजाला की युगल जोड़ी को एंडर्स स्कारूप रास्मुसेन और फ्रेडरिक सोगार्ड से 14-21 13-21 से हार मिल गई थी। इससे दोनों टीमें 2-2 की बराबरी पर पहुंच गई थी। फिर अनुभवी खिलाड़ी एचएस प्रणय ने पहला गेम गंवाने के बाद वापसी करते हुए अपनी टीम को जीत दिला दिया था।
पहली बार भारतीय टीम ने फाइनल में बनाई जगह
भारतीय टीम 1979 के बाद से देखा जाए तो कभी भी सेमीफाइनल से आगे नहीं आई थी लेकिन अबकी बार वह फाइनल में पहुंचने में कामयाब हुई है। भारतीय टीम ने गुरूवार को पांच बार चैम्पियन मलेशिया को 3-2 से हराने के बाद सेमीफाइनल में जगह बनाकर 43 साल के इंतजार को खत्म कर दिया था।