'कि घुंघरू टूट गए' नहीं रहे..... ग़ज़ल सम्राट पंकज उधास

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Pankaj Udhas Death
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 01:16 AM
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Pankaj Udhas Death : एंटरटेनमेंट की दुनिया से एक दुःखद खबर सामने आई है जिससे एंटरटेनमेंट जगत को गहरा झटका लगा है।  मशहूर गायक पंकज उधास (Pankaj Udhas) का 72 साल की उम्र में निधन हो गया है।

Pankaj Udhas Death

एंटरटेनमेंट जगत से एक बार फिर दुःखद खबर सामने आ रही है जिससे एंटरटेनमेंट दुनिया में सन्नाटा छा गया है। दरअसल 26 फरवरी 2024 को मशहूर ग़ज़ल गायक पंकज उधास ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है। पंकज उधास (Pankaj Udhas) की बेटी नायाब उधास  (Nayaab Udhas) ने सोशल मीडिया के जरिए एक पोस्ट शेयर करके पंकज उधास की मौत की खबर दी है। पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि, हमें बेहद दुःख के साथ आपको यह बताना पड़ रहा है कि पद्मश्री पंकज उधास ने 26 फरवरी 2024 को अपनी आखिरी सांस ली है।  लम्बे समय से पंकज उधास की तबीयत बिल्कुल ठीक नहीं थी और वो उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। पंकज उधास की बीमारी को देखते हुए दस दिन पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। पंकज उधास का अंतिम संस्कार मंगलवार को किया जाएगा।

कैरियर की शुरुआत

पंकज उधास के बड़े भाई मनहर उधास रंगमंच अभिनेता थे। इन्हीं की मदद से पंकज संगीत की दुनिया में आए। सबसे पहले इन्होंने रंगमंच गायक के रूप में संगीत की दुनिया में कदम रखा। भारत चीन युद्ध के दौरान इन्होंने स्टेज पर ‘ ए मेरे वतन के लोगों’ गीत गाया जो दर्शकों को काफी पसंद आया और इन्हें इनाम के तौर पर 51 दिए गए। इसके बाद इन्होंने राजकोट में संगीत नाटक एकेडमी में दाखिला लिया और वहां पर तबला बजाना सीखा। सेंट जेवियर्स कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद इन्होंने एक ‘बार’ में भी काम किया। इस बीच ये अपनी गायकी का अभ्यास भी किया करते थे। बॉलीवुड में इनकी गायकी की शुरुआत साल 1972 में आई फिल्म कामना के जरिए हुई जिसमें उन्होंने पहली बार अपनी आवाज दी। हालांकि अभी इनका संघर्ष खत्म नहीं हुआ था। ग़ज़ल गायकी में रुचि होने की वजह से इन्होंने उर्दू भाषा भी सीखी। बाद में यह कनाडा गए जहां पर छोटे-मोटे कार्यक्रमों में ग़ज़ल गायकी किया करते थे। साल 1980 में इनके ग़ज़ल का एक एल्बम ‘आहट’ रिलीज हुआ जो काफी सफल हुआ। इसके बाद एक के बाद एक इन्होंने कई खूबसूरत ग़ज़ल गाए और इंडस्ट्री के जाने-माने ग़ज़ल गायक बन गए। इनके द्वारा गाया हुआ गज़ल ‘चिट्ठी आई है” काफी पॉपुलर हुआ था।

संगीत की दुनिया में पंकज उधास ने जीते हैं कई अवार्ड

संगीत की दुनिया में पंकज उधास (Pankaj Udhas Award in singing career) ने कई अवार्ड अपने नाम किए हैं। साल 2006 में इन्हें पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। इसके अलावा संगीत की दुनिया में गायकी को मिलने वाले अवार्ड के एल सहगल अवार्ड से भी इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। साल 1985 से लेकर 2006 तक इन्होंने कई पुरस्कार जीते ।

पंकज उधास (Pankaj Udhas) की लव लाइफ

गजल सम्राट पंकज उदास की प्रेम कहानी के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। जब यह ग्रेजुएशन में थे तभी अपनी पड़ोसन पर दिल हार बैठे थे। पारसी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली इनकी पड़ोसन का नाम फरीदा था, जो पेशे से एक एयर होस्टेस थी। इनके परिवार को इस रिश्ते से कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन फरीदा के घरवालों को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। अपने रिश्ते की सिफारिश लेकर पंकज फरीदा के पिता जो एक रिटायर्ड पुलिस अफसर थे उनके पास पहुंचे। फरीदा के पिता ने कहा -"अगर तुम्हें लगता है कि तुम दोनों एक साथ खुश रहोगे तो आगे बढ़ो और शादी कर लो।" फिर क्या था पंकज उधास ने बिना कुछ सोचे आगे बढ़कर फरीदा का हाथ हमेशा के लिए थाम लिया। पंकज उधास अपनी पत्नी और दो बेटियों नायब और रेवा के साथ खुशहाल जिंदगी जी रहे थे।

संगीत जगत में छाया मातम

पंकज उधास की निधन की खबर ने पूरे संगीत जगत को खामोश कर दिया है। पंकज उधास जैसे नायाब गायक का इस तरह अचानक दुनिया को अलविदा कह देना फैंस के लिए बेहद असहनीय खबर है। हर कोई सोशल मीडिया के जरिए नम आंखों से पंकज उधास को श्रद्धांजलि दे रहा है। वहीं इस कदर संगीत जगत को छोड़कर जाने से म्यूजिक की दुनिया में मातम छा गया है।

अपनी पूरी जिंदगी कर दी संगीत के नाम

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पंकज उधास जब महज छः साल के थे तभी से उन्होंने संगीत में अपना करियर बनाना शुरू कर दिया था। घर में म्यूजिक का माहौल देखकर उन्होंने भी अपना करियर म्यूजिक में बनाया और ताउम्र अपनी बेहतरीन ग़ज़लों से लोगों के दिलों का हाल बयां करते हुए अपनी एक अलग पहचान बना ली। पंकज उधास ने अपनी पूरी जिंदगी संगीत की दुनिया में बिता दी। और आखिर में संगीत की दुनिया को अलविदा कहकर हमेशा के लिए आंखे मूंद ली।

हमेशा लोगों के दिल में रहेंगे जिंदा

अपनी बेहतरीन ग़ज़लों से लोगों के दिल-ए-अल्फ़ाज़ बयां करने वाले पंकज उधास (Pankaj Udhas) आज भले ही दुनिया को अलविदा कह गए लेकिन वो ताउम्र अपनी ग़ज़लों से लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे।

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बेटे अनंत की शादी से पहले नीता अंबानी ने बनवाए 14 मंदिर!

Pre Wedding
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 12:11 PM
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Anant -Radhika Pre Wedding : मशहूर बिजनेस मैन मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी (Anant Ambani) जल्द ही राधिका मर्चेंट (Radhika Merchant) के साथ सात फेरे लेने वाले है। इस बीच उनके Pre Wedding की तैयारी जोरो-शोरो पर है। जिसके लिए उनके पिता कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। मेहमानों से लेकर खाने तक सभी लैविश नजर आएगा। आपको बता दे कि अब से कुछ ही महीनों में कपल की शादी होने वाली है। लेकिन इससे पहले प्री-वेडिंग फंक्शन का आगाज किया जाएगा। वहीं अंबानी परिवार ने अनंत और राधिका की शादी की शुरुआत शुभ तरीके से की है जिसकी सोशल मीडिया पर हर कोई तारीफ कर रहा है।

शुरू हुई अनंत-राधिका के प्री वेडिंग फंक्शन्स की तैयारियां

अनंत-राधिका की शादी का जश्न पूरी दुनिया देखेगी। इनकी वेडिंग में देश-विदेश के कई बड़े दिग्गजों के शामिल होने की खबर है। अनंत और राधिका की शादी 12 जुलाई को है। इससे पहले जामनगर में 1 से 3 मार्च तक प्री वेडिंग समारोह होगा, जिसमें फिल्मी हस्तियों शाहरुख खान-अमिताभ बच्चन से लेकर बिजनेस वर्ल्ड की नामी पर्सनालिटी तक शामिल होंगी। इन प्री वेडिंग फंक्शन्स को खास बनाने के लिए अंबानी फैमिली कुछ ऐसा कर रही है, जो स्पेशल के साथ-साथ यादगार भी हो।

अंबानी परिवार ने बनवाए कई मंदिर

रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक और अध्यक्ष नीता अंबानी अपने बेटे की शादी से पहले जामनगर को बड़ा तोहफा देना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने क्षेत्र में 14 मंदिरों के निर्माण किए जाने की घोषणा की। इससे पहले अंबानी परिवार ने जामनगर में भव्य मंदिरों का निर्माण करवाया है। नीता अंबानी की ओर से शुरू की गई पहल के तहत एक विशाल परिसर में 14 नए मंदिरों का निर्माण करवाने का फैसला लिया है। https://twitter.com/nmacc_india/status/1761653827156283731

अंनत अंबानी की प्री वेडिंग में होंगे 2500 व्यंजन

आपको बता दे कि प्री वेडिंग में आने वाले मेहमानों के लिए खास तैयारी की गई है। उन्हें भारत के अलग-अलग शहरों का खाना परोसा जाएगा। इस लिस्ट में इंदौर के व्यंजन भी शामिल है। इंदौर के 65 शेफ 135 लोगों की टीम के साथ अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की प्री वेडिंग में शामिल होगी। ये लोग तीन दिनों के अंदर 2500 व्यंजन बनाएंगे। यह तो आप जानते है इंदौर के खाने के स्वाद की पूरी दुनिया दीवानी है। प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंदौर को स्वाद की राजधानी कह चुके हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इंदौर स्ट्रीट फूड का स्वाद चख चुके हैं। ऐसे में अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की प्री वेडिंग में आए मेहमान भी इंदौरी जायका का टेस्ट लेंगे। इंदौरी जायका को परोसने के लिए शहर की जार्डिन होटल से 135 लोगों की टीम जामनगर गई। इसमें 65 शेफ शामिल हैं। Anant Ambani PRE-Wedding

मेहमानों के लिए होगा ये इंतजाम

अनंत और राधिका की शादी क थीम जंगल बेस्ड है। प्री-वेडिंग फंक्शन का आगाज रूज बॉल, एवरलैंड में एक शाम, टस्कर टेल्स की सैर के साथ होगा। प्री-वेडिंग के सभी प्रोग्राम जामनगर में मौजूद रिलायंस ग्रीन्स कॉम्प्लेक्स में किया जाएगा। Anant Ambani PRE-Wedding

मुकेश अंबानी के बेटे अनंत की प्री-वेडिंग में नामचीन विदेशी हस्तियां होंगी शामिल,देखिये फंक्शन्स की डिटेल

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अब सीता और अकबर के नाम से ठेस के दायरे का विस्तार !

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Calcutta High Court
locationभारत
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calendar01 Dec 2025 08:45 AM
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Calcutta High Court : वही हुआ जिसकी उम्मीद थी। कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिमी बंगाल सरकार को त्रिपुरा से लाए गए शेर शेरनी के नाम बदलने के आदेश दे दिए हैं। सिलीगुड़ी सफारी पार्क में लाए गए शेर का नाम अकबर और शेरनी का सीता रखे जाने से नाराज विश्व हिन्दू परिषद ने अदालत का द्वार यह कह कर खटखटाया था कि इन नामों से उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच रही है। परिषद ने अदालत से यह भी मांग की थी कि शेर शेरनी के इस जोड़े को एक साथ न रखा जाए । जाहिर है कि अदालत को ऐसा आदेश देना ही पड़ता और उसने दिया भी मगर मुझ जैसे करोड़ों लोगों के लिए यह अनुमान लगाना मुश्किल हो रहा है कि हमारी धार्मिक भावनाएं अभी और कितनी अधिक संवेदनशील होनी शेष हैं और आने वाले वक्त में अभी और किस किस बात पर वह आहत होंगी ?

रवि अरोड़ा

बेशक हमारे समाज में धर्म को आदमी पर वरीयता प्राप्त है और ठेस लगने का खतरा भी सदैव धर्म को ही होता है मगर क्या कारण है कि मामला धर्म का होते ही हम बेहद सलेक्टिव हो जाते हैं और अपनी सुविधा अनुसार ही ठेस को ग्रहण करते हैं ? हाल ही में राम मंदिर के उद्घाटन में तमाम धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं की अवहेलना पर किसी धार्मिक संघटन की भावना आहत नहीं हुई मगर जानवर का नामकरण पौराणिक देवी देवता के नाम पर हुआ तो हल्ला मच गया । शायद इस पर भी इतना हल्ला न मचाया जाता यदि शेर शिकायतकर्ताओं के धर्म के अनुरूप होता और शेरनी दूसरे धर्म वालों के नाम जैसी होती । तब तो शायद मूंछों पर ताव ही दिया जाता मगर ऐसा नहीं था सो इन्हे अपनी इज्जत जाती दिखी और अदालत से यह मांग भी कर दी गई कि हमारी शेरनी को उनके शेर से अलग बाड़े में रखा जाए ।Calcutta High Court धार्मिक भावनाएं आहत होना कानूनी दायरे में आता है और उसके उचित अनुचित होने पर सवाल उठाने का कोई औचित्य नहीं है मगर यह कामना करने के लिए तो हम सभी स्वतंत्र हैं न कि काश धार्मिक भावनाओं के साथ हमारी मानवीय भावनाएं भी कभी आहत हों और सुबह शाम आदमी और आदमियत की हो रही बेकद्री के खिलाफ भी कभी कोई अदालत का दरवाजा खटखटाए । लॉक डाउन में लाखों लोग भूखे प्यासे सैंकड़ों किलोमीटर दूर अपने घरों को पैदल चल पड़े थे । सैंकड़ों रास्ते में मर भी गए । कोरोना में न इलाज मिला और न ही मुर्दों को जलाने और दफनाने वाले । लाखों लोग मारे गए मगर संसद में सरकार ने फिर भी बयान दिया कि देश में एक भी आदमी आक्सीजन की कमी से नहीं मरा । क्या इससे देश में एक भी व्यक्ति की मानवीय भावना आहत नहीं हुई ? इसे लेकर क्या एक भी याचिका अदालत के दरवाजे तक पहुंची ? आर्थिक मामलों में सरकार द्वारा परोसे गए नित नए झूठ पकड़े जाते हैं मगर देश की किसी व्यापारिक अथवा औद्योगिक संस्था की आर्थिक भावना आहत नहीं होती । लाखों ईवीएम गायब होने की खबरें सामने आईं मगर किसी भी जागरूक नागरिक की लोकतांत्रिक भावना आहत नहीं हुई । अपराधी दूसरे धर्म से संबंधित है तो बुलडोजर तुरंत पहुंच जाता है और अपने धर्म का हो तो सिर्फ कागजी कार्रवाई चलती है मगर किसी सामाजिक संस्था की सामाजिक भावना आहत नहीं होती । सीबीआई, ईडी और आईटी के दम पर विपक्षी दलों में खुलेआम सेंध लगाई जा रही है मगर किसी राजनीतिक कार्यकर्ता की राजनीतिक भावनाओं को ठेस नहीं लग रही। क्या ठेस लगने का ठेका सिर्फ धर्म के पास है ? चलिए माना कि हम भावनात्मक रूप से बेहद संवेदनशील समाज हैं और जानवरों के नामों पर भी हमें ठेस लग जाती है तो फिर क्या कारण है कि हमारी भावनाएं धर्म जैसे एक छोटे से दायरे में भटकती रहती हैं ? क्यों सदैव अपने विस्तार से इनकार ही करती रहती हैं ? Disclaimer : ये लेखक के निजी विचार हैं । 

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