'कि घुंघरू टूट गए' नहीं रहे..... ग़ज़ल सम्राट पंकज उधास

Pankaj Udhas Death
एंटरटेनमेंट जगत से एक बार फिर दुःखद खबर सामने आ रही है जिससे एंटरटेनमेंट दुनिया में सन्नाटा छा गया है। दरअसल 26 फरवरी 2024 को मशहूर ग़ज़ल गायक पंकज उधास ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है। पंकज उधास (Pankaj Udhas) की बेटी नायाब उधास (Nayaab Udhas) ने सोशल मीडिया के जरिए एक पोस्ट शेयर करके पंकज उधास की मौत की खबर दी है। पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि, हमें बेहद दुःख के साथ आपको यह बताना पड़ रहा है कि पद्मश्री पंकज उधास ने 26 फरवरी 2024 को अपनी आखिरी सांस ली है। लम्बे समय से पंकज उधास की तबीयत बिल्कुल ठीक नहीं थी और वो उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। पंकज उधास की बीमारी को देखते हुए दस दिन पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। पंकज उधास का अंतिम संस्कार मंगलवार को किया जाएगा।कैरियर की शुरुआत
पंकज उधास के बड़े भाई मनहर उधास रंगमंच अभिनेता थे। इन्हीं की मदद से पंकज संगीत की दुनिया में आए। सबसे पहले इन्होंने रंगमंच गायक के रूप में संगीत की दुनिया में कदम रखा। भारत चीन युद्ध के दौरान इन्होंने स्टेज पर ‘ ए मेरे वतन के लोगों’ गीत गाया जो दर्शकों को काफी पसंद आया और इन्हें इनाम के तौर पर 51 दिए गए। इसके बाद इन्होंने राजकोट में संगीत नाटक एकेडमी में दाखिला लिया और वहां पर तबला बजाना सीखा। सेंट जेवियर्स कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद इन्होंने एक ‘बार’ में भी काम किया। इस बीच ये अपनी गायकी का अभ्यास भी किया करते थे। बॉलीवुड में इनकी गायकी की शुरुआत साल 1972 में आई फिल्म कामना के जरिए हुई जिसमें उन्होंने पहली बार अपनी आवाज दी। हालांकि अभी इनका संघर्ष खत्म नहीं हुआ था। ग़ज़ल गायकी में रुचि होने की वजह से इन्होंने उर्दू भाषा भी सीखी। बाद में यह कनाडा गए जहां पर छोटे-मोटे कार्यक्रमों में ग़ज़ल गायकी किया करते थे। साल 1980 में इनके ग़ज़ल का एक एल्बम ‘आहट’ रिलीज हुआ जो काफी सफल हुआ। इसके बाद एक के बाद एक इन्होंने कई खूबसूरत ग़ज़ल गाए और इंडस्ट्री के जाने-माने ग़ज़ल गायक बन गए। इनके द्वारा गाया हुआ गज़ल ‘चिट्ठी आई है” काफी पॉपुलर हुआ था।संगीत की दुनिया में पंकज उधास ने जीते हैं कई अवार्ड
संगीत की दुनिया में पंकज उधास (Pankaj Udhas Award in singing career) ने कई अवार्ड अपने नाम किए हैं। साल 2006 में इन्हें पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। इसके अलावा संगीत की दुनिया में गायकी को मिलने वाले अवार्ड के एल सहगल अवार्ड से भी इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। साल 1985 से लेकर 2006 तक इन्होंने कई पुरस्कार जीते ।पंकज उधास (Pankaj Udhas) की लव लाइफ
गजल सम्राट पंकज उदास की प्रेम कहानी के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। जब यह ग्रेजुएशन में थे तभी अपनी पड़ोसन पर दिल हार बैठे थे। पारसी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली इनकी पड़ोसन का नाम फरीदा था, जो पेशे से एक एयर होस्टेस थी। इनके परिवार को इस रिश्ते से कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन फरीदा के घरवालों को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। अपने रिश्ते की सिफारिश लेकर पंकज फरीदा के पिता जो एक रिटायर्ड पुलिस अफसर थे उनके पास पहुंचे। फरीदा के पिता ने कहा -"अगर तुम्हें लगता है कि तुम दोनों एक साथ खुश रहोगे तो आगे बढ़ो और शादी कर लो।" फिर क्या था पंकज उधास ने बिना कुछ सोचे आगे बढ़कर फरीदा का हाथ हमेशा के लिए थाम लिया। पंकज उधास अपनी पत्नी और दो बेटियों नायब और रेवा के साथ खुशहाल जिंदगी जी रहे थे।संगीत जगत में छाया मातम
पंकज उधास की निधन की खबर ने पूरे संगीत जगत को खामोश कर दिया है। पंकज उधास जैसे नायाब गायक का इस तरह अचानक दुनिया को अलविदा कह देना फैंस के लिए बेहद असहनीय खबर है। हर कोई सोशल मीडिया के जरिए नम आंखों से पंकज उधास को श्रद्धांजलि दे रहा है। वहीं इस कदर संगीत जगत को छोड़कर जाने से म्यूजिक की दुनिया में मातम छा गया है।अपनी पूरी जिंदगी कर दी संगीत के नाम
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पंकज उधास जब महज छः साल के थे तभी से उन्होंने संगीत में अपना करियर बनाना शुरू कर दिया था। घर में म्यूजिक का माहौल देखकर उन्होंने भी अपना करियर म्यूजिक में बनाया और ताउम्र अपनी बेहतरीन ग़ज़लों से लोगों के दिलों का हाल बयां करते हुए अपनी एक अलग पहचान बना ली। पंकज उधास ने अपनी पूरी जिंदगी संगीत की दुनिया में बिता दी। और आखिर में संगीत की दुनिया को अलविदा कहकर हमेशा के लिए आंखे मूंद ली।हमेशा लोगों के दिल में रहेंगे जिंदा
अपनी बेहतरीन ग़ज़लों से लोगों के दिल-ए-अल्फ़ाज़ बयां करने वाले पंकज उधास (Pankaj Udhas) आज भले ही दुनिया को अलविदा कह गए लेकिन वो ताउम्र अपनी ग़ज़लों से लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे।Kenneth Mitchell : कैप्टन मार्वल फेम एक्टर का निधन, ALS की बीमारी से जूझ रहे थे
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Pankaj Udhas Death
एंटरटेनमेंट जगत से एक बार फिर दुःखद खबर सामने आ रही है जिससे एंटरटेनमेंट दुनिया में सन्नाटा छा गया है। दरअसल 26 फरवरी 2024 को मशहूर ग़ज़ल गायक पंकज उधास ने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है। पंकज उधास (Pankaj Udhas) की बेटी नायाब उधास (Nayaab Udhas) ने सोशल मीडिया के जरिए एक पोस्ट शेयर करके पंकज उधास की मौत की खबर दी है। पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि, हमें बेहद दुःख के साथ आपको यह बताना पड़ रहा है कि पद्मश्री पंकज उधास ने 26 फरवरी 2024 को अपनी आखिरी सांस ली है। लम्बे समय से पंकज उधास की तबीयत बिल्कुल ठीक नहीं थी और वो उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे। पंकज उधास की बीमारी को देखते हुए दस दिन पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। पंकज उधास का अंतिम संस्कार मंगलवार को किया जाएगा।कैरियर की शुरुआत
पंकज उधास के बड़े भाई मनहर उधास रंगमंच अभिनेता थे। इन्हीं की मदद से पंकज संगीत की दुनिया में आए। सबसे पहले इन्होंने रंगमंच गायक के रूप में संगीत की दुनिया में कदम रखा। भारत चीन युद्ध के दौरान इन्होंने स्टेज पर ‘ ए मेरे वतन के लोगों’ गीत गाया जो दर्शकों को काफी पसंद आया और इन्हें इनाम के तौर पर 51 दिए गए। इसके बाद इन्होंने राजकोट में संगीत नाटक एकेडमी में दाखिला लिया और वहां पर तबला बजाना सीखा। सेंट जेवियर्स कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद इन्होंने एक ‘बार’ में भी काम किया। इस बीच ये अपनी गायकी का अभ्यास भी किया करते थे। बॉलीवुड में इनकी गायकी की शुरुआत साल 1972 में आई फिल्म कामना के जरिए हुई जिसमें उन्होंने पहली बार अपनी आवाज दी। हालांकि अभी इनका संघर्ष खत्म नहीं हुआ था। ग़ज़ल गायकी में रुचि होने की वजह से इन्होंने उर्दू भाषा भी सीखी। बाद में यह कनाडा गए जहां पर छोटे-मोटे कार्यक्रमों में ग़ज़ल गायकी किया करते थे। साल 1980 में इनके ग़ज़ल का एक एल्बम ‘आहट’ रिलीज हुआ जो काफी सफल हुआ। इसके बाद एक के बाद एक इन्होंने कई खूबसूरत ग़ज़ल गाए और इंडस्ट्री के जाने-माने ग़ज़ल गायक बन गए। इनके द्वारा गाया हुआ गज़ल ‘चिट्ठी आई है” काफी पॉपुलर हुआ था।संगीत की दुनिया में पंकज उधास ने जीते हैं कई अवार्ड
संगीत की दुनिया में पंकज उधास (Pankaj Udhas Award in singing career) ने कई अवार्ड अपने नाम किए हैं। साल 2006 में इन्हें पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। इसके अलावा संगीत की दुनिया में गायकी को मिलने वाले अवार्ड के एल सहगल अवार्ड से भी इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। साल 1985 से लेकर 2006 तक इन्होंने कई पुरस्कार जीते ।पंकज उधास (Pankaj Udhas) की लव लाइफ
गजल सम्राट पंकज उदास की प्रेम कहानी के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। जब यह ग्रेजुएशन में थे तभी अपनी पड़ोसन पर दिल हार बैठे थे। पारसी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली इनकी पड़ोसन का नाम फरीदा था, जो पेशे से एक एयर होस्टेस थी। इनके परिवार को इस रिश्ते से कोई दिक्कत नहीं थी, लेकिन फरीदा के घरवालों को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। अपने रिश्ते की सिफारिश लेकर पंकज फरीदा के पिता जो एक रिटायर्ड पुलिस अफसर थे उनके पास पहुंचे। फरीदा के पिता ने कहा -"अगर तुम्हें लगता है कि तुम दोनों एक साथ खुश रहोगे तो आगे बढ़ो और शादी कर लो।" फिर क्या था पंकज उधास ने बिना कुछ सोचे आगे बढ़कर फरीदा का हाथ हमेशा के लिए थाम लिया। पंकज उधास अपनी पत्नी और दो बेटियों नायब और रेवा के साथ खुशहाल जिंदगी जी रहे थे।संगीत जगत में छाया मातम
पंकज उधास की निधन की खबर ने पूरे संगीत जगत को खामोश कर दिया है। पंकज उधास जैसे नायाब गायक का इस तरह अचानक दुनिया को अलविदा कह देना फैंस के लिए बेहद असहनीय खबर है। हर कोई सोशल मीडिया के जरिए नम आंखों से पंकज उधास को श्रद्धांजलि दे रहा है। वहीं इस कदर संगीत जगत को छोड़कर जाने से म्यूजिक की दुनिया में मातम छा गया है।अपनी पूरी जिंदगी कर दी संगीत के नाम
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पंकज उधास जब महज छः साल के थे तभी से उन्होंने संगीत में अपना करियर बनाना शुरू कर दिया था। घर में म्यूजिक का माहौल देखकर उन्होंने भी अपना करियर म्यूजिक में बनाया और ताउम्र अपनी बेहतरीन ग़ज़लों से लोगों के दिलों का हाल बयां करते हुए अपनी एक अलग पहचान बना ली। पंकज उधास ने अपनी पूरी जिंदगी संगीत की दुनिया में बिता दी। और आखिर में संगीत की दुनिया को अलविदा कहकर हमेशा के लिए आंखे मूंद ली।हमेशा लोगों के दिल में रहेंगे जिंदा
अपनी बेहतरीन ग़ज़लों से लोगों के दिल-ए-अल्फ़ाज़ बयां करने वाले पंकज उधास (Pankaj Udhas) आज भले ही दुनिया को अलविदा कह गए लेकिन वो ताउम्र अपनी ग़ज़लों से लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे।Kenneth Mitchell : कैप्टन मार्वल फेम एक्टर का निधन, ALS की बीमारी से जूझ रहे थे
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