उत्तर प्रदेश के किसानों की लगी लॉटरी! लिंक एक्सप्रेसवे से जुड़ेगी 9 गांवों की जमीन

उत्तर प्रदेश के किसानों की लगी लॉटरी! लिंक एक्सप्रेसवे से जुड़ेगी 9 गांवों की जमीन
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userचेतना मंच
calendar03 Nov 2025 02:57 PM
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उत्तर प्रदेश अब एक्सप्रेसवे का हब बन चुका है। पूर्वांचल से लेकर बुंदेलखंड तक सड़क नेटवर्क तेजी से फैल रहा है। इसी कड़ी में अब उत्तर प्रदेश के झांसी लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण को मंजूरी मिल गई है। इस परियोजना से उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के 9 गांव सीधे जुड़ेंगे, जिससे यहां के किसानों की किस्मत चमकने वाली है। UP News :

9 गांव एक्सप्रेसवे से जुड़ेंगे

झांसी लिंक एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई करीब 115 किलोमीटर होगी, जो जालौन से झांसी के एनएच तक बनेगा। परियोजना के पहले चरण में जालौन जिले के उरई तहसील के 9 गांवों नंथा, हिलगना, कोटरा, किशोरा, बरसार, जैसारी कला, गोरन, टिमरो और फूलपुरा को चिन्हित किया गया है। इन इलाकों में भूमि सर्वे और सीमांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

13 सौ करोड़ की परियोजना, बनेगा चार लेन एक्सप्रेसवे

इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 1300 करोड़ आंकी गई है। शुरुआती चरण में यह एक्सप्रेसवे चार लेन का होगा, जिसे भविष्य में जरूरत पड़ने पर छह लेन तक विस्तार दिया जा सकेगा। कुल 63 गांवों से जमीन अधिग्रहित की जाएगी। सरकार ने भूमि अधिग्रहण के लिए किसानों को बाजार मूल्य से चार गुना तक मुआवजा देने का निर्णय लिया है। यानी जिन किसानों की जमीन इस परियोजना में जाएगी, वे करोड़पति बनने की कतार में हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि एक्सप्रेसवे बनने के बाद आसपास की जमीनों के दाम कई गुना तक बढ़ सकते हैं।

विकास और उद्योग को नई रफ्तार

झांसी लिंक एक्सप्रेसवे बनने के बाद यह बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और झांसी डिफेंस कॉरिडोर को जोड़ेगा। इससे न केवल औद्योगिक गतिविधियों को बल मिलेगा, बल्कि जालौन से झांसी तक की यात्रा भी बेहद आसान हो जाएगी। फिलहाल जहां सफर में 3 घंटे लगते हैं, वहीं एक्सप्रेसवे शुरू होने के बाद यह दूरी डेढ़ घंटे से भी कम में तय होगी। एक्सप्रेसवे के आसपास के इलाकों में रियल एस्टेट और छोटे उद्योगों के निवेश की संभावना बढ़ गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ वर्षों में जालौन, उरई और आसपास के क्षेत्रों में भूमि मूल्य कई गुना बढ़ सकते हैं, यानी किसानों के लिए यह किसी लॉटरी से कम नहीं। UP News
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उत्तर प्रदेश के भविष्य को लेकर शिवपाल यादव ने की बड़ी घोषणा

उत्तर प्रदेश के भविष्य को लेकर शिवपाल यादव ने की बड़ी घोषणा
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userचेतना मंच
calendar03 Nov 2025 02:55 PM
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उत्तर प्रदेश आबादी की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा प्रदेश है। उत्तर प्रदेश की राजनीति ही भारत की राजनीति की दिशा और दशा तय करती रही है। उत्तर प्रदेश में 2027 में विधानसभा के चुनाव होंगे। उत्तर प्रदेश के राजनीतिक दलों ने उत्तर प्रदेश  विधानसभा चुनाव-2027 की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस दौरान उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी (सपा) भी चुनाव के मूड़ गई है। सपा के प्रमुख नेता शिवपाल सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश के राजनीतिक भविष्य पर बड़ा बयान दिया है।  UP News

शिवपाल यादव का बड़ा दावा, बोले 2027 में सपा की सरकार

समाजवादी पार्टी में शिवपाल सिंह यादव बड़े नेता हैं। रविवार को शिवपाल सिंह यादव उत्तर प्रदेश के जसवंतनगर में मौजूद थे। इस दौरान शिवपाल सिंह यादव ने दहगवां चौक पर एक नवनिर्मित होटल का उद्घाटन किया। इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि मैं अपने पूरे जीवन के राजनीतिक अनुभव के आधार पर बता रहा हूं कि उत्तर प्रदेश की जनता भाजपा की सरकार से त्रस्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि वर्ष-2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को प्रचण्ड जीत मिलेगी। समाजवादीउत्तर प्रदेश न्यूज  पार्टी एक बार फिर जनता के प्रति समर्पित सरकार बनाकर उत्तर प्रदेश का भला करने का काम करेगी।  UP News

शिवपाल यादव ने लगाया किसानों की जमीन हड़पने का आरोप

उत्तर प्रदेश के जसवंतनगर में आयोजित कार्यक्रम में शिवपाल यादव ने एक बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता तथा अफसार मिलकर किसानों की जमीनों पर कब्जे करने का काम कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी की सरकार आने पर किसानों की जमीनों पर कब्जे करने वाले अधिकारियों तथा भाजपा के नेताओं को जेल में भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों की जमीन कब्जाने वाले अफसरों की सूची तैयार की जा रही है। सरकार बनने के बाद इन अफसरों से पाई-पाई का हिसाब लिया जाएगा।

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विधायक ने किया शिवपाल यादव का स्वागत

जसवंतनगर के दौर के दौरान दहगवां चौराहे पर एक होटल एवं वेंकट का उद्घाटन के बाद सहसवान विधायक बृजेश यादव ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव का जोरदार स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस होटल मैरिज हाल से ग्रामीणों को काफी सुविधा मिलेगी। पहले लोग बैलगाड़ी और ट्रैक्टर से बरात लेकर जाते थे, रास्ते कच्चे होने के कारण काफी दिक्कतें आती थीं, लेकिन अब यह समस्या दूर हो जाएगी। इस दौरान सपा सांसद आदित्य यादव ने कहा कि लोकसभा चुनाव हमने मजबूती से लड़ा और जनता ने हमारा साथ दिया। अब विधानसभा चुनाव में भी कार्यकर्ता एकजुट होकर मैदान में उतरें। हवा में नहीं, जमीन पर उतरकर चुनाव लड़ें।    UP News कार्यक्रम में पूर्व मंत्री और विधायक ओंकार सिंह यादव, पूर्व सांसद सलीम इकबाल शेरवानी, गुन्नौर विधायक रामखिलाड़ी सिंह यादव, पूर्व विधायक आरके शर्मा, जिला अध्यक्ष संभल असगर अंसारी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य ऋषिपाल सिंह यादव, नरोत्तम सिंह, नवाब सिंह, पूरन सिंह मौजूद रहे।    UP News
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उत्तर प्रदेश में 415 परिवारों को अल्टीमेटम, खाली करनी होगी जमीन

उत्तर प्रदेश में 415 परिवारों को अल्टीमेटम, खाली करनी होगी जमीन
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 05:12 AM
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उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले स्थित बेहट कस्बे के इंदिरा कॉलोनी में रहने वाले 415 परिवारों को सिंचाई विभाग ने भूमि खाली करने के लिए तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है। विभाग की टीम ने पुलिस के साथ मिलकर कॉलोनी के मकानों पर निशानदेही की और चेतावनी दी कि तीन दिन के अंदर अगर जमीन खाली नहीं की जाती है, तो ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। UP News

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क्या है मामला?

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले स्थित बेहट कस्बे के इंदिरा कॉलोनी में कुल 415 परिवार रहते हैं, जिनमें से कई परिवारों का कहना है कि वे लंबे समय से यहां निवास कर रहे हैं। हालांकि, सिंचाई विभाग का दावा है कि यह कॉलोनी अवैध रूप से उनकी भूमि पर बनी हुई है। विभाग का कहना है कि पहले भी परिवारों को नोटिस जारी किए गए थे, जिसमें उन्हें अपनी संपत्ति खाली करने के लिए कहा गया था। विभाग की कार्रवाई को लेकर कुछ परिवार सिविल कोर्ट भी चले गए थे, और यहां तक कि कोर्ट से स्थगन आदेश भी प्राप्त किया था। लेकिन सोमवार को सिंचाई विभाग की टीम ने फिर से इंदिरा कालोनी का दौरा किया, और स्थगन आदेश लेने वाले परिवारों को छोड़कर बाकी सभी परिवारों के मकानों पर लाल रंग से क्रॉस चिह्नित किया। इसके बाद, इन परिवारों को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया गया है।

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ध्वस्तीकरण का खतरा

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर स्थित सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि तीन दिन के भीतर अगर भूमि खाली नहीं की जाती, तो विभाग को मजबूरन ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू करनी पड़ेगी। इसके बाद विभाग भूमि को कब्जामुक्त कराकर सरकारी योजनाओं के लिए इस्तेमाल करेगा।

अदालत के आदेश का असर

अभी तक, जिन परिवारों ने सिविल कोर्ट से स्थगन आदेश प्राप्त किया है, उन्हें ध्वस्तीकरण से राहत दी गई है। लेकिन अन्य परिवारों के लिए अब तीन दिन का समय ही संकट बन सकता है, क्योंकि यदि उन्होंने भूमि खाली नहीं की, तो उन्हें अपनी संपत्ति से हाथ धोना पड़ सकता है।

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क्या होगा आगे?

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का यह मामला फिलहाल विवादों का विषय बना हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें पर्याप्त समय नहीं दिया गया और यह निर्णय अचानक लिया गया। वहीं, सिंचाई विभाग का कहना है कि यह कार्रवाई कानून के तहत की जा रही है, ताकि अवैध कब्जों को हटाया जा सके।