उत्तर प्रदेश के किसानों की लगी लॉटरी! लिंक एक्सप्रेसवे से जुड़ेगी 9 गांवों की जमीन

9 गांव एक्सप्रेसवे से जुड़ेंगे
झांसी लिंक एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई करीब 115 किलोमीटर होगी, जो जालौन से झांसी के एनएच तक बनेगा। परियोजना के पहले चरण में जालौन जिले के उरई तहसील के 9 गांवों नंथा, हिलगना, कोटरा, किशोरा, बरसार, जैसारी कला, गोरन, टिमरो और फूलपुरा को चिन्हित किया गया है। इन इलाकों में भूमि सर्वे और सीमांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।13 सौ करोड़ की परियोजना, बनेगा चार लेन एक्सप्रेसवे
इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 1300 करोड़ आंकी गई है। शुरुआती चरण में यह एक्सप्रेसवे चार लेन का होगा, जिसे भविष्य में जरूरत पड़ने पर छह लेन तक विस्तार दिया जा सकेगा। कुल 63 गांवों से जमीन अधिग्रहित की जाएगी। सरकार ने भूमि अधिग्रहण के लिए किसानों को बाजार मूल्य से चार गुना तक मुआवजा देने का निर्णय लिया है। यानी जिन किसानों की जमीन इस परियोजना में जाएगी, वे करोड़पति बनने की कतार में हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि एक्सप्रेसवे बनने के बाद आसपास की जमीनों के दाम कई गुना तक बढ़ सकते हैं।विकास और उद्योग को नई रफ्तार
झांसी लिंक एक्सप्रेसवे बनने के बाद यह बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और झांसी डिफेंस कॉरिडोर को जोड़ेगा। इससे न केवल औद्योगिक गतिविधियों को बल मिलेगा, बल्कि जालौन से झांसी तक की यात्रा भी बेहद आसान हो जाएगी। फिलहाल जहां सफर में 3 घंटे लगते हैं, वहीं एक्सप्रेसवे शुरू होने के बाद यह दूरी डेढ़ घंटे से भी कम में तय होगी। एक्सप्रेसवे के आसपास के इलाकों में रियल एस्टेट और छोटे उद्योगों के निवेश की संभावना बढ़ गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ वर्षों में जालौन, उरई और आसपास के क्षेत्रों में भूमि मूल्य कई गुना बढ़ सकते हैं, यानी किसानों के लिए यह किसी लॉटरी से कम नहीं। UP Newsअगली खबर पढ़ें
9 गांव एक्सप्रेसवे से जुड़ेंगे
झांसी लिंक एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई करीब 115 किलोमीटर होगी, जो जालौन से झांसी के एनएच तक बनेगा। परियोजना के पहले चरण में जालौन जिले के उरई तहसील के 9 गांवों नंथा, हिलगना, कोटरा, किशोरा, बरसार, जैसारी कला, गोरन, टिमरो और फूलपुरा को चिन्हित किया गया है। इन इलाकों में भूमि सर्वे और सीमांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।13 सौ करोड़ की परियोजना, बनेगा चार लेन एक्सप्रेसवे
इस परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 1300 करोड़ आंकी गई है। शुरुआती चरण में यह एक्सप्रेसवे चार लेन का होगा, जिसे भविष्य में जरूरत पड़ने पर छह लेन तक विस्तार दिया जा सकेगा। कुल 63 गांवों से जमीन अधिग्रहित की जाएगी। सरकार ने भूमि अधिग्रहण के लिए किसानों को बाजार मूल्य से चार गुना तक मुआवजा देने का निर्णय लिया है। यानी जिन किसानों की जमीन इस परियोजना में जाएगी, वे करोड़पति बनने की कतार में हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि एक्सप्रेसवे बनने के बाद आसपास की जमीनों के दाम कई गुना तक बढ़ सकते हैं।विकास और उद्योग को नई रफ्तार
झांसी लिंक एक्सप्रेसवे बनने के बाद यह बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे और झांसी डिफेंस कॉरिडोर को जोड़ेगा। इससे न केवल औद्योगिक गतिविधियों को बल मिलेगा, बल्कि जालौन से झांसी तक की यात्रा भी बेहद आसान हो जाएगी। फिलहाल जहां सफर में 3 घंटे लगते हैं, वहीं एक्सप्रेसवे शुरू होने के बाद यह दूरी डेढ़ घंटे से भी कम में तय होगी। एक्सप्रेसवे के आसपास के इलाकों में रियल एस्टेट और छोटे उद्योगों के निवेश की संभावना बढ़ गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले कुछ वर्षों में जालौन, उरई और आसपास के क्षेत्रों में भूमि मूल्य कई गुना बढ़ सकते हैं, यानी किसानों के लिए यह किसी लॉटरी से कम नहीं। UP Newsसंबंधित खबरें
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