उत्तर प्रदेश सहित देश भर के 50 लाख परिवारों को लिया जाएगा गोद, अदभुत है योजना

UP News
10 लाख परिवार लिए जा चुके हैं गोद
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री भी हैं। उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के तोर पर बृजेश पाठक ने बताया कि केन्द्र सरकार वर्ष-2022 से पूरे देश में पारिवारिक दत्तक ग्रहण कार्यक्रम (एफएपी) चला रही है। एफएपी के तहत मेडिकल कॉलिज में दाखिला लेने वाले प्रत्येक छात्र को अपने मेडिकल कॉलिज के आसपास के कम से कम पांच परिवारों को गोद लेना होता है। इन परिवारों की स्वास्थ्य संबंधी सारी जिम्मेदारी मेडिकल कॉलिज के इन छात्रों के ऊपर होती है। वर्ष-2022 से उत्तर प्रदेश समेत देश भर के 10 लाख परिवारों को इस योजना के तहत गोद लिया गया है। अकेले उत्तर प्रदेश में हर साल एक लाख 85 हजार परिवारों को गोद लिया जाता है। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ने बताया कि अगले पांच सालों में उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में 50 लाख परिवारों को गोद लेने की योजना है। उत्तर प्रदेश की सरकार इस योजना पर व्यापक ध्यान केन्द्रित कर रही है। उत्तर प्रदेश में जल्दी ही मेडिकल के छात्रों की सीट और अधिक बढ़ाई जाएगी। सीट बढऩे से परिवारों को गोद लेने की संख्या भी बढ़ेगी।क्या है पूरी योजना
आपको बता दें कि केन्द्र सरकार की इस योजना का नाम पारिवारिक दत्तक ग्रहण कार्यक्रम (एफएपी) है। इस योजना के तहत चिकित्सा छात्रों ने देश के 10 लाख परिवारों को गोद लिया है। एमबीबीएस की पढ़ाई करते हुए यह छात्र आगामी 5 वर्षों तक इन परिवारों का ध्यान रखेंगे। नियमित स्वास्थ्य जांच और बीमारी की पहचान होने पर उन्हें अस्पताल में इलाज की सलाह भी देंगे। साथ ही गैर संचारी रोगों से बचाव को लेकर परिवार की जीवनशैली और खान-पान पर विशेष ध्यान भी रखेंगे। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएससी) में मंगलवार को साल 2022 से लागू पारिवारिक दस्तक ग्रहण कार्यक्रम (एफएपी) के मुताबिक 2 साल की रिपोर्ट साझा की है। इसके मुताबिक 2 लाख से ज्यादा एमबीबीएस छात्रों ने यह जिम्मेदारी ली है। UP Newsकिसान नेता को मिली बड़ी जिम्मेदारी, सपा को करेंगे मजबूत
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उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री भी हैं। उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के तोर पर बृजेश पाठक ने बताया कि केन्द्र सरकार वर्ष-2022 से पूरे देश में पारिवारिक दत्तक ग्रहण कार्यक्रम (एफएपी) चला रही है। एफएपी के तहत मेडिकल कॉलिज में दाखिला लेने वाले प्रत्येक छात्र को अपने मेडिकल कॉलिज के आसपास के कम से कम पांच परिवारों को गोद लेना होता है। इन परिवारों की स्वास्थ्य संबंधी सारी जिम्मेदारी मेडिकल कॉलिज के इन छात्रों के ऊपर होती है। वर्ष-2022 से उत्तर प्रदेश समेत देश भर के 10 लाख परिवारों को इस योजना के तहत गोद लिया गया है। अकेले उत्तर प्रदेश में हर साल एक लाख 85 हजार परिवारों को गोद लिया जाता है। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ने बताया कि अगले पांच सालों में उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में 50 लाख परिवारों को गोद लेने की योजना है। उत्तर प्रदेश की सरकार इस योजना पर व्यापक ध्यान केन्द्रित कर रही है। उत्तर प्रदेश में जल्दी ही मेडिकल के छात्रों की सीट और अधिक बढ़ाई जाएगी। सीट बढऩे से परिवारों को गोद लेने की संख्या भी बढ़ेगी।क्या है पूरी योजना
आपको बता दें कि केन्द्र सरकार की इस योजना का नाम पारिवारिक दत्तक ग्रहण कार्यक्रम (एफएपी) है। इस योजना के तहत चिकित्सा छात्रों ने देश के 10 लाख परिवारों को गोद लिया है। एमबीबीएस की पढ़ाई करते हुए यह छात्र आगामी 5 वर्षों तक इन परिवारों का ध्यान रखेंगे। नियमित स्वास्थ्य जांच और बीमारी की पहचान होने पर उन्हें अस्पताल में इलाज की सलाह भी देंगे। साथ ही गैर संचारी रोगों से बचाव को लेकर परिवार की जीवनशैली और खान-पान पर विशेष ध्यान भी रखेंगे। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएससी) में मंगलवार को साल 2022 से लागू पारिवारिक दस्तक ग्रहण कार्यक्रम (एफएपी) के मुताबिक 2 साल की रिपोर्ट साझा की है। इसके मुताबिक 2 लाख से ज्यादा एमबीबीएस छात्रों ने यह जिम्मेदारी ली है। UP Newsकिसान नेता को मिली बड़ी जिम्मेदारी, सपा को करेंगे मजबूत
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