उत्तर प्रदेश में बड़ा बदलाव, बदले गए 46 आईएएस अधिकारी

उत्तर प्रदेश में बड़ा बदलाव, बदले गए 46 आईएएस अधिकारी
locationभारत
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calendar01 Dec 2025 08:39 PM
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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक बड़ा प्रशासनिक तबादला करते हुए 46 आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है। यह फेरबदल शासन की कार्यप्रणाली को और तेज व प्रभावी बनाने के उद्देश्य से किया गया बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, जिन अधिकारियों के तबादले किए गए हैं, उनमें कई जिÞलाधिकारियों, अपर मुख्य सचिवों और सचिव स्तर के अधिकारी शामिल हैं। कुछ अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, जबकि कुछ को प्रतीक्षा सूची में डाला गया है। UP News :

बदलाव प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने और विकास योजनाओं के क्रियान्वयन को गति देने के लिए

राज्य सरकार का कहना है कि यह बदलाव प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने और विकास योजनाओं के क्रियान्वयन को गति देने के लिए किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल में ही प्रशासनिक अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि जनता से जुड़े मामलों में पारदर्शिता और जवाबदेही सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखी जाए। फिलहाल यह सूची कार्मिक विभाग की वेबसाइट पर जारी की गई है और नए पदस्थापन आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। UP News कल्याण सिंह की जन्मभूमि को मिली नई पहचान
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कल्याण सिंह की जन्मभूमि को मिली नई पहचान

कल्याण सिंह की जन्मभूमि को मिली नई पहचान
locationभारत
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calendar28 Oct 2025 04:34 PM
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Kalyan Singh Nagar: उत्तर प्रदेश में अभी तक 75 जिले है जिसे अब एक और नया जिला मिलने जा रहा है इस पर राजस्व परिषद के आयुक्त एवं सचिव प्रभारी अधिकारी राम कुमार द्विवेदी ने जिलाधिकारियों से नया जिला बनाने का प्रस्ताव रखा है। उत्तर प्रदेश जिले की जानकारी हम आपको विस्तार के साथ बता रहे हैं। UP News बता दे कि उत्तर प्रदेश बहुत जल्द 76 जिलों वाला राज्य बनने जा रहा है। अभी तक सूबे में 75 जिले हैं, लेकिन अब एक नया जिला बनने जा रहा है, जिसका नाम दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के नाम पर ‘कल्याण सिंह नगर’ (Kalyan Singh Nagar) रखा जाएगा। यह जिला अलीगढ़ और बुलंदशहर की तीन तहसीलों — अतरौली, गंगीरी और डिबाई — को मिलाकर बनाया जाएगा।

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Kalyan Singh Nagar : कई वर्षों से उठ रही थी मांग

इस जिले की मांग कई सालों से होती आ रही थी। आखिरी बार वर्ष 2011 में संभल को नया जिला बनाया गया था। अब राज्य सरकार ने ‘कल्याण सिंह नगर’ (Kalyan Singh Nagar) के गठन की दिशा में औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है।

Kalyan Singh Nagar : राजस्व परिषद ने मांगा प्रस्ताव

राजस्व परिषद के आयुक्त एवं सचिव प्रभारी अधिकारी राम कुमार द्विवेदी ने अलीगढ़ और बुलंदशहर के जिलाधिकारियों से नया जिला बनाने का प्रस्ताव मांगा है। उन्हें राजस्व एवं प्रशासनिक मानकों के अनुसार रिपोर्ट तैयार कर कमिश्नर के माध्यम से भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

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Kalyan Singh Nagar: राजवीर सिंह का पत्र हुआ असरदार

पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पुत्र व पूर्व सांसद राजवीर सिंह राजू भैया ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर इस जिले की मांग की थी। उन्होंने लिखा था कि “पिता कल्याण सिंह ने जीवनभर समाज और प्रदेश के विकास के लिए काम किया। उनकी जन्मभूमि अतरौली को अब तक वह पहचान नहीं मिल सकी जिसकी वह हकदार थी।” राजवीर सिंह ने यह भी कहा था कि अतरौली और बुलंदशहर की डिबाई तहसील विकास की दृष्टि से पिछड़ी हुई हैं, और इन्हें मिलाकर नया जिला बनाना जनभावनाओं के अनुरूप होगा।

Kalyan Singh Nagar: लोगों में खुशी की लहर

स्थानीय लोग इस निर्णय से उत्साहित हैं। अतरौली निवासी कुलदीप शर्मा ने बताया कि “जिला बनने से रोजगार के नए अवसर खुलेंगे और युवाओं को बेहतर शिक्षा के मौके मिलेंगे।” वहीं एडवोकेट नीलिमा पाठक का कहना है, “जिला बनने से अधिवक्ताओं और आम जनता दोनों को फायदा होगा। प्रशासनिक कामकाज के लिए अब अलीगढ़ या बुलंदशहर नहीं जाना पड़ेगा।”

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Kalyan Singh Nagar: विकास को नई रफ्तार मिलेगी

अतरौली, डिबाई और गंगीरी इलाके लंबे समय से विकास की दौड़ में पिछड़ गए थे। नया जिला बनने से यहां बुनियादी सुविधाओं, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद है।

Kalyan Singh Nagar: कल्याण सिंह की विरासत से जुड़ा इलाका

अतरौली को उत्तर प्रदेश की राजनीति में खास स्थान प्राप्त है। यह वही क्षेत्र है जिसने राज्य को **दो मुख्यमंत्री** दिए — **कल्याण सिंह और चंद्रभानु गुप्त। कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी 1932 को अतरौली के मढौली गांव में हुआ था। वे 10 बार विधायक और 2 बार सांसद रहे। 1991 और 1997 में दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और 2014 में राजस्थान के राज्यपाल नियुक्त हुए।

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Kalyan Singh Nagar: कासगंज और फरेंदा के नाम भी चल चुकी है चर्चा

गौरतलब है कि 2021 में कासगंज का नाम बदलकर ‘कल्याण सिंह नगर’ रखने का प्रस्ताव जिला पंचायत बोर्ड में पारित हुआ था। वहीं 2024 में फरेंदा (महराजगंज) को भी नया जिला बनाने का प्रस्ताव राजस्व विभाग ने मांगा था। बता दे कि यदि अलीगढ़ और बुलंदशहर से मांगा गया प्रस्ताव स्वीकृत हो जाता है, तो उत्तर प्रदेश का नक्शा बदलेगा और राज्य को एक नया जिला ‘कल्याण सिंह नगर’ के रूप में मिलेगा — जो न सिर्फ प्रशासनिक दृष्टि से अहम होगा, बल्कि एक महान जननायक की स्मृति को भी सजीव रखेगा।
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अब नोएडा जैसा साफ-सुथरा दिखेगा फतेहपुर,14 वार्डों की तस्वीर बदलेगी

अब नोएडा जैसा साफ-सुथरा दिखेगा फतेहपुर,14 वार्डों की तस्वीर बदलेगी
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userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 04:05 PM
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उत्तर प्रदेश के फतेहपुर शहर की सूरत अब बदलने वाली है। उत्तर प्रदेश के शहर की गलियों में फैली गंदगी और जलभराव की समस्या जल्द खत्म होने जा रही है। 200 करोड़ रुपये की लागत से अमृत योजना के तहत उत्तर प्रदेश के 14 वार्डों में नई सीवर लाइन बिछाने की परियोजना को मंजूरी मिल गई है। इस योजना के पूरा होते ही उत्तर प्रदेश के फतेहपुर का चेहरा नोएडा और गाजियाबाद जैसे साफ-सुथरे शहरों की तरह चमकने लगेगा। UP News :

जोन-1 से शुरू होगा काम, 40 करोड़ की पहली किस्त जारी

फतेहपुर नगर को तीन जोनों में बांटा गया है। पहले चरण में जोन-1 में काम शुरू होगा। सरकार ने शुरुआती फंड के रूप में 40 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर दी है, जिससे जल्द ही सीवर लाइन बिछाने का काम मैदान पर उतर जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद शहर में गंदे पानी के निकास की पुरानी समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी।

स्वच्छता मिशन को मिलेगा नया आयाम

स्थानीय प्रशासन का मानना है कि सीवर लाइन की यह परियोजना न केवल जलभराव और बदबू से राहत देगी, बल्कि स्वच्छ भारत मिशन को भी नई दिशा देगी। नगर पालिका अधिकारियों ने बताया कि योजना का लक्ष्य है हर घर तक स्वच्छ जल निकासी, हर वार्ड तक स्वच्छ वातावरण।

कानपुर में विरोध की तस्वीर उलटी

जहां फतेहपुर में लोग इस परियोजना को विकास की सौगात मानकर खुश हैं, वहीं कानपुर के गोविंदनगर में हालात इसके उलट हैं। यहां व्यापारी नई सीवर लाइन बिछाने के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। उनका कहना है कि नई खुदाई से व्यापार प्रभावित होगा, इसलिए पुरानी लाइन की सफाई कराना ही बेहतर विकल्प है। व्यापारियों ने दुकानों के शटर बंद रखकर प्रदर्शन किया और प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर काम नहीं रोका गया तो वे अपनी दुकानों की चाबी प्रशासन को सौंप देंगे। एक ओर फतेहपुर में लोग विकास की नई राह देख रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कानपुर में व्यापारी निर्माण कार्य को परेशानी मान रहे हैं। इन दोनों शहरों की तस्वीरें साफ इशारा कर रही हैं कि उत्तर प्रदेश में शहरी विकास योजनाएं अब नई बहस और नए अवसर दोनों लेकर आई हैं। UP News