UP की 10 दमदार सरकारी योजनाएं, करोड़ों लोगों को मिल रहा सीधा लाभ

मुफ्त राशन वितरण योजना (निःशुल्क खाद्यान्न योजना)
उत्तर प्रदेश में गरीब परिवारों को खाद्य सुरक्षा देने के लिए मुफ्त राशन वितरण जारी है। राज्य में करीब 15 करोड़ लोग इस योजना से हर माह निःशुल्क अनाज पा रहे हैं। कोविड महामारी से उपजे संकट के बाद शुरू हुई इस पहल को सरकार ने पारदर्शी ई-पॉस सिस्टम से सुचारु रखा है। यह योजना गरीब परिवारों के रसोई खर्च में बड़ी राहत बनकर उभरी है और इसे 2024 तक बढ़ाया भी गया।आयुष्मान भारत व मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना (स्वास्थ्य बीमा)
प्रदेश में केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना और राज्य की मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना मिलकर लोगों को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा कवरेज दे रही हैं। अब तक उत्तर प्रदेश में 5 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं और आयुष्मान पात्रता से वंचित लगभग 49 लाख परिवारों को राज्य की योजना के तहत स्वास्थ्य कवर मिला है। इस पहल से गरीबों को कैशलेस इलाज की सुविधा मिली है, जिससे गंभीर बीमारियों में महंगे इलाज का बोझ कम हुआ है।मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना
यह योजना प्रदेश में बालिकाओं के जन्म से स्नातक तक चरणबद्ध आर्थिक मदद प्रदान करती है। वार्षिक ₹3 लाख तक आय वाले परिवारों की दो बेटियां इसमें शामिल हो सकती हैं। जन्म, टीकाकरण, स्कूल में प्रवेश और स्नातक स्तर तक कुल ₹25,000 सहायता राशि छह किश्तों में दी जाती है। 2023 में सहायता राशि ₹15,000 से बढ़ाकर ₹25,000 की गई। इस योजना से अब तक प्रदेश की करीब 24–25 लाख बेटियां लाभान्वित हुई हैं, जिससे बालिका शिक्षा और स्वास्थ्य को प्रोत्साहन मिला है।मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना
गरीब परिवारों की बेटियों की शादी का खर्च बांटने वाली इस योजना के तहत सरकार सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित कराती है। 2025 से प्रति जोड़ा अनुदान ₹51,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 किया गया है, जिसमें नकद राशि सीधा वधू के खाते में और बाकी राशि उपहार सामग्रियों व समारोह व्यय हेतु शामिल है। वार्षिक आय सीमा भी ₹2 लाख से बढ़ाकर ₹3 लाख की गई है। अब तक इस योजना में लगभग 4.76 लाख जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराया जा चुका है, जिसमें दलित, पिछड़े व अल्पसंख्यक समुदायों के हजारों परिवार शामिल हैं। यह योजना दहेज प्रथा पर रोक लगाने और निर्धन परिवारों को सम्मानजनक तरीके से विवाह कराने में मददगार साबित हुई है।मिशन शक्ति कार्यक्रम
मिशन शक्ति मुख्यमंत्री योगी द्वारा आरंभ दो-चरणीय व्यापक अभियान है, जिसका उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन सुनिश्चित करना है। पहले चरण (अक्तूबर 2020 – अप्रैल 2021) में बड़े स्तर पर जागरूकता अभियानों के साथ 40,000 से ज्यादा स्कूलों में सेल्फ-डिफेंस प्रशिक्षण चलाए गए। नवीन चरणों में यह कार्यक्रम और विस्तृत हुआ है। अब तक 10 लाख से अधिक छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण, 80,000 से ज्यादा को स्काउट-गाइड प्रशिक्षण, तथा 10 लाख से अधिक विद्यार्थियों को डिजिटल व वित्तीय साक्षरता प्रदान की गई है। मिशन शक्ति ने ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में महिला हेल्पडेस्क, कन्या फंड, और रात में पुलिस गश्त जैसी पहल के जरिए महिलाओं में सुरक्षा का विश्वास बढ़ाया है, जिससे वे अधिक आत्मनिर्भर महसूस कर रही हैं।मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान (MYUVA)
प्रदेश के युवाओं में स्व-रोजगार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए इस फ्लैगशिप योजना की शुरुआत की गई। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के तहत उद्यम शुरू करने के लिए आसान ऋण एवं मार्गदर्शन दिया जाता है। वित्त वर्ष 2025-26 के पहले चार महीनों में ही इस योजना को 1.96 लाख से अधिक आवेदन मिले, जो वार्षिक लक्ष्य 1.5 लाख से भी ज्यादा हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष 42,000 से ज्यादा युवाओं को ऋण स्वीकृत हुए हैं और कुल 1.58 लाख आवेदनों को बैंकों को अग्रसारित किया गया। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार तेज निष्पादन से 28,000 से बढ़कर 42,000 युवा उद्यमियों को लाभ मिला है। युवाओं में उद्यमिता के प्रति बढ़ते उत्साह ने यूपी को स्टार्टअप्स का नया केंद्र बनाने में मदद की है।मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना (निःशुल्क कोचिंग)
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए यह योजना वरदान साबित हो रही है। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अंतर्गत यूपी के सभी 75 ज़िलों में निःशुल्क कोचिंग सेंटर खोले गए हैं। यूपी सरकार समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित इस योजना में सिविल सेवा, नीट, जेईई, बैंकिंग जैसी परीक्षाओं की तैयारी मुफ्त कराई जाती है। हाल ही में 1 जुलाई 2025 से नए सत्र की शुरुआत हुई, जिसमें 30,000 से अधिक छात्र-छात्राओं ने पंजीकरण कराया है। अनुभवी आईएएस, आईपीएस अधिकारी व विषय-विशेषज्ञ निशुल्क मार्गदर्शन देते हैं। यह पहल प्रतिभावान युवा दिमागों को अवसर देकर सामाजिक बराबरी लाने की दिशा में अहम कदम है।मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना
किसानों के लिए सुरक्षा कवच बनी यह योजना किसी दुर्घटना में किसान की मृत्यु या स्थायी विकलांगता पर आर्थिक सहायता देती है। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत पीड़ित किसान के परिवार को ₹5 लाख तक की अनुदान राशि प्रदान की जाती है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक प्रदेश के 11,690 किसानों के दावों को मंजूरी देकर ₹561.86 करोड़ की सहायता वितरित की गई है। हाल ही में जून 2025 में एक ही दिन अंबेडकर नगर में 431 लाभार्थी किसानों को ₹20.78 करोड़ की सहायता दी गई। सरकार ने इस योजना का बजट बढ़ाकर 2025-26 में ₹1,050 करोड़ कर दिया है, जो किसानों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाता है। यह योजना खेतीहर परिवारों को आपदा की स्थिति में संबल देकर उनकी आजीविका को सुरक्षित रखने में मदद कर रही है।मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना
कोविड-19 सहित अन्य कारणों से अनाथ हुए बच्चों की परवरिश में सहारा देने वाली इस योजना ने कई जीवन रोशन किए हैं। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत 18 वर्ष से कम आयु के ऐसे बच्चों को प्रति माह ₹2,500 की आर्थिक सहायता दी जाती है। यदि बच्चा कोविड-से अनाथ हुआ है तो राशि ₹4,000 प्रतिमाह है। साथ ही इन बच्चों की निःशुल्क शिक्षा के लिए उन्हें अटल आवासीय विद्यालयों या कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में प्रवेश की सुविधा, 18 वर्ष होने पर लैपटॉप और कन्या होने पर शादी के लिए ₹1,01,000 की सहायता जैसे प्रावधान भी हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में इस योजना के तहत 29,029 बच्चों की पहचान कर उन्हें सहायता पहुंचाई गई। यह पहल महामारी में माता-पिता गंवा चुके एवं अन्य बेसहारा बच्चों को नई आशा और आत्मनिर्भर भविष्य का आधार प्रदान कर रही है।यह भी पढ़े: इन 3 एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगा पूरा उत्तर प्रदेश, जानिए कब तक पूरे होंगे?
एक जनपद, एक उत्पाद (ODOP) कार्यक्रम
प्रदेश के पारंपरिक उत्पादों और शिल्प को वैश्विक पहचान देने के लिए शुरू किया गया “एक जनपद, एक उत्पाद” (One District-One Product) कार्यक्रम आज यूपी की अर्थव्यवस्था का मजबूत इंजन बन गया है। इस योजना के तहत हर जिले की खास उत्पाद या शिल्प को चुनकर उसके उत्पादन, मार्केटिंग और निर्यात को बढ़ावा दिया जाता है। परिणामस्वरूप प्रदेश के लाखों कारीगरों, बुनकरों और उद्यमियों को नए रोजगार मिले हैं और उनके उत्पाद विदेशों तक पहुंचे हैं। उदाहरण के लिए, सिद्धार्थनगर जिले के काला नमक चावल की खेती 2018 के 2,000 हेक्टेयर से बढ़कर 20,000 हेक्टेयर तक फैल गई है, जिससे स्थानीय किसानों की आय बढ़ी है। समग्र रूप से उत्तर प्रदेश से ODOP उत्पादों का निर्यात बढ़कर ₹2 लाख करोड़ सालाना तक पहुंच गया है, जो 2017 में मात्र ₹86,000 करोड़ था। इस पहल के लिए यूपी को 2024 में राष्ट्रीय ODOP अवार्ड में देश में प्रथम स्थान मिला। ODOP ने पारंपरिक उद्योगों को नई जान देकर गांव-गांव में आर्थिक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया है। Uttar Pradesh Newsअगली खबर पढ़ें
मुफ्त राशन वितरण योजना (निःशुल्क खाद्यान्न योजना)
उत्तर प्रदेश में गरीब परिवारों को खाद्य सुरक्षा देने के लिए मुफ्त राशन वितरण जारी है। राज्य में करीब 15 करोड़ लोग इस योजना से हर माह निःशुल्क अनाज पा रहे हैं। कोविड महामारी से उपजे संकट के बाद शुरू हुई इस पहल को सरकार ने पारदर्शी ई-पॉस सिस्टम से सुचारु रखा है। यह योजना गरीब परिवारों के रसोई खर्च में बड़ी राहत बनकर उभरी है और इसे 2024 तक बढ़ाया भी गया।आयुष्मान भारत व मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना (स्वास्थ्य बीमा)
प्रदेश में केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना और राज्य की मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना मिलकर लोगों को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा कवरेज दे रही हैं। अब तक उत्तर प्रदेश में 5 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं और आयुष्मान पात्रता से वंचित लगभग 49 लाख परिवारों को राज्य की योजना के तहत स्वास्थ्य कवर मिला है। इस पहल से गरीबों को कैशलेस इलाज की सुविधा मिली है, जिससे गंभीर बीमारियों में महंगे इलाज का बोझ कम हुआ है।मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना
यह योजना प्रदेश में बालिकाओं के जन्म से स्नातक तक चरणबद्ध आर्थिक मदद प्रदान करती है। वार्षिक ₹3 लाख तक आय वाले परिवारों की दो बेटियां इसमें शामिल हो सकती हैं। जन्म, टीकाकरण, स्कूल में प्रवेश और स्नातक स्तर तक कुल ₹25,000 सहायता राशि छह किश्तों में दी जाती है। 2023 में सहायता राशि ₹15,000 से बढ़ाकर ₹25,000 की गई। इस योजना से अब तक प्रदेश की करीब 24–25 लाख बेटियां लाभान्वित हुई हैं, जिससे बालिका शिक्षा और स्वास्थ्य को प्रोत्साहन मिला है।मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना
गरीब परिवारों की बेटियों की शादी का खर्च बांटने वाली इस योजना के तहत सरकार सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित कराती है। 2025 से प्रति जोड़ा अनुदान ₹51,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 किया गया है, जिसमें नकद राशि सीधा वधू के खाते में और बाकी राशि उपहार सामग्रियों व समारोह व्यय हेतु शामिल है। वार्षिक आय सीमा भी ₹2 लाख से बढ़ाकर ₹3 लाख की गई है। अब तक इस योजना में लगभग 4.76 लाख जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराया जा चुका है, जिसमें दलित, पिछड़े व अल्पसंख्यक समुदायों के हजारों परिवार शामिल हैं। यह योजना दहेज प्रथा पर रोक लगाने और निर्धन परिवारों को सम्मानजनक तरीके से विवाह कराने में मददगार साबित हुई है।मिशन शक्ति कार्यक्रम
मिशन शक्ति मुख्यमंत्री योगी द्वारा आरंभ दो-चरणीय व्यापक अभियान है, जिसका उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन सुनिश्चित करना है। पहले चरण (अक्तूबर 2020 – अप्रैल 2021) में बड़े स्तर पर जागरूकता अभियानों के साथ 40,000 से ज्यादा स्कूलों में सेल्फ-डिफेंस प्रशिक्षण चलाए गए। नवीन चरणों में यह कार्यक्रम और विस्तृत हुआ है। अब तक 10 लाख से अधिक छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण, 80,000 से ज्यादा को स्काउट-गाइड प्रशिक्षण, तथा 10 लाख से अधिक विद्यार्थियों को डिजिटल व वित्तीय साक्षरता प्रदान की गई है। मिशन शक्ति ने ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में महिला हेल्पडेस्क, कन्या फंड, और रात में पुलिस गश्त जैसी पहल के जरिए महिलाओं में सुरक्षा का विश्वास बढ़ाया है, जिससे वे अधिक आत्मनिर्भर महसूस कर रही हैं।मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान (MYUVA)
प्रदेश के युवाओं में स्व-रोजगार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए इस फ्लैगशिप योजना की शुरुआत की गई। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के तहत उद्यम शुरू करने के लिए आसान ऋण एवं मार्गदर्शन दिया जाता है। वित्त वर्ष 2025-26 के पहले चार महीनों में ही इस योजना को 1.96 लाख से अधिक आवेदन मिले, जो वार्षिक लक्ष्य 1.5 लाख से भी ज्यादा हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष 42,000 से ज्यादा युवाओं को ऋण स्वीकृत हुए हैं और कुल 1.58 लाख आवेदनों को बैंकों को अग्रसारित किया गया। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार तेज निष्पादन से 28,000 से बढ़कर 42,000 युवा उद्यमियों को लाभ मिला है। युवाओं में उद्यमिता के प्रति बढ़ते उत्साह ने यूपी को स्टार्टअप्स का नया केंद्र बनाने में मदद की है।मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना (निःशुल्क कोचिंग)
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए यह योजना वरदान साबित हो रही है। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अंतर्गत यूपी के सभी 75 ज़िलों में निःशुल्क कोचिंग सेंटर खोले गए हैं। यूपी सरकार समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित इस योजना में सिविल सेवा, नीट, जेईई, बैंकिंग जैसी परीक्षाओं की तैयारी मुफ्त कराई जाती है। हाल ही में 1 जुलाई 2025 से नए सत्र की शुरुआत हुई, जिसमें 30,000 से अधिक छात्र-छात्राओं ने पंजीकरण कराया है। अनुभवी आईएएस, आईपीएस अधिकारी व विषय-विशेषज्ञ निशुल्क मार्गदर्शन देते हैं। यह पहल प्रतिभावान युवा दिमागों को अवसर देकर सामाजिक बराबरी लाने की दिशा में अहम कदम है।मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना
किसानों के लिए सुरक्षा कवच बनी यह योजना किसी दुर्घटना में किसान की मृत्यु या स्थायी विकलांगता पर आर्थिक सहायता देती है। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत पीड़ित किसान के परिवार को ₹5 लाख तक की अनुदान राशि प्रदान की जाती है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक प्रदेश के 11,690 किसानों के दावों को मंजूरी देकर ₹561.86 करोड़ की सहायता वितरित की गई है। हाल ही में जून 2025 में एक ही दिन अंबेडकर नगर में 431 लाभार्थी किसानों को ₹20.78 करोड़ की सहायता दी गई। सरकार ने इस योजना का बजट बढ़ाकर 2025-26 में ₹1,050 करोड़ कर दिया है, जो किसानों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता दर्शाता है। यह योजना खेतीहर परिवारों को आपदा की स्थिति में संबल देकर उनकी आजीविका को सुरक्षित रखने में मदद कर रही है।मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना
कोविड-19 सहित अन्य कारणों से अनाथ हुए बच्चों की परवरिश में सहारा देने वाली इस योजना ने कई जीवन रोशन किए हैं। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत 18 वर्ष से कम आयु के ऐसे बच्चों को प्रति माह ₹2,500 की आर्थिक सहायता दी जाती है। यदि बच्चा कोविड-से अनाथ हुआ है तो राशि ₹4,000 प्रतिमाह है। साथ ही इन बच्चों की निःशुल्क शिक्षा के लिए उन्हें अटल आवासीय विद्यालयों या कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में प्रवेश की सुविधा, 18 वर्ष होने पर लैपटॉप और कन्या होने पर शादी के लिए ₹1,01,000 की सहायता जैसे प्रावधान भी हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में इस योजना के तहत 29,029 बच्चों की पहचान कर उन्हें सहायता पहुंचाई गई। यह पहल महामारी में माता-पिता गंवा चुके एवं अन्य बेसहारा बच्चों को नई आशा और आत्मनिर्भर भविष्य का आधार प्रदान कर रही है।यह भी पढ़े: इन 3 एक्सप्रेसवे से जुड़ जाएगा पूरा उत्तर प्रदेश, जानिए कब तक पूरे होंगे?
एक जनपद, एक उत्पाद (ODOP) कार्यक्रम
प्रदेश के पारंपरिक उत्पादों और शिल्प को वैश्विक पहचान देने के लिए शुरू किया गया “एक जनपद, एक उत्पाद” (One District-One Product) कार्यक्रम आज यूपी की अर्थव्यवस्था का मजबूत इंजन बन गया है। इस योजना के तहत हर जिले की खास उत्पाद या शिल्प को चुनकर उसके उत्पादन, मार्केटिंग और निर्यात को बढ़ावा दिया जाता है। परिणामस्वरूप प्रदेश के लाखों कारीगरों, बुनकरों और उद्यमियों को नए रोजगार मिले हैं और उनके उत्पाद विदेशों तक पहुंचे हैं। उदाहरण के लिए, सिद्धार्थनगर जिले के काला नमक चावल की खेती 2018 के 2,000 हेक्टेयर से बढ़कर 20,000 हेक्टेयर तक फैल गई है, जिससे स्थानीय किसानों की आय बढ़ी है। समग्र रूप से उत्तर प्रदेश से ODOP उत्पादों का निर्यात बढ़कर ₹2 लाख करोड़ सालाना तक पहुंच गया है, जो 2017 में मात्र ₹86,000 करोड़ था। इस पहल के लिए यूपी को 2024 में राष्ट्रीय ODOP अवार्ड में देश में प्रथम स्थान मिला। ODOP ने पारंपरिक उद्योगों को नई जान देकर गांव-गांव में आर्थिक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया है। Uttar Pradesh Newsसंबंधित खबरें
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