Ceiling Fan Capacitor : गर्मी आते ही पंखे चल जाते है, जो आपको ठंडी-ठंडी, कूल-कूल हवा देकर गर्मी से राहत दिलाते हैं। लेकिन क्या आपने सोचा है कि ये पंखे किस तकनीकी के साथ काम करते है, जिसकी वजह से आपको गर्मी से राहत मिलती है। दरअसल ये एक खास तरीके की टेक्नोलॉजी है, इसमें अहम भूमिका निभाती है वो कंडेंसर यानी कैपेसिटर है। इसी की मदद से ही पंखे की स्पीड बढ़ जाती है। आइए जाने है कैसे होता है ये सब…
कंडेंसर क्या होता है?
सबसे पहले बात करते है कंडेंसर कि, तो ये एक खास तरीके की एक डिवाइस है जो इलेक्ट्रिकल एनर्जी को स्टोर करता है। इसमें दो इंसुलेटेड कंडक्टर होते हैं जो एक दूसरे के पास ही होते हैं। इसी के साथ इलेक्ट्रिक फैन के सर्किट में एक स्विच, एक बिगनिंग वाइंडिंग, एक रनिंग वाइंडिंग और स्टेटर होता है। एक कंडेंसर स्टार्टिंग वाइंडिंग और रोटोर के साथ जुड़ा रहता है। अब सवाल उठता है कि पंखे में कंडेंसर का क्या काम है? एक मोटर जो कंडेंसर को चलाती है, इसे एक इलेक्ट्रिक कंडेंसर बना देती है जो सिंगल-फेज AC इंडक्शन मोटर के कई वाइंडिंग में करंट को बदल देता है। इससे बदले में एक मैग्नेटिक टॉर्क भी बनता है।
Ceiling Fan Capacitor
पंखे में कंडेंसर क्यों होना चाहिए?
इसमें सबसे बड़ी दिक्कत ये होती है कि पंखे की मोटर खुद से चालू नहीं होती। इसे स्टार्ट करने के लिए अलग के पावर की आवश्यकता पड़ती है। अगर आप सीधे बिजली से पंखे को चलाएंगे तो ये नहीं काम नहीं करेगा। इस समस्या को दूर करने के लिए कंडेंसर का यूज होता है। पंखे की मोटर में वाइंडिंग के एक हिस्से में एक कंडेंसर जुड़ा होता है जो करंट को अलग-अलग फेज में बांटता है।
कंडेंसर से बढ़ती है पंखे की स्पीड
वहीं अगर पंखे में कंडेंसर नहीं है तो मैग्नेटिक फ्लक्स हरेक करंट साइकिल में चला जाएगा। इससे पंखे में मैग्नेटिक फील्ड नहीं बनेगी और आपका पंखा नहीं चेलगा। इसी वजह से हम सीलिंग फैन कंडेंसर (कैपेसिटर) का इस्तेमाल करते हैं। वैसे आजकल मार्केट में हाई-स्पीड फैन कंडेंसर भी मिलते हैं। इनका काम पंखे की स्पीड को बढ़ाना है। Ceiling Fan Capacitor
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