समाज का बड़ा दुश्मन बनता जा रहा है एक आविष्कार, घटियापन की हद कर दी

Negative Effects Of OTT
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Nov 2025 05:32 PM
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Negative Effects of OTT : कहते हैं कि विज्ञान से समाज देश तथा दुनिया का भला हुआ है। यह बात काफी हद तक सही भी है कि विज्ञान ने समाज को बड़ा लाभ दिया है। इस सबके बीच विज्ञान के कुछ आविष्कार समाज के बड़े से बड़े दुश्मन बनकर सामने आ रहे हैं। ऐसे ही समाज के एक दुश्मन ने तो घटियापन तथा अश्लीलता की सारी हदें ही पार कर दी है। हम यहां बता रहे हैं समाज के सबसे बड़े दुश्मन के तौर पर सामने आए एक आविष्कार के विषय में।

कला की आड़ में अश्लीलता

विज्ञान का एक अविष्कार है टेलीविजन। अब बात टेलीविजन से आगे बढक़र ओटीटी तक पहुंच गई है। जबसे टेलीविजन शो की जगह वेब सीरीज ने ले ली, ओटीटी प्लेटफॉर्म का बोलबाला बढ़ गया है। कोरोना महामारी के समय से ओटीटी प्लेटफॉर्म की मांग बहुत बढ़ गई। लेकिन ओटीटी प्लेटफॉर्म हमारे समाज को निरंतर दूषित करने में लगे हुए हैं। कलात्मक स्वतंत्रता और मनोरंजन के नाम पर ओटीटी प्लेटफॉर्म पर धड़ल्ले से अश्लील, हिंसक, विवादास्पद सामग्री परोसी जा रही है, जो कहीं न कहीं हमारे समाज की नैतिकता और मूल्यों को बुरी तरह से प्रभावित कर रही है। ओटीटी प्लेटफॉर्म के द्वारा इरॉटिक कंटेंट के नाम पर लगातार अश्लील सामग्री परोसी जा रही है, जिसमें गालियां एवं हिंसा की भी भरमार होती है, जिसका हमारे समाज पर बहुत ही नकारात्मक असर पड़ता है। मानवीय संवेदना को प्रस्तुत करने के बजाय पोर्न और इरॉटिक के बीच के बारीक से फर्क को मिटाकर कलात्मकता के नाम पर सिर्फ नग्नता और अश्लीलता को ओटीटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से परोसा जा रहा है। ओटीटी प्लेटफॉर्म पर सजे इस अश्लीलता के बाजार पर सख्त अंकुश लगाने की जरूरत है। वर्ष 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने भी ओटीटी पर दिखाई जाने वाली सामग्री को लेकर सख्त टिप्पणी की थी। संसद में भी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर हिंसक, अश्लील एवं विवादास्पद सामग्री परोसे जाने का मामला कई बार उठा। इन सब विवादों के चलते कई बार सरकार से यह मांग की गई कि ओटीटी पर दिखाई जाने वाली सामग्री के संदर्भ में विनियमन नीति लागू की जानी चाहिए। सरकार ने ओटीटी पर दिखाई जाने वाली सामग्री को लेकर दिशा-निर्देश भी जारी किया है। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि ओटीटी पर गैर-कानूनी सामग्री दिखाने की अनुमति नहीं होगी। हालांकि सरकार ने प्री सेंसरशिप का रास्ता अपनाने के बजाय ओटीटी प्लेटफॉर्म को स्वनियमन अपनाने के लिए कहा है। लेकिन स्वनियमन कैसे हो और इसका दायरा क्या होगा, इसके बारे में सरकार ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। सरकार ने साफ कर दिया है कि कोई भी ओटीटी प्लेटफॉर्म देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को आघात पहुंचाने वाले दृश्य और संवाद नहीं दिखाएंगे। लेकिन इन दिशा-निर्देशों के बावजूद जब अश्लील और आपत्तिजनक सामग्री परोसे जाने का सिलसिला नहीं रुका, तो मोदी सरकार ने अहम कदम उठाते हुए 18 ओटीटी लगाने की प्लेटफॉर्म पर बैन लगा दिया, जो निश्चित रूप से स्वागत योग्य कदम है। द ग्लोबल स्टैटिक्स डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 45 करोड़ ओटीटी सब्सक्राइबर्स हैं। ओटीटी कंटेंट में अश्लीलता, नग्नता और नशीले पदार्थों को इस हद तक ग्लैमराइज किया जाता है कि बच्चे भी इसके मोहजाल से खुद को रोक नहीं पाते हैं। देखा जाए, तो ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने विनियमन वाली 10 में से आठ वेब-सीरीज या शो ऐसे होते हैं, जिन्हें परिवार के साथ नहीं देखा जा सकता। यहां तक कि छात्र एवं शिक्षक तक के रिश्तों को भी अश्लील एवं असभ्य तरीके से दिखाया जाता है। यही नहीं, पारिवारिक रिश्तों की नींव भी कार्यक्रमों में प्रदर्शित अश्लील दृश्यों के माध्यम से नष्ट करने की साजिश चल रही है। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, 2016 से 2020 के दौरान भारत में ओटीटी पर अश्लील सामग्री 1,200 प्रतिशत से ज्यादा तेजी से बढ़ी है, जो बालमन से लेकर बड़े-बुजुर्गों तक को प्रभावित कर रही है। ऐसे में सरकार द्वारा ओटीटी प्लेटफॉर्म को इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ऐक्ट के तहत सेक्शन 67 और 67 (ए) के भारतीय दंड संहिता के सेक्शन 292 और महिलाओं के अश्लील प्रतिनिधित्व (निषेध) अधिनियम, 1986 की धारा 4 का उल्लंघन करने के आरोप में प्रतिबंधित किया गया है। निश्चित रूप से तकनीक के विकास ने हमारे जीवन को सुविधा संपन्न बनाया है, लेकिन इसी तकनीकी की मदद से बच्चों की मासूमियत, छीनी जा रही है। बच्चे समय से पहले ही बड़े हो रहे हैं। यही नहीं, अब इसने मानवीय मूल्यों से भी खेलना शुरू कर दिया है, जो एक सभ्य समाज के लिए दुखद और त्रासदीपूर्ण है। इन्हीं हिंसक, अश्लील सामग्रियों की वजह से किशोर उम्र के बच्चे कमजोर और दूषित मानसिकता के शिकार हो रहे हैं। उनके भीतर अपराधिक प्रवृत्ति जन्म ले रही है। संतोष की बात है कि अब सरकार ने कुछ हद तक ही सही, लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर निगरानी रखनी शुरू कर दी है। लेकिन अब भी इस दिशा में सख्ती जरूरी है, ताकि मनोरंजन के नाम पर समाज में अश्लीलता फैलाने से रोका जा सके।

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पप्पू यादव के साथ हो गया खेला,गठबंधन में शामिल हो कर भी नहीं मिली पूर्णिया की सीट

Pappu
Bihar News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 12:47 AM
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Bihar News : पप्पू यादव कुछ समय पहले बड़े अरमान से कांग्रेस में शामिल हुए थे । उनको उम्मीद थी कि कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्हें गठबंधन के तहत पूर्णिया से लोकसभा चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है।  लेकिन ऐसा नहीं हुआ और गठबंधन की तरफ से बीमा भारती को राजद ने पूर्णिया का टिकट दे दिया ।

लालू यादव का ऑफर ठुकराना पप्पू यादव को पड़ा महंगा

दरअसल राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का ऑफर ठुकराना पप्पू यादव को महंगा पड़ गया । लालू प्रसाद ने पूर्णिया सीट से बीमा भारती को टिकट दे दिया है।  पप्पू यादव पिछले 1 साल से पूर्णिया सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे और इसके लिए उन्होंने बाकायदा लालू यादव से हाथ जोड़कर गुहार भी की थी।  लेकिन उनकी यह गुहार भी काम नहीं आई।  आपको बता दें कि इस 20 मार्च को पप्पू यादव ने अपनी पार्टी 'जन अधिकार पार्टी"  का कांग्रेस में विलय भी कर लिया था ।

बीमा भारती ने मारी बाजी

लेकिन वह कहते हैं ना की राजनीति जोड़-तोड़ का खेल है। इसी बीच 23 मार्च को जदयू की विधायक बीमा भारती ने नितीश कुमार का हाथ छोड़कर आरजेडी का दामन थाम लिया।  और इसी बीच में राजद ने पूर्णिया की सीट बीमा भारती के नाम कर दी।  पप्पू यादव अपनी सीट को हाथ से जाता देख ठगे से रह गए।  इसलिए कहते हैं की राजनीति में कब क्या हो जाए कोई नहीं जानता।  इधर बीमा भारती ने भी सोशल मीडिया पर पूर्णिया राजद द्वारा टिकट दिए जाने के बात सार्वजनिक कर दी।  यह सब ऐसे मौके पर हुआ जब तेजस्वी यादव गठबंधन की सीटें तय  करने के लिए कांग्रेस से बातचीत को दिल्ली गए हुये  हैं ।

अखिलेश सिंह की भूमिका पर सवाल Bihar News

पूर्णिया से पप्पू यादव का टिकट काटने में कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह की भूमिका महत्वपूर्ण बताई जा रही है।  कहा जा रहा है कि अखिलेश सिंह पप्पू यादव के कांग्रेस ज्वाइन करने के भी खिलाफ थे उन्होंने पप्पू यादव को गुंडा एलिमेंट तक कह दिया था और अखिलेश सिंह की यही नाराजगी पप्पू यादव पर भारी पड़ गई और उन्हें पूर्णिया के टिकट से हाथ धोना पड़ा । आपको यह भी बता दें सूत्रों के हवाले से यह भी खबर मिल रही है कि इससे पहले पप्पू यादव ने लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की थी तो लालू प्रसाद यादव ने उन्हें आरजेडी ज्वाइन करने का ऑफर दिया था साथ यह कहा था कि अगर वह अपनी पार्टी का विलय राजद में करते हैं तो उन्हें मधेपुरा से टिकट दिया जाएगा लेकिन पप्पू यादव ने यह ऑफर ठुकरा दिया और  काँग्रेस में शामिल हो गए । कहा जा रहा है कि यह ऑफर ठुकराना भी उनके लिए आत्मघाती साबित हुआ।Bihar News

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देश की सबसे अमीर महिला ने छोड़ा कांग्रेस का साथ, नेटवर्थ सुनकर उड़ जाएंगे होश

Savitri Jindal
Lok Sabha Election 2024
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:38 AM
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Lok Sabha Election 2024:  जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव 2024 करीब आ रहे है, कांग्रेस से एक बाद एक दिग्गज पार्टी छोड़ रहे है। इस बार तो कांग्रेस की पार्टी का साथ देश की सबसे अमीर महिला ने छोड़ दिया है। दरअसल इस बार कांग्रेस का साथ टॉप अमीरों की लिस्ट में शामिल सावित्री जिंदल (Savitri Jindal) ने छोड़ा है।

सावित्री जिंदल ने क्यों छोड़ी पार्टी?

आपको बता दें कि ओपी जिंदल समूह की चेयरमैन और हरियाणा की पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल ने बुधवार देर रात को इस बात का ऐलान सोशल मीडिया के जारिए किया। उन्होंने लिखा कि वो कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा ले रही है।  बता दें कि Savitri Jindal ने बुधवार यानी 27 मार्च को X प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट के जारिए बताया कि उन्होंने अपने परिवार की सलाह पर कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा लेने का फैसला किया है।

Lok Sabha Election 2024

उन्होंने लिखा, 'मैंने एक विधायक के रूप में 10 सालों तक हिसार के लोगों का प्रतिनिधित्व किया और एक मंत्री के रूप में निस्वार्थ भाव से हरियाणा राज्य की सेवा की है। हिसार की जनता मेरा परिवार है और अपने परिवार की सलाह पर मैं आज कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं। उन्होंने आगे लिखा कि मैं कांग्रेस नेतृत्व के समर्थन के लिए और अपने सभी सहयोगियों का हमेशा आभारी रहूंगा जिन्होंने मुझे हमेशा अपना समर्थन और सम्मान दिया। https://twitter.com/SavitriJindal/status/1773040256981557433

2 लाख करोड़ से ज्यादा है नेटवर्थ

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सावित्री जिंदल का नाम देश की सबसे अमीर महिला में शुमार है। उनकी उम्र 84 साल की है और वो जिंदल समूह का विशाल कारोबार संभाल रही है। ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स (Bloomberg Billionaires Index) के मुताबिक, 28 मार्च 2024 तक सावित्री जिंदल की कुल संपत्ति (Savitri Jindal Net Worth) 29.6 अरब डॉलर बताई जा रही है। जो भारतीय रुपयों में करीब 2.47 लाख करोड़ रुपये के आस-पास होती है।  सावित्री जिंदल का दुनिया के टॉप अरबपतियों में 56वें स्थान हैं।  Lok Sabha Election 2024

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