Political : राहुल पर कार्रवाई के बाद सड़कों पर युवा, बढ़ी हलचल

Yuth
After action on Rahul, youth on the streets, increased stir
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 03:38 PM
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नई दिल्ली। प्रख्यात समाजवादी डॉ. राम मनोहर लोहिया ने कहा था, 'जब सड़कें वीरान हो जाएंगी तो संसद आवारा हो जाएगी।' मौजूदा वक्त में उनकी बात हर किसी के जेहन में ताजा हो गई है। सच है कि देशभर की सड़कें वीरान थीं। लेकिन, राहुल गांधी को संसद से अयोग्य करार देने के बाद देश की सड़कों पर हलचल शुरू हो गई है। राहुल पर की गई कार्रवाई के बाद एक ओर जहां समूचे विपक्ष ने एकजुटता दिखाई। वहीं, भारतीय युवा कांग्रेस ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।

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देशभर से प्रदर्शनकारी जंतर-मंतर पर इकट्ठा हुए:

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राहुल गांधी के साथ एकजुटता दिखाने के लिए देशभर से प्रदर्शनकारी जंतर-मंतर पर इकट्ठा हुए। नेताओं ने विपक्ष की आवाज को 'चुप' कराने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की। प्रदर्शन के दौरान युवा कांग्रेस के झंडे और 'सत्यमेव जयते' की तख्तियां लिए प्रदर्शनकारियों ने राहुल गांधी के लिए न्याय की मांग की।

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कोई भी मोदी सरकार से बात नहीं कर सकता !

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एक प्रदर्शनकारी ने कहा, केंद्र ने दिखाया है कि कोई भी मोदी सरकार से बात नहीं कर सकता है। कोई सवाल भी नहीं कर सकता है। राहुल गांधी ने अडाणी के बारे में सवाल उठाए थे। इसलिए उन्होंने, राहुल गांधी को अयोग्य ठहराकर चुप कराने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी निडर हैं और सरकार के गलत कामों पर सवाल उठाते रहेंगे। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे अपने विरोध के तहत संसद का भी घेराव करेंगे। गौरतलब है कि राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत ने 2019 के मानहानि मामले में दोषी ठहराया था। जिसके एक दिन बाद शुक्रवार को उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Political : लोकसभा सचिवालय के​ खिलाफ याचिका पर 28 को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

Sc 6
Supreme Court will hear the petition against the Lok Sabha Secretariat on 28
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 07:23 PM
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नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता मोहम्मद फैजल की लोकसभा सचिवालय के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है।

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हाईकोर्ट ने लगाई थी सजा पर रोक, लेकिन बहाल नहीं हुई सांसदी

हत्या के प्रयास के एक मामले में स्थानीय अदालत ने मोहम्मद फैजल को दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई थी। उसके बाद उन्हें सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। केरल उच्च न्यायालय ने उनकी सजा पर रोक लगा दी थी, लेकिन लोकसभा सचिवालय ने सांसद के रूप में अयोग्य घोषित करने वाली अधिसूचना को वापस नहीं लिया है। राकांपा नेता ने इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।

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11 जनवरी को ठहराये गए थे लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने लक्षद्वीप के पूर्व सांसद फैजल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलों पर गौर किया। दोषसिद्ध और सजा पर उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने के बावजूद उन्हें सांसद के रूप में बहाल नहीं किया गया है। सिंघवी ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ केंद्र की अपील पर मंगलवार को उच्चतम न्यायालय की एक अन्य पीठ के समक्ष सुनवाई होने वाली है। इस पर पीठ ने इसे (लक्षद्वीप की) विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) के साथ से जोड़ने के निर्देश दिए। लोकसभा सचिवालय द्वारा 13 जनवरी को जारी एक अधिसूचना के अनुसार फैजल 11 जनवरी से लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराये गये थे। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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National : सिविल सेवा दिवस पर मिलेगा 16 अफसरों को पीएम पुरस्कार

Civil
16 officers will get PM's award on Civil Services Day
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Mar 2023 06:18 PM
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नई दिल्ली। लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार योजना में सर्वाधिक 748 जिलों ने भाग लिया। उनमें से रिकॉर्ड 2,540 नामांकन प्राप्त हुए हैं। इन नामांकनों से पुरस्कारों के लिए 16 नौकरशाहों का चयन किया गया है। यह जानकारी वरिष्ठ नौकरशाह वी. श्रीनिवास ने दी।

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सिविल सेवा दिवस 2023 की थीम होगी ‘विकसित भारत’

वी. श्रीनिवास ने बताया कि इस साल 20-21 अप्रैल को मनाया जाने वाला सिविल सेवा दिवस 2023 ‘विकसित भारत-नागरिकों को सशक्त करना और अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना’ विषय पर होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 21 अप्रैल को देश के सिविल सेवकों को संबोधित करेंगे और प्रधानमंत्री पुरस्कार प्रदान करेंगे। सरकार हर वर्ष 21 अप्रैल को सिविल सेवा दिवस मनाती है, जिसका उद्देश्य सिविल सेवकों को नागरिकों की भलाई के लिए खुद को समर्पित करना तथा लोक सेवा और काम में उत्कृष्टता में उनकी प्रतिबद्धताओं की पुन: पुष्टि करना है। सिविल सेवा दिवस मनाने के लिए इस दिन को इसलिए चुना गया, क्योंकि आजाद भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने इसी दिन दिल्ली के मेटकाफ हाउस में 1947 में प्रशासनिक सेवा के परिवीक्षाधीन अधिकारियों को संबोधित किया था।

748 जिले, 2,540 नामांकन, 16 का चयन

श्रीनिवास ने साक्षात्कार में कहा कि सर्वाधिक 748 जिलों ने लोक प्रशासन 2022 में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री की पुरस्कार योजना में भाग लिया। इस योजना के तहत 2,540 नामांकन प्राप्त हुए। इन नामांकन में से 16 को प्रधानमंत्री के पुरस्कारों के लिए चुना गया है, जिसे प्रधानमंत्री 21 अप्रैल को प्रदान करेंगे। केंद्र सरकार ने 2006 में केंद्र तथा राज्य सरकारों के जिला/संगठनों द्वारा किए गए असाधारण और नवोन्मेषी काम को पहचान तथा उसे पुरस्कृत करने के लिए लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार की शुरुआत की थी।

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श्रीनिवास ने कहा कि 2022 के लिए लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार का मकसद ‘हर घर जल योजना’ के जरिए ‘स्वच्छ जल’, स्वास्थ्य केंद्रों के जरिए ‘स्वस्थ भारत’, ‘समग्र शिक्षा’ के जरिए कक्षा का न्यायसंगत और समावेशी माहौल, ‘एस्पीरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम’ के जरिए समग्र विकास को बढ़ावा देने में सिविल सेवकों के योगदान को पहचानना है। उन्होंने कहा कि 16वें सिविल सेवा दिवस 2023 का उद्देश्य भारत के सिविल सेवकों को ‘देश पहले’ के रवैये के प्रति अपने आप को समर्पित करने के लिए प्रेरित करना है। इस साल के सिविल सेवा दिवस कार्यक्रम में करीब 3,500 अधिकारी भाग लेंगे। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।