सुप्रीम कोर्ट में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट केस काफी समय से पेंडिंग था, जिस पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने रियल्टी कंपनी सुपरटेक को झटका दिया है। जानकारी के मुताबिक कोर्ट ने नोएडा एक्सप्रेसवे स्थित एमराल्ड प्रोजेक्ट के टॉवर 16 व 17 को अवैध ठहराया है। इस मामले को 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल किया गया था। फैसले को अमान्य करते हुए मामले को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया गया। दरहसल सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले का मान रखते हुए उन टॉवरों को अवैध बताया है। बता दें कि सुपरटेक के दोनों टॉवर 40-40 मंजिल के है। वहीं दोनों टॉवर में 1-1 हजार फ्लैट्स बताए गए है। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों टॉवर को सुपरटेक के खर्चे से गिराने के आदेश दिए है। साथ ही समय निर्धारित करते हुए 3 महीने की मोहलत प्रदान की है। इतना ही नहीं कोर्ट के आदेश में खरीददारों के ब्याज युक्त पैसे रिफंड करने का आदेश भी शामिल है। बता दें कि इस टॉवर को नोएडा अथॉरिटी और सुपरटेक की मिलीभगत से बनाया गया था। जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट ने 11 अप्रैल 2014 को नियम उल्लंघन करने की वजह से दोनों टॉवरों को ध्वस्त करने के आदेश जारी किए था। इसके बाद सुपरटेक के मालिक व खरीददारों ने मामले की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की। दरहसल इस मामले को जस्टिस डीवाई चंद्रचूढ़ की अध्यक्षता में 4 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।
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