Political Update: प्रियंका गांधी रायबरेली या अमेठी से चुनाव लड़ने की कर रही तैयारी
लखनऊ: यूपी से कांग्रेस महासचिव और चुनाव प्रभारी प्रियंका गांधी के चुनाव मैदान में उतरने की उम्मीद लगाई जा रही…
Sonia Khanna | September 16, 2021 5:47 AM
लखनऊ: यूपी से कांग्रेस महासचिव और चुनाव प्रभारी प्रियंका गांधी के चुनाव मैदान में उतरने की उम्मीद लगाई जा रही है। हालांकि इसको लेकर उन्होंने कुछ स्पष्ट नहीं किया है। लेकिन मिली जानकारी के मुताबिक प्रियंका गांधी के ऑफिस की तरफ से चुनावी तैयारियां शुरू की जा चुकी है। इसके लिए रायबरेली और अमेठी के डेटा जुटाया जा रहा है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से राहुल गांधी के चुनाव में शिकस्त मिलने के बाद वहां गांधी परिवार का दबदबा कम हो चुका है। कांग्रेस चेयरपर्सन सोनिया गांधी की सेहत ठीक नहीं होने की वजह से रायबरेली में भी गांधी परिवार का जनता से संपर्क कम होता जा रहा है।
प्रियंका के चुनाव लड़ने से अमेठी और रायबरेली क्षेत्र की जनता के साथ कांग्रेस के संबंधों को मजबूती मिलने की उम्मीद है। रायबरेली और अमेठी बरसों से गांधी परिवार में हमेशा गांघी परिवार के सदस्त चुनाव लड़ते रहे हैं और उनका रिकाॅर्ड भी संतोशजनक रहा है। प्रियंका इसको ध्यान रखकर चुनावी मैदान में जाना चाहती हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद तो औपचारिक रूप से बताया है कि यूपी विधानसभा चुनाव में प्रियंका कांग्रेस का चेहरा हो सकती हैं।
रायबरेली में कांग्रेस का रिकाॅर्ड रहा है बेहतर
रायबरेली तो कांग्रेस का ऐतिहासिक चुनाव मैदान माना जाता है। सन 1952 से लेकर 2019 तक लोकसभा चुनाव में सिर्फ तीन बार कांग्रेस हार चुकी है। साल 1977, 1988 और 1996 में इस सीट पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। इस सीट से फिरोज गांधी, इंदिरा गांधी, शीला कौल, अरुण नेहरू और सतीश शर्मा चुनाव जीतकर लोकसभा गए थे।
अमेठी में 16 बार कांग्रेस ने हासिल की जीत
अमेठी में 17 लोकसभा और 2 उपचुनाव में कांग्रेस ने 16 बार जीतकर परचल लहराया है। यहाँ सिर्फ तीन बार 1977, 1998 और 2019 में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ गया है। सन 1977 में इमरजेंसी के बाद हुए चुनाव में पहली बार कांग्रेस को हार मिली थी। इसके बाद 1980 में संजय गांधी यहां से सांसद चुना गया। संजय की मौत के बाद राजीव गांधी ने अमेठी की बागडोर संभाल लिया था। फिर 1999 में सोनिया गांधी ने चुनाव में जीत हासिल किया था। इसके बाद 2004, 2009 और 2014 में राहुल गांधी यहां से जीते , लेकिन 2019 में स्मृति ईरानी ने राहुल को शिकस्त दी थी।