UP Chunav 2022- 94 बार चुनाव हार चुका है आगरा का ये व्यक्ति, सेंचुरी पूरी करने का है सपना

आगरा निवासी हसनुराम अम्बेडकरी का है 100 चुनाव लड़ने का सपना-
इस पोस्ट में हम जिस शख्स की बात कर रहे हैं उनका नाम है हसनुराम अंबेडकरी (Hasnuram Ambedkari)। आगरा (Agra) जिले के खेरागढ़ (Kheragarh) तहसील के नगला रामनगर के निवासी हैं। साल 1985 से इन्होंने चुनाव में हिस्सा लेना शुरू किया। अब तक ये 94 छोटे बड़े चुनाव में बतौर उम्मीदवार खड़े हो चुके हैं। हालांकि इन्हें किसी भी चुनाव में जीत नहीं मिली है लेकिन अभी तक इन्होंने हार भी नहीं मानी है। इनका सपना है कि यह 100 चुनाव में उम्मीदवार के रूप में खड़े हो। हसनुराम का कहना है कि 'वो इसलिए ही जिंदा है कि वह 100 चुनाव लड़ सके।' इनका कहना है कि 'हर चुनाव के समाप्त होने के बाद इनकी नजर अगले आने वाले चुनाव पर टिक जाती हैं।'किसी विधायक ने बनाया था इनका मजाक -
हसनुराम के चुनाव लड़ने का सफर तब शुरू हुआ जब एक विधायक ने चुनाव लड़ने को लेकर इन का मजाक बना दिया था। तब से उन्होंने तय कर लिया कि चुनाव लड़ना ही उनका सपना है। राजस्व विभाग में आमीन के पद पर कार्यरत हसनुराम ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। इन्होंने तय किया कि जब तक जीवित रहेंगे तब तक चुनाव लड़ते रहेंगे। जेब में मात्र ₹500 और संपत्ति के नाम पर थोड़ी सी जमीन है इनके पास। सरकार द्वारा किसान योजना के तहत जो पैसा मिलता है, उसी पैसे का इस्तेमाल ये चुनाव लड़ने के लिए करते हैं। अब तक ये हर लेवल के चुनाव लड़ चुके हैं, और आगे जब तक जीवित है तब तक लड़ते रहेंगे। UP Election 2022: नोएडा से सर्वाधिक प्रत्याशियों ने किया नामांकनअगली खबर पढ़ें
आगरा निवासी हसनुराम अम्बेडकरी का है 100 चुनाव लड़ने का सपना-
इस पोस्ट में हम जिस शख्स की बात कर रहे हैं उनका नाम है हसनुराम अंबेडकरी (Hasnuram Ambedkari)। आगरा (Agra) जिले के खेरागढ़ (Kheragarh) तहसील के नगला रामनगर के निवासी हैं। साल 1985 से इन्होंने चुनाव में हिस्सा लेना शुरू किया। अब तक ये 94 छोटे बड़े चुनाव में बतौर उम्मीदवार खड़े हो चुके हैं। हालांकि इन्हें किसी भी चुनाव में जीत नहीं मिली है लेकिन अभी तक इन्होंने हार भी नहीं मानी है। इनका सपना है कि यह 100 चुनाव में उम्मीदवार के रूप में खड़े हो। हसनुराम का कहना है कि 'वो इसलिए ही जिंदा है कि वह 100 चुनाव लड़ सके।' इनका कहना है कि 'हर चुनाव के समाप्त होने के बाद इनकी नजर अगले आने वाले चुनाव पर टिक जाती हैं।'किसी विधायक ने बनाया था इनका मजाक -
हसनुराम के चुनाव लड़ने का सफर तब शुरू हुआ जब एक विधायक ने चुनाव लड़ने को लेकर इन का मजाक बना दिया था। तब से उन्होंने तय कर लिया कि चुनाव लड़ना ही उनका सपना है। राजस्व विभाग में आमीन के पद पर कार्यरत हसनुराम ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। इन्होंने तय किया कि जब तक जीवित रहेंगे तब तक चुनाव लड़ते रहेंगे। जेब में मात्र ₹500 और संपत्ति के नाम पर थोड़ी सी जमीन है इनके पास। सरकार द्वारा किसान योजना के तहत जो पैसा मिलता है, उसी पैसे का इस्तेमाल ये चुनाव लड़ने के लिए करते हैं। अब तक ये हर लेवल के चुनाव लड़ चुके हैं, और आगे जब तक जीवित है तब तक लड़ते रहेंगे। UP Election 2022: नोएडा से सर्वाधिक प्रत्याशियों ने किया नामांकनसंबंधित खबरें
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