Saturday, 27 July 2024

पूरे देश की नजर मुजफ्फरनगर पर

मुजफ्फरनगर में कल होने वाली किसान पंचायत पर पूरे देश की नजर है। कल ही वह ऐतिहासिक दिन है जब…

पूरे देश की नजर मुजफ्फरनगर पर

मुजफ्फरनगर में कल होने वाली किसान पंचायत पर पूरे देश की नजर है। कल ही वह ऐतिहासिक दिन है जब आजादी के बाद की सबसे बड़ी पंचायत व्यवहारिक रूप में सबके सामने होगी। संभावना जताई जा रही है कि इस पंचायत में देश भर से 15 लाख किसान शामिल होंगे।

सर्वविदित है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने 5 सितंबर को (कल) मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत आहुत की है। इस पंचायत को दुनिया की अब तक की सबसे बड़ी पंचायत की संज्ञा दी जा रही है। पंचायत के आयोजक व भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता धर्मेन्द्र मलिक ने बताया कि इस पंचायत में 15 लाख किसानों के पहुंचने का अनुमान है। कई राज्यों के किसान व मजदूर मुजफ्फरनगर पहुंच भी चुके हैं।

श्री मलिक के मुताबिक महापंचायत में देशभर के 300 से ज्यादा सक्रिय संगठन शामिल होंगे, जिनमें करीब 60 किसान संगठन होंगे और अन्य कर्मचारी, मजदूर, छात्र, शिक्षक, रिटायर्ड अधिकारी, सामाजिक, महिला आदि संगठन शामिल रहेंगे। किसानों के 40 संगठन अग्रणी भूमिका में रहेंगे, जबकि 20 संगठन पूरा सहयोग करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा की मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत पर सरकार से लेकर विपक्षी दलों तक की नजर है। मोर्चा के सदस्यों को लगता है कि इस महापंचायत से कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को नई दिशा मिलेगी। इसमें यूपी के बाद सबसे ज्यादा पंजाबा, हरियाणा, उत्तराखंड व राजस्थान से किसान शामिल होंगे।

श्री मलिक ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल वहां के किसान नेताओं ने पूरी व्यवस्था कर दी है। संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों के अनुसार पंजाब व हरियाणा के किसान संगठनों के नेताओं ने अपने साथ हजारों की संख्या में किसानों को लेकर आने का लक्ष्य तय किया है। यूपी के बाहर से आने वाले किसान संगठनों के नेता व किसान आज शाम तक मुजफ्फरनगर पहुंच जाएंगे, जिससे उनको महापंचायत के दिन किसी तरह की परेशानी नहीं हो।

दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के बाद टूटते किसान आंदोलन को संजीवनी देने में हरियाणा की खापों का अहम योगदान रहा था और उसके बाद सिंघू व टीकरी बॉर्डर के धरनों पर खापों ने कमान संभाली हुई है। अब मुजफ्फरनगर की महापंचायत में हरियाणा की अधिकतर खाप शामिल होगी, जिनमें आंतिल खाप, दहिया खाप, मलिक खाप, सरोहा खाप, समैन खाप, कंडेला खाप, हुड्डा खाप, जागलान खाप आदि है। इन सभी के प्रतिनिधि व अन्य सदस्य भी महापंचायत में शामिल होंगे।

मुजफ्फरनगर की महापंचायत में हरियाणा व पंजाब के किसान संगठनों के वालंटियर व्यवस्था संभालेंगे। क्योंकि महापंचायत में भारी भीड़ उमडऩे की उम्मीद है और ऐसे में व्यवस्था बनाने के लिए ज्यादा वालंटियर की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए ही भारतीय किसान यूनियन लखोवाल पंजाब, भारतीय किसान यूनियन दोआबा पंजाब, भारतीय किसान यूनियन चढूनी हरियाणा ने अपने वालंटियर तय करके पहले ही मुजफ्फरनगर पहुंचकर व्यवस्था बनाने के लिए कहा है।

सब जायेंगे

हरियाणा के सभी किसान संगठनों से जुड़े किसान बड़ी संख्या में मुजफ्फरनगर की महापंचायत में शामिल होने जाएंगे। किसानों को यहां से एक दिन पहले ही वहां पहुंचने के लिए कहा गया है। इस महापंचायत से सरकार को दिखाया जाएगा कि किसान कृषि कानून रदद कराकर ही धरनों से अपने घर जाएगा।   -गुरनाम सिंह चढूनी
सदस्य संयुक्त किसान मोर्चा व अध्यक्ष भाकियू हरियाणा।

अनेक संगठन

मुजफ्फरनगर की महापंचायत में शामिल होने के लिए देश के हर कोने से किसान व अन्य सभी वर्गों के लोग आएंगे। अभी तक 22 राज्यों के प्रतिनिधियों से सहमति मिली है और 300 से ज्यादा किसान व अन्य संगठन के लोग महापंचायत में शामिल होंगे। अकेले पंजाब से करीब 100 संगठन रहेंगे, जिनमें करीब 40 किसान व अन्य मजदूर, कर्मचारी, छात्र आदि संगठन है। पंजाब से बड़ी संख्या में किसान व अन्य लोग महापंचायत में शामिल होंगे।
– जगजीत सिंह दल्लेवाल, सदस्य संयुक्त किसान मोर्चा।

सभी खाप शामिल

हरियाणा की सभी खाप किसान आंदोलन का समर्थन कर रही है। खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने से लेकर अन्य व्यवस्थाएं भी खाप कर रही है। मुजफ्फरनगर की महापंचायत में खाप के सभी लोग जाएंगे। हमारे यहां भी गांवों में महापंचायत में जाने के लिए मुनादी कराई गई है।
– हवा सिंह आंतिल, प्रधान आंतिल चौबीसी।

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