नहीं रहे राम मंदिर आंदोलन के स्तंभ डॉ. रामविलास वेदांती
संत समाज और रामभक्तों ने उन्हें आंदोलन की “जीवंत आवाज” के रूप में याद किया। उनका पार्थिव शरीर अयोध्या लाया जा रहा है और मंगलवार को सरयू तट पर धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ जल समाधि दी जाएगी।

UP News : उत्तर प्रदेश में राम जन्मभूमि आंदोलन की पहचान बन चुके संत-नेता और भाजपा के पूर्व सांसद डॉ. रामविलास वेदांती का सोमवार दोपहर निधन हो गया। बीते कुछ दिनों से वे अस्वस्थ थे और मध्य प्रदेश के रीवा स्थित संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था। जैसे ही उनके देहावसान की खबर अयोध्या पहुंची, सरयू नगरी से लेकर प्रदेशभर के मंदिर-मठों तक शोक की लहर दौड़ गई। संत समाज और रामभक्तों ने उन्हें आंदोलन की “जीवंत आवाज” के रूप में याद किया। उनका पार्थिव शरीर अयोध्या लाया जा रहा है और मंगलवार को सरयू तट पर धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ जल समाधि दी जाएगी।
रीवा में अचानक बिगड़ी तबीयत
सूत्रों के मुताबिक 67 वर्षीय डॉ. रामविलास वेदांती बीते दो दिनों से रीवा में रामकथा कार्यक्रमों के सिलसिले में प्रवास पर थे। रविवार को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी, जिसके बाद उन्हें संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया। रातभर हालत में उतार-चढ़ाव बना रहा और देर रात हार्ट अटैक की आशंका/जानकारी भी सामने आई। सोमवार सुबह से ही स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ी रही। विशेषज्ञ डॉक्टर लगातार मॉनिटरिंग करते रहे और बेहतर इलाज के लिए उन्हें एयरलिफ्ट कर भोपाल या उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ले जाने जैसे विकल्पों पर भी विचार हुआ। लेकिन खराब मौसम और कम विजिबिलिटी के चलते यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी। इलाज जारी रहा, मगर दोपहर करीब 12:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ले ली, और खबर मिलते ही अयोध्या से लेकर पूरे यूपी के संत समाज में शोक की लहर दौड़ गई।
अयोध्या में अंतिम दर्शन की तैयारी
डॉ. रामविलास वेदांती का नाम अयोध्या के धार्मिक-सामाजिक जीवन में लंबे समय तक एक प्रभावशाली पहचान के तौर पर दर्ज रहा। राम मंदिर आंदोलन के दौर में उनकी सक्रियता ने उन्हें सिर्फ अयोध्या तक सीमित नहीं रखा बल्किउत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में फैले रामभक्तों और संत समाज के बीच उनकी मौजूदगी एक मजबूत ‘संगठनात्मक सेतु’ की तरह मानी जाती रही। अब जैसे ही उनका पार्थिव शरीर अयोध्या धाम पहुंचेगा, अंतिम दर्शन और सरयू तट पर होने वाली जल समाधि के लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं, ताकि श्रद्धालु उन्हें अंतिम विदाई दे सकें।
सीएम योगी समेत नेताओं ने जताया दुख
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉ. रामविलास वेदांती के निधन पर गहरा शोक जताया है। मुख्यमंत्री ने उन्हें राम जन्मभूमि आंदोलन का अहम स्तंभ बताते हुए कहा कि उनका जाना संत समाज ही नहीं, बल्कि सनातन परंपरा और आध्यात्मिक जगत के लिए भी बड़ी क्षति है। उन्होंने प्रभु श्रीराम से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को सद्गति और शांति मिले। UP News
UP News : उत्तर प्रदेश में राम जन्मभूमि आंदोलन की पहचान बन चुके संत-नेता और भाजपा के पूर्व सांसद डॉ. रामविलास वेदांती का सोमवार दोपहर निधन हो गया। बीते कुछ दिनों से वे अस्वस्थ थे और मध्य प्रदेश के रीवा स्थित संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था। जैसे ही उनके देहावसान की खबर अयोध्या पहुंची, सरयू नगरी से लेकर प्रदेशभर के मंदिर-मठों तक शोक की लहर दौड़ गई। संत समाज और रामभक्तों ने उन्हें आंदोलन की “जीवंत आवाज” के रूप में याद किया। उनका पार्थिव शरीर अयोध्या लाया जा रहा है और मंगलवार को सरयू तट पर धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ जल समाधि दी जाएगी।
रीवा में अचानक बिगड़ी तबीयत
सूत्रों के मुताबिक 67 वर्षीय डॉ. रामविलास वेदांती बीते दो दिनों से रीवा में रामकथा कार्यक्रमों के सिलसिले में प्रवास पर थे। रविवार को अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी, जिसके बाद उन्हें संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया। रातभर हालत में उतार-चढ़ाव बना रहा और देर रात हार्ट अटैक की आशंका/जानकारी भी सामने आई। सोमवार सुबह से ही स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ी रही। विशेषज्ञ डॉक्टर लगातार मॉनिटरिंग करते रहे और बेहतर इलाज के लिए उन्हें एयरलिफ्ट कर भोपाल या उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ले जाने जैसे विकल्पों पर भी विचार हुआ। लेकिन खराब मौसम और कम विजिबिलिटी के चलते यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी। इलाज जारी रहा, मगर दोपहर करीब 12:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ले ली, और खबर मिलते ही अयोध्या से लेकर पूरे यूपी के संत समाज में शोक की लहर दौड़ गई।
अयोध्या में अंतिम दर्शन की तैयारी
डॉ. रामविलास वेदांती का नाम अयोध्या के धार्मिक-सामाजिक जीवन में लंबे समय तक एक प्रभावशाली पहचान के तौर पर दर्ज रहा। राम मंदिर आंदोलन के दौर में उनकी सक्रियता ने उन्हें सिर्फ अयोध्या तक सीमित नहीं रखा बल्किउत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में फैले रामभक्तों और संत समाज के बीच उनकी मौजूदगी एक मजबूत ‘संगठनात्मक सेतु’ की तरह मानी जाती रही। अब जैसे ही उनका पार्थिव शरीर अयोध्या धाम पहुंचेगा, अंतिम दर्शन और सरयू तट पर होने वाली जल समाधि के लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं, ताकि श्रद्धालु उन्हें अंतिम विदाई दे सकें।
सीएम योगी समेत नेताओं ने जताया दुख
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉ. रामविलास वेदांती के निधन पर गहरा शोक जताया है। मुख्यमंत्री ने उन्हें राम जन्मभूमि आंदोलन का अहम स्तंभ बताते हुए कहा कि उनका जाना संत समाज ही नहीं, बल्कि सनातन परंपरा और आध्यात्मिक जगत के लिए भी बड़ी क्षति है। उन्होंने प्रभु श्रीराम से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को सद्गति और शांति मिले। UP News











