UP Election: यूपी के अगले 3 राउंड में बाहुबलियों की परीक्षा, जानें किसकी टक्कर में कौन

Up election in the third phase of voting which party will benefit and who will get a setback Featured Image ChetnaManch
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userचेतना मंच
calendar26 FEB 2022 03:52 PM
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UP Election 2022 : के नए साल के साथ ही 5 राज्यों की विधानसभा के चुनाव की घोषणा चुनाव आयोग (Election commission) ने कर दी। उस के बादसे अब तक उत्तर प्रदेश में 4 टर्म में वोटिंग संपन्न हुई है। अभी 3 टर्म में मतदान होने हैं। अब यूपी के पूर्वांचल की ओर बढ़ चला है, जहां हमेशा से बाहुबलियों नेताओ का बोल बाला रहा है। ऐसे बाहुबली नेता जो जेल में रहे हों या जेल के बाहर, सत्ता दल में रहे या विपक्ष में लेकिन उनकी तू ती हमेशा बोली है। पूर्वांचल के इन्हीं बाहुबलियों नेताओ के इर्दगिर्द उत्तर प्रदेश की सियासत भी घूमती आ रही है। इस बार विधान सभा चुनाव (UP Election) में इन बाहुबलियों का क्या है हाल? कौन किसको चुनौती दे रहा है? और कौन कहां से मैदान में उतरा है? देखते है !

चिल्लूपार से विनय शंकर तिवारी सपा से ब्राह्मण चेहरा

गोरखपुर के बाहुबली हरि शंकर तिवारी भले ही इस बार चुनावी मैदान में नहीं उतरे हों पर उनकी परंपरागत चिल्लूपार सीट से शंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर मैदान में हैं। इस सटी पर 37 साल से ब्राह्मण ही विधायक बनते आ रहा है। ब्राह्मणों की नाराजगी को देखते हुए विनय शंकर तिवारी समाजवादी पार्टी (सपा) के सबसे बड़े ब्राह्मण चेहरा है। विनय शंकर तिवारी को बहुजन समाज पार्टी ने निष्कासित कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थामा. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने यहां से पूर्व मंत्री राजेश त्रिपाठी को टिकट दिया है तो बहुजन समाज पार्टी ने राजेंद्र सिंह उर्फ पहलवान सिंह को मैदान में भेजा है।

गोसाईगंज में चुनाव अभय सिंह बनाम खब्बू तिवारी

मुख्तार अंसारी के खास गुर्गे अभय सिंह की चुनावी सियासी परीक्षा भी 5 वें चरण में होनी है। अभय सिंह अयोध्या के गोसाईगंज सीट (Gosaiganj seat) से समाजवादी पार्टी के टिकट पर मैदान में हैं। अभय सिंह के सामने भारतीय जनता पार्टी के पूर्व एमएलए इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी की पत्नी आरती तिवारी को मैदान में उतारा हैं। इस वजह से अभय सिंह का सीधा मुकाबला भले ही आरती तिवारी से हो पर साख जेल में बंद खब्बू तिवारी की सीट दांव पर लगी है। बीते सप्ताह प्रचार के दौरान दोनों ही पक्षों में भिड़ंत हो गई थी। पथराव और फायरिंग भी हुआ था, जिसके बाद पोलिस ने अभय सिंह को गिरफ्तार कर लिया था पर कोर्ट ने अभय सिंह को रिहा कर दिया था।

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धनंजय को मिला जदयू का साथ (UP Election)

जौनपुर की रारी सीट से बाहुबली धनंजय सिंह जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के टिकट पर मैदान में उतरे हैं। धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेडी हल ही में हुए पंचायत चुनाव के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष चुनी गईं। 2017 में धनंजय सिंह निषाद पार्टी (Nishad Party) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे, हालांकि समाजवादी पार्टी के पारसनाथ यादव से वे हार गए थे। इस बार भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन के चलते निषाद पार्टीने दागी उम्मीदवारों (tainted candidate) को किनारे कर दिया था। इस वजह से धनंजय सिंह को टिकट नहीं मिल पाई। मालमू हो कि एक मामले में आरोपित पूर्व सांसद धनंजय सिंह के खिलाफ 23 फरवरी को एसीजेएम तृतीय कोर्ट ने गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया है।
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UP Elections 2022 पूर्वांचल के बाहुबलियों की कड़ी परीक्षा ?

UP Elections 2022
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userचेतना मंच
calendar26 FEB 2022 01:25 PM
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UP Elections 2022 :  उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव (UP Elections 2022) में इस बार कई बाहुबली मैदान में हैं तो कुछ बाहुबली पर्दे के पीछे से अपनी पसंद के प्रत्याशियों की मदद कर रहे हैं। इस सियासी जंग में बड़ी पार्टियों ने बाहुबली उम्मीदवारों से किनारा कर लिया है। इसे देखते हुए इन दबंग विधायकों ने छोटे दलों से टिकट लेकर या बड़े दलों से अपनों को टिकट दिलाकर अब उन्हें चुनावी नैया पार कराने में पूरी मदद कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि इन बाहुबलियों का दम चुनाव में दिखेगा या जनता उन्हें नकार देगी, लेकिन फिलहाल ये पूरे तन-मन और धन से चुनावी गणित बनाने में जुटे हुए हैं।

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गोरखपुर के सियासी रण में हाता हमेशा से ही गोरक्षपीठ को चुनौती देता आया है। यूपी में जब जब बाहुबलियों की बात आती है तब तब गोरखपुर के बहुचर्चित हाते का जिक्र जरूर होता है। इस बार हाते की तरफ से बाहुबली नेता हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी चिल्लूपार विधानसभा सीट से अपनी किस्मत आजम रहे हैं। हरिशंकर तिवारी 22 साल तक विधायक रहे। यूपी की सियासत में कई बार मंत्री रहे और अब उनके बेटे विनय शंकर तिवारी हाते की हनक बनाए हुए हैं। वह सपा के टिकट पर चिल्लूपार से मैदान में हैं। इस सीट पर 37 सालों से ब्राह्मणों का कब्जा रहा है। इस बार भी विनय शंकर तिवारी इस इतिहास को कायम रखने का पूरा प्रयास कर रहे हैं।

गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद के रहने वाले मुख्तार अंसारी को पूर्वांचल के दबंग बाहुबलियों में शुमार किया जाता है। वह मऊ की सदर सीट से कई बार विधायक रह चुके हैं लेकिन इस समय उनके सितारे गर्दिश में चल रहे हैं। वह पिछले लगभग एक दशक से जेल में ही हैं। लेकिन उनका रसूख उतना ही बरकरार है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछली बार मऊ जिले में मोदी की रैली और बीजेपी की लहर के बावजूद मऊ सदर सीट से वह जीतने में कामयाब हो गए थे। योगी सरकार बनने के बाद से ही यूपी में उनके दुर्दिन शुरू हो गए थे। उनकी कई सारी सम्पत्तियों की कुर्की कर दी गई। लेकिन मुख्तार अंसारी ने इस बार विपरित परिस्थितियों को देखते हुए खुद की बजाए बेटे अब्बास अंसारी को अपनी सीट से उतारने का फैसला किया था। अब देखना है कि क्या अब्बास अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा पाते हैं या नहीं।

यूपी में बाहुबलियों की जब जब बात आती है तो भदोही के विजय मिश्रा की बात जरूर होती है। भदोही के ज्ञानपुर सीट से विधायक विजय मिश्रा को इस बार निषाद पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो वो प्रगतिशील मानव समाज पार्टी की तरफ से चुनाव मैदान में कूद पड़े हैं। हालांकि विजय मिश्रा फिलहाल जेल में हैं और वहीं से अपनी चुनावी कमान संभाल रहे हैं। हालांकि विजय मिश्रा ने योगी सरकार पर ब्राह़मणों के उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

पूर्वांचल के बाहुबली मुख्तार अंसारी के धुर विरोधी और माफिया से माननीय बने ब्रजेश सिंह भी अब राजनीति में आ गए हैं। ब्रजेश सिंह फिलहाल एमएलसी हैं और उनका भतीजा सुशील सिंह चंदौली की सैयदराजा सीट से विधायक है। सुशील पहली बार चंदौली के धानापुर से विधायक बने थे। इसके बाद वह सैयदराजा से बीजेपी के विधायक हैं। अबकी बार चौथी बार मैदान में हैं और पांचवी बार माननीय बनने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। भतीजे को जिताने के लिए ब्रजेश ने पूरी ताकत लगा रखी है।

पूर्वांचल में बाहुबलियों का जिक्र हो और राजा भैया उर्फ रघुराज प्रताप सिंह का नाम न लिया जाए, ऐसा कैसे हो सकता है। राजा भैया पहली बार 1993 में पहली बार विधायक बनकर सदन में पहुंचे थे। तब से वो लगातार तीन दशकों तक इस सीट पर जीत दर्ज करते आ रहे हैं। यूपी में चाहे मोदी की आंधी चली हो या फिर मायावती की हनक प्रतापगढ़ के भदरी राजघराने की हनक हमेशा बरकरार रही। राजा भैया के रसूख का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि वो बीजेपी की कल्याण सिंह सरकार और मुलायम सरकार में मंत्री रहे।

इसके बाद अखिलेश यादव के कार्यकाल में भी वो कैबिनेट मंत्री रहे। लेकिन अब वो जनता दल लोकतांत्रिक पार्टी के नाम से एक अलग पार्टी का गठन कर चुके हैं। हालांकि इस बार अखिलेश यादव राजा भैया को घेरने में जुटे हैं और उनको हराने के लिए वह रैली भी कर चुके हैं लेकिन राजनीति के माहिर खिलाड़ी राजा भैया अपने ही अंदाज में उनका जवाब भी दे रहे हैं।

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UP Election 2022: पांचवें चरण के चुनाव का आज थमेगा प्रचार

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar25 FEB 2022 02:30 PM
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Lucknow : लखनऊ (एजेंसी)। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) के पांचवें चरण के मतदान में प्रचार के अंतिम दिन भाजपा के दिग्गज मोर्चे पर रहेंगे। भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह के साथ केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ताबड़-तोड़ चुनावी सभाएं करेंगे। पांचवें चरण का मतदान 27 फरवरी को होना है। पांचवें चरण में 12 जिलों की 61 सीटों पर मतदान होगा। भाजपा ने 2017 में इस चरण में 47 सीटें जीती थी। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) को आज सबसे पहले अम्बेडकर नगर के आलापुर में चुनावी सभा को संबोधित करना था, लेकिन गृह मंत्रालय में एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद उनकी इस सभा को रद कर दिया गया है। इसके बाद इनका दौरा प्रयागराज का है। प्रयागराज में अमित शाह की सोरावं में जनसभा होगी। इसके बाद कौशांबी के सिराथू में अमित शाह भाजपा के प्रत्याशी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के समर्थन में सभा करेंगे। कौशांबी के सिराथू विधानसभा क्षेत्र के सौरई बाजार में अमित शाह के साथ सभा में केन्द्रीय राज्यमंत्री कौशाल किशोर तथा सांसद राजवीर ङ्क्षसह भी होंगे।