Khatauli by-election: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की दिग्विजय का घोड़ा लगता है खतौली में आकर फंस गया है। विधानसभा उपचुनाव में लोकदल नेता जयन्त चौधरी के सामने यहां भाजपा की सारी चाल और तिकड़म फेल होती नजर आ रही हैं। जैसे जैसे मतदान की तारीख नजदीक आती जा रही है लोकदल की स्थिति लगातर मजबूत होती जा रही है।
Khatauli by-election
आपको बता दें कि खतौली विधानसभा सीट पर उप चुनाव हो रहा है। यह चुनाव 2022 के चुनाव में जीते भाजपा विधायक विक्रम सैनी को कोर्ट से सजा होने और इस कारण विधानसभा से उनकी सदस्यता समाप्त होने के कारण हो रहा है। विक्रम सैनी को 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के लिए न्यायालय द्वारा दोषी ठहराया गया था।
भाजपा ने विक्रम सैनी की पत्नी राजकुमारी को प्रत्याशी बनाया है। सपा-लोकदल गठबंधन ने पूर्व विधायक मदन भैया को यहां मैदान में उतारा है। चंद्रशेखर आजाद वाली आजाद समाज पार्टी ने भी गठबंधन प्रत्याशी को समर्थन दे दिया है। साथ ही कांग्रेस ने भी गठबंधन प्रत्याशी का खुला समर्थन किया है ।क्षेत्र में चुनावी हवा मदन भैया के पक्ष में नज़र आ रही है।
क्षेत्र का सामाजिक समीकरण गठबंधन के पक्ष में है। गुर्जर, जाट और दलित वोटों के साथ मुस्लिम वोट के जुड़ने से मदन भैया की स्थिति बहुत मजबूत हो गईं है। लोकदल नेताओं का कहना है कि वे कैराना लोकसभा उपचुनाव के फार्मूले को इस चुनाव में दुबारा सफल करना चाहते हैं। जिस तरह हिन्दू-मुस्लिम एकता के बल पर कैराना में भाजपा को धूल चटाई थी उसी प्रयोग को खतौली में दोहराया जाएगा।
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