Saturday, 7 December 2024

युवाओं का माइंडवाश भी करते थे मौलाना कलीम सिद्दकी, सहारनपुर के युवक ने किया खुलासा

saharanpur news : आतंकवाद निरोधक दस्ते ATS के हत्थे चढ़े मौलाना कलीम सिद्दकी Maulana Kaleem Siddiqui मंतातरण कराने के साथ-साथ…

युवाओं का माइंडवाश भी करते थे मौलाना कलीम सिद्दकी, सहारनपुर के युवक ने किया खुलासा

saharanpur news : आतंकवाद निरोधक दस्ते ATS के हत्थे चढ़े मौलाना कलीम सिद्दकी Maulana Kaleem Siddiqui मंतातरण कराने के साथ-साथ एक धर्म के प्रति युवाओं का माइंडवाश भी करता है। यह राजफाश सहारनपुर में रह रहे उत्तराखंड के नितिन पंत ने किया। नितिन का कहना है कि मौलाना कलीम के मुजफ्फरनगर के गांव फूलत में स्थित मदरसे में वह छह माह तक रहा। यहां पर कलीम आता था और मंतातरण करने वाले युवकों को जेहाद की शिक्षा देता था। युवाओं को सिखाया जाता था कि कैसे लड़की का बहलाकर मंतातरण कराना है। युवाओं से कहा जाता था कि इस काम के लिए उन्हें पैसा मिलेगा, मकान मिलेगा, रहने खाने की व्यवस्था की जाएगी।

उत्तराखंड के नैनीताल के तल्लीताल निवासी नितिन पंत पुत्र स्व. देवेंद्र पंत वर्तमान में सहारनपुर के श्रीराम आश्रम प्राचीन शिव मंदिर बालाजी घाट में रह रहे हैं। 12वीं पास नितिन ने बताया कि वह वर्ष 2010 में राजस्थान के भिवाड़ी स्थित एक आयल कंपनी में नौकरी करने गया था। यहां पर उसे हरियाणा के मेवात के पंचगाव निवासी इम्तियाज अली मिला और उसे अपने घर ले गया। यहां ले जाने के बाद उसे बंधक बना लिया और जबरन एक मस्जिद में ले जाकर एक मौलाना से उसका मंतातरण कराकर अलीहसन नाम रख दिया। इसी मस्जिद में उसे छह साल तक रखा और उमर गौतम नाम के व्यक्ति ने उसे जेहाद की ट्रेनिंग दी। उमर कभी कभी आता था। बाद में नितिन को मुजफ्फरनगर के फूलत गांव के मदरसे में रखा। यहां पर मौलाना कलीम उन्हें जेहाद की शिक्षा देते थे। कहा जाता था कि वह एक लड़की का मंतातरण कराएंगे तो उन्हें मकान, जमीन, पैसा सबकुछ मिलेगा। नितिन को जब पता चला कि एटीएस ने मौलाना कलीम को गिरफ्तार कर लिया है तो उसने एसपी सिटी राजेश कुमार से मुलाकात की और तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। एसपी सिटी राजेश कुमार कहते हैं कि मामले की जांच चल रही है। उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत करा दिया है।

रामपुर और उमाही के मदरसों में भी रखा

नितिन ने बताया कि उसे रामपुर मनिहारन और नागल के गांव उमाही के मदरसों में भी रखकर जेहाद की शिक्षा दी गई। यहां पर वह चार साल तक रहा। रामपुर मनिहारन के मदरसे से वह भागकर सहारनपुर के विश्व अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय सचिव निपुण भारद्वाज, महंत रामदास के पास पहुंचा और पूरे मामले की जानकारी दी। जिसके बाद उसने वापस हिंदू धर्म अपनाया। अब नितिन अपने घर नहीं जाना चाहता है और संत बनकर रहना चाहता है।

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