प्रयागराज: बाढ़ में हजारों मकान डूबने के साथ ही प्रशासन ने दोबारा कछारी इलाके में होने वाले निर्माण कार्यों को रोकने की पहल शुरू कर दिया है। इसको आगे बढ़ाने के लिए टीम गठित कर निर्माणाधीन मकानों का सर्वे भी हो रहा है। करीब 60 मकान को चिन्हित कर दिया गया है जिसके बाद कार्यवाही शुरू होगी। कछारी इलाके में देखा जाए तो बड़ा भूभाग राजकीय आस्थान माना जा रहा है। इसके साथ बाढ़ की आशंका को देखने के साथ नए निर्माण पर रोक लगाने की पहल कर दिया गया है।
गंगा की मुख्य धारा की ओर नए मकान बनाने का कार्य शुरू हो गया है। इसका नतीजा ये है कि गंगा-यमुना के जलस्तर के खतरे वाले निशान से ऊपर जाने से पहले ही सैकड़ों घरों में पानी भर चुका है। कई बस्तियां पानी में घिर गईं और नावें चलाने को मजबूर हो चुके हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों में अवैध निर्माण को लेकर मुद्दा फिर से गरमाना शुरू हो चुका है। इससे जिला प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है और कछार में होने वाले अवैध निर्माण पर रोक लगाने की तैयारी हो रही है। फिलहाल नए निर्माण पर देखा जाए तो रोक लगाने की तैयारी पूरी तरह से हो चुकी है। इसके लिए डीएम की ओर से सर्वे टीम का गठन हुआ है।
एसडीएम सदर की तरफ से गठित टीम ने सर्वे भी शुरू हो चुका है। बाढ़ का पानी निकलना शुरू हो गया है। अब इसमें और तेजी आने की आशंका है। एडीएम वित्त एवं राजस्व जगदंबा सिंह ने जानकारी दिया है कि करीब 60 निर्माणाधीन मकान चिह्नित कर दिया गया है। आगे के निर्माण पर रोक लगाने की तैयारी है।
ध्वस्त होगा अवैध निर्माण
जिला प्रशासन की तरफ से पूर्व में हुए कई अवैध निर्माण चिह्नित किया जा चुका है। उनमें से बहुत सारे के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू होगई थी। वहीं अन्य को भी नोटिस देने का कार्य हुआ है। इसके बावजूद उनमें नए निर्माण होना शुरू हो चुके हैं। ऐसे निर्माण की अलग सूची बनाकर कार्य किया जाएगा। इनके खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई भी होनी है।