सीएम योगी ने पुलिस को एआई से अपराधियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए

उन्होंने सोशल मीडिया, साइबर अपराध और संगठित अपराधों पर सख्त कार्रवाई करने पर विशेष जोर दिया। मुख्यमंत्री ने धार्मिक कन्वर्ज़न को गंभीर चुनौती बताया और कहा कि कुछ घटनाएं संकेत देती हैं कि ये प्रयास संगठित रूप से किए जा रहे हैं।

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पुलिस मंथन में सीएम योगी बोलते हुए
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userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar28 Dec 2025 06:06 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को प्रदेश में कानून-व्यवस्था मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने सोशल मीडिया, साइबर अपराध और संगठित अपराधों पर सख्त कार्रवाई करने पर विशेष जोर दिया। मुख्यमंत्री ने धार्मिक कन्वर्ज़न को गंभीर चुनौती बताया और कहा कि कुछ घटनाएं संकेत देती हैं कि ये प्रयास संगठित रूप से किए जा रहे हैं। पुलिस और इंटेलिजेंस तंत्र को निर्देश दिए गए कि ऐसे प्रयासों पर लगातार निगरानी रखी जाए और प्रारंभिक स्तर पर ही उन्हें रोका जाए।

सोशल मीडिया और साइबर निगरानी

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि सोशल मीडिया पर कानून-व्यवस्था और सामाजिक-सौहार्द को प्रभावित करने वाले किसी भी पोस्ट या फेक अकाउंट पर तुरंत कार्रवाई की जाए। जाति या धर्म के नाम पर समाज में तनाव फैलाने वाले तत्वों और संगठित दुष्प्रचार अभियानों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस अपनाया जाए। फेक संगठन और आपराधिक नेटवर्क की पृष्ठभूमि की जांच करके उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। 

सीमा सुरक्षा और आतंकवाद रोकथाम

पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल से लगी सीमाओं पर बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों और नशीले पदार्थों की तस्करी पर ध्यान देने को कहा गया। अधिकारियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वित्तीय ट्रेल और तकनीकी संसाधनों का इस्तेमाल करके अपराधियों की पहचान और उनके नेटवर्क को तोड़ने के लिए निर्देशित किया गया।

नशीले पदार्थों और संगठित अपराध पर कार्रवाई

प्रदेश में आतंकवाद, नशीले पदार्थों की तस्करी और अन्य संगठित अपराधों के खिलाफ पुलिस की अब तक की कार्रवाई की सराहना।

अपराधी नेटवर्क के मास्टरमाइंड तक पहुँचकर और विभागीय समन्वय के माध्यम से तेज और प्रभावी कार्रवाई करने पर जोर। केवल गिरफ्तारी पर ध्यान न देते हुए पूरे नेटवर्क और इसके मास्टरमाइंड की पहचान कर कठोरतम कार्रवाई करने का निर्देश। इससे प्रदेश में संगठित अपराध के खिलाफ सशक्त संदेश जाएगा।

पुलिस मंथन कार्यक्रम

कार्यक्रम में विभिन्न सत्रों में आपदा प्रबंधन, भीड़ नियंत्रण, खुफिया तंत्र, सोशल मीडिया और सीमा सुरक्षा जैसी चुनौतियों पर चर्चा हुई।

आतंकवाद, नशीली दवाओं और संगठित अपराध पर विशेष रणनीतियों का प्रस्तुतीकरण किया गया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को तकनीकी और इंटेलिजेंस निगरानी बढ़ाने, सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखने और संगठित अपराधों पर तुरंत और सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

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उत्तर प्रदेश पुलिस मंथन में योगी ने कहा-समय का ध्यान रखो नहीं तो महाकाल के शिकार बनोगे

मुख्यमंत्री ने इस सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली डीजीपी-आईजीपी कॉन्फ्रेंस से प्रेरित बताया। उन्होंने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश में लगभग चार लाख की सिविल पुलिस फोर्स है, जिसके लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।

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योगी आदित्यनाथ
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar28 Dec 2025 05:15 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन-2025 के दूसरे दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस अधिकारियों को समय प्रबंधन और कार्यकुशलता का महत्व समझाया। उन्होंने कहा कि जो लोग समय का ध्यान नहीं रखते, वे 'महाकाल के शिकार' बन सकते हैं। योगी ने अपने भाषण में इसे बड़े ही चोटिले अंदाज में कहा।

सम्मेलन डीजीपी-आईजीपी कॉन्फ्रेंस से प्रेरित

मुख्यमंत्री ने इस सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली डीजीपी-आईजीपी कॉन्फ्रेंस से प्रेरित बताया। उन्होंने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश में लगभग चार लाख की सिविल पुलिस फोर्स है, जिसके लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। योगी ने कहा कि यूपी में अब कानून व्यवस्था मजबूत है। यदि पहले की तरह दंगे और अराजकता होती, तो पुलिस की छवि प्रभावित होती। उन्होंने स्पष्ट किया कि कानून को चुनौती देने वालों को पुलिस ने हमेशा कार्रवाई के दायरे में लाया है।

पुलिसिंग में राजनीतिक हस्तक्षेप को न्यूनतम किया

मुख्यमंत्री ने यह भी जोर दिया कि उनकी सरकार ने पुलिसिंग में राजनीतिक हस्तक्षेप को न्यूनतम किया है। अधिकारियों को स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने का अवसर मिलता है और प्रदर्शन के लिए आवश्यक समय और संसाधन मुहैया कराए जाते हैं। इस सम्मेलन का उद्देश्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को समय का सही उपयोग, बेहतर योजना और कुशल प्रशासन के महत्व को समझाना था, ताकि राज्य में कानून-व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।

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इस एक्सप्रेसवे से बदलेगा पश्चिमी व मध्य उत्तर प्रदेश का भविष्य, बढ़ी जमीन की कीमतें

शाहजहांपुर और मुरादाबाद मंडल के 200 से अधिक गांवों में जमीन के दाम रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने लगे हैं। एक्सप्रेसवे के अलाइनमेंट और भूमि चिन्हांकन की प्रक्रिया शुरू होते ही निवेशकों और स्थानीय लोगों की नजरें इन इलाकों पर टिक गई हैं।

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एक्सप्रेसवे
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar28 Dec 2025 02:49 PM
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UP News : भारतमाला परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे ने निर्माण शुरू होने से पहले ही उत्तर प्रदेश के कई जिलों में विकास की लहर पैदा कर दी है। शाहजहांपुर और मुरादाबाद मंडल के 200 से अधिक गांवों में जमीन के दाम रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने लगे हैं। एक्सप्रेसवे के अलाइनमेंट और भूमि चिन्हांकन की प्रक्रिया शुरू होते ही निवेशकों और स्थानीय लोगों की नजरें इन इलाकों पर टिक गई हैं।

विकास की नई धुरी बनेगा यह एक्सप्रेसवे

यह आधुनिक एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश को हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर से तेज और सुगम संपर्क प्रदान करेगा। अधिकारियों का मानना है कि यह परियोजना केवल यातायात सुविधा तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि औद्योगिक विकास, लॉजिस्टिक्स, रियल एस्टेट और रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी।

दो चरणों में होगा निर्माण

भारतमाला योजना के तहत यह कॉरिडोर जम्मू-कश्मीर से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक प्रस्तावित है। जम्मू से पानीपत तक 6 लेन हाईवे पहले ही तैयार हो चुका है। पानीपत से शाहजहांपुर और शाहजहांपुर से गोरखपुर तक एक्सप्रेसवे का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा।

शाहजहांपुर में तेजी से बदला माहौल

शाहजहांपुर जिले की पुवायां तहसील इस परियोजना से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में शामिल है। यहां एक्सप्रेसवे के लिए जमीन की मार्किंग शुरू हो चुकी है। प्रस्तावित मार्ग पीलीभीत जिले से प्रवेश कर दर्जनों गांवों से होता हुआ आगे गोरखपुर की दिशा में जाएगा। इस क्षेत्र को पहले से ही कृषि और व्यापार के लिए जाना जाता है, लेकिन अब इसे औद्योगिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

मुरादाबाद मंडल के 148 गांव होंगे शामिल

मुरादाबाद मंडल में यह एक्सप्रेसवे कुल 148 गांवों से होकर गुजरेगा। मुरादाबाद जिले के लगभग 60 गांव तथा रामपुर जिले के 67 गांव

और अमरोहा जिले के 21 गांव से होकर गुजरेगा यह एक्सप्रेसवे। इन क्षेत्रों में करीब 1232 हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है। संबंधित विभागों द्वारा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज कर दी गई है, जिसका लक्ष्य मार्च 2026 तक पूरा करना है।

मार्च 2026 तक फाइनल होगी डीपीआर

एनएचएआई के अनुसार, इस समय परियोजना की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। इसे मार्च 2026 तक अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। इसके बाद किसानों को निर्धारित मुआवजा देकर जमीन अधिग्रहण की अंतिम प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

यह एक्सप्रेसवे प्रदेश और देश के कई प्रमुख मार्गों से जुड़ेगा, जिनमें शामिल हैं, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, प्रस्तावित सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे। इस नेटवर्क के जरिए उत्तर प्रदेश का पूर्वी और पश्चिमी हिस्सा एक मजबूत सड़क ढांचे से जुड़ जाएगा।

किसानों और युवाओं को मिलेगा सीधा लाभ

बेहतर सड़क संपर्क से किसानों को अपने उत्पाद सीधे बड़े बाजारों तक पहुंचाने में आसानी होगी, जिससे उन्हें बेहतर कीमत मिल सकेगी। वहीं एक्सप्रेसवे के आसपास औद्योगिक पार्क, वेयरहाउस और लॉजिस्टिक्स हब विकसित होने से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।

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