सहारनपुर। जमीयत उलमा-ए-हिंद (महमूद मदनी गुट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने गुजरात में पुलिस हिरासत में होने वाली मौतों पर चिंता जाहिर करते हुए घटना में संलिप्त पुलिस अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा चलाए जाने की मांग की है।
यहां जारी बयान में मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि 15 सितंबर को गुजरात के गोधरा में 32 वर्षीय कासिम अब्दुल्लाह हयात को गोकशी के आरोप में गिरफ्तार कर लॉकअप में रखा गया था। गुरुवार की सुबह वह मृत पाया गया। मृतक के स्वजन मौत का कारण पुलिस के अत्याचार व हिंसा को बता रहे हैं। इससे पूर्व भी अगस्त माह में सूरत के चौक बाजार पुलिस स्टेशन में इरशाद शेख की बर्बरतापूर्वक पिटाई हुई थी, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी।
मदनी ने कहा कि अल्पसंख्यकों, गरीब व कमजोर वर्गों को लेकर पुलिस का व्यवहार बेहद चिंताजनक है। कहा कि जब तक अपराध साबित न हो जाए पुलिस कस्टडी में रहने वाला व्यक्ति आरोपी है। गिरफ्तार होने वालों में से सिर्फ एक तिहाई लोग ही अदालत के माध्यम से दोषी करार पाए जाते हैं। मदनी ने कहा कि भारत सरकार को इस संबंध में स्पष्ट गाइडलाइन बनानी चाहिए। विशेष तौर पर न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से दोषी पुलिस अधिकारियों को उत्तरदायी बनाना अत्यधिक आवश्यक है। ताकि पुलिस स्टेशन पीडि़तों और असहायों के लिए हिंसा के स्थल नहीं बल्कि शरण स्थल बन सके।