सहारनपुर। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने सहारनपुर मंडल के तीनों जनपद सहारनपुर, मुजफ्फरनगर व शामली के जनप्रतिनिधियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विद्युत आपूर्ति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि किसानों से फिक्स चार्ज के आधार पर ही बिल लिया जाए। मीटर केवल ऊर्जा की खपत मापने के लिए है, इसका बिल से कोई मतलब नहीं है। एमडी पश्चिमांचल को इसकी समीक्षा करने के निर्देश दिए।
ऊर्जा मंत्री ने ट्रांसफार्मर बदले जाने के बावजूद खराब हो जाने की शिकायतों का संज्ञान लिया।अधिकारियों को निर्देश दिया कि मंडल की सभी वर्कशाप का टेक्निकलन ऑडिट कराया जाए। साथ ही स्टोर से जारी सामग्री की गुणवत्ता की भी जांच की जाए। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता की सेवाओं में ढिलाई बर्दाश्त नहीं है। ओवरलोडिंग की समस्या दूर करने के लिए प्रस्तावों की मॉनिटरिंग एमडी स्वयं करें। आपूर्ति को लेकर किसी प्रकार की कोई लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। वितरण क्षेत्र में सुधारों के लिए सभी जनप्रतिनिधियों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर शुरू की गई रिवैम्प डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के लिए प्रस्ताव भी मांगे हैं।
उन्होंने निर्देश दिया कि जिले में सरकारी ट्यूबवेल और पीने के पानी का कनेक्शन किसी भी स्थिति में नहीं काटा जाना चाहिए। किसी सरकारी स्कूल व जनहित से जुड़े विभाग का कनेक्शन भी न काटा जाए। किसानों के ट्यूबवेल के आवेदन पर पूरा सामान एक साथ दिया जाए। कहीं भी किसी प्रकार से परेशानी का सामना न करना पड़े। सहारनपुर के रामपुर मनिहारान में 132 केवी उपकेंद्र का निर्माण एक वर्ष पहले पूर्ण हो गया है। लेकिन वितरण उपकेंद्र से न जुड़ने के कारण उसका लाभ उपभोक्ताओं को नहीं मिल पा रहा है। इस ऊर्जा मंत्री ने इस मामले की जांच के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
उन्होंने एमडी पश्चिमांचल को निर्देश दिया कि वे पूरे डिस्कॉम में इसका परीक्षण करा लें। कहीं भी लापरवाही है तो जवाबदेही सुनिश्चित करें। मुजफ्फरनगर में फीडर सेपरेशन से छूटे हुए 22 फीडरों को भी जल्द ही अलग किया जाए। बुढ़ाना में प्रस्तावित 132 केवी ट्रांसमिशन उपकेंद्र का काम भी दिसंबर से पहले शुरू किया जाए।
उन्होंने विद्युत आपूर्ति व्यवस्था के लिए सभी फीडरों पर संबंधित क्षेत्र की आपूर्ति का रोस्टर चस्पा कराने के भी निर्देश दिए। कहा कि आपूर्ति संबंधी समस्याओं पर किसी भी प्रकार का तर्क स्वीकार नहीं है। अधिकारी इस बात का विशेष ध्यान रखें। जनता व जनप्रतिनिधियों से बराबर बात करें, जिससे समस्याओं का निस्तारण करने में आसानी हो।