Saturday, 3 May 2025

यूपी के शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में इतिहास रचने की तैयारी में, बनेंगे पहले भारतीय

UP News : भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में इतिहास रचने की तैयारी में हैं। वह इस…

यूपी के शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में इतिहास रचने की तैयारी में, बनेंगे पहले भारतीय

UP News : भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में इतिहास रचने की तैयारी में हैं। वह इस वर्ष मई में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से लॉन्च होने वाले एक्सिओम मिशन 4 (एएक्स-4) के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा करेंगे, जिससे वह आईएसएस पर जाने वाले पहले भारतीय बन जाएंगे। ​

शुभांशु शुक्ला का परिचय

शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था। उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) से इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और भारतीय वायुसेना अकादमी से प्रशिक्षण पूरा करने के बाद 2006 में फाइटर पायलट के रूप में कमीशन प्राप्त किया। अपने करियर में, उन्होंने एसयू ४-30 एमकेआई एमआईजी 21, एमआईजी 29, जगुआर, हॉक्स, डॉर्नियर 228, और एएन-32 जैसे विभिन्न विमानों पर 2,000 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव हासिल किया है। ​

अंतरिक्ष यात्रा की तैयारी

2019 में, शुभांशु शुक्ला को भारतीय मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के तहत अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण के लिए चुना गया। उन्होंने रूस के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में प्रशिक्षण प्राप्त किया और बाद में बेंगलुरु में इसरो के अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण केंद्र में उन्नत प्रशिक्षण पूरा किया। वह इसरो के गगनयान मिशन के लिए भी चयनित चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं। ​

एएक्स-4 मिशन और भारतीय संस्कृति का प्रदर्शन

एएक्स-4 मिशन में शुभांशु शुक्ला के साथ कमांडर पेगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोज उज्नांस्की-विष्णिव्स्की और हंगरी के टिबोर कपु शामिल होंगे। इस मिशन के दौरान, शुभांशु शुक्ला भारतीय संस्कृति को अंतरिक्ष में प्रदर्शित करने की योजना बना रहे हैं। वह विभिन्न भारतीय राज्यों से संबंधित सांस्कृतिक वस्तुएं और भारतीय खाद्य पदार्थ अपने साथ ले जाएंगे। इसके अलावा, वह माइक्रोग्रेविटी में योग करने का प्रयास करेंगे, जिससे विश्व को योग की शक्ति का प्रदर्शन किया जा सके। ​UP News

भविष्य की दिशा

शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा भारत के बढ़ते अंतरिक्ष कार्यक्रम और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनका अनुभव भविष्य में इसरो के गगनयान मिशन और अन्य मानव अंतरिक्ष उड़ान अभियानों के लिए मूल्यवान साबित होगा। यह मिशन न केवल भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, बल्कि विश्व मंच पर भारतीय संस्कृति और योग की महत्ता को भी उजागर करेगा। UP News

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