UP News : उत्तर प्रदेश के एक बड़े जिले का नाम बदलने वाला है। उत्तर प्रदेश सरकार किसी भी समय पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इस जिले का नाम बदलने का बड़ा फैसला कर सकती है। उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत सूत्रों का दावा है कि जिले का नाम बदलने वाला बड़ा फैसला किसी भी दिन लिया जा सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार बड़ा फैसला लेने के लिए गंभीरता से मंथन कर रही है।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले का नाम बदलेगा
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार में मुजफ्फरनगर जिले का नाम बदलने की तैयारी चल रही है। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले का नाम बदलकर लक्ष्मी नगर रखा जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत सूत्रों ने दावा किया है कि मुजफ्फरनगर जिले का नाम बदलकर लक्ष्मी नगर रखा जाएगा। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का नाम लक्ष्मी नगर करने को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) लंबे समय से मांग कर रहा है। इस मुद्दे पर आरएसएस (RSS) पिछले दो दशक पूर्व बड़ा आंदोलन भी कर चुका है। आरएसएस (RSS) का कहना है कि मुजफ्फरनगर का वर्तमान नाम मुगल शासक मुजफ्फर अली के नाम पर है। किसी भी मुगल शासक के नाम पर भारत में कोई भी नाम मौजूद रहे यह आरएसएस को मंजूर नहीं है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री नाम बदलने में माहिर हैं
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को शहरों कस्बों तथा स्टेशनों के नाम बदलने में माहिर माना जाता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ 22 स्थान के नाम बदल चुके हैं। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद का नाम प्रयागराज तथा फैजाबाद जिले का नाम अयोध्या करने का काम भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कर चुके हैं। अब उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ मुजफ्फरनगर जिले का नाम बदलने की तैयारी कर रहे हैं। मुजफ्फरनगर जिले का नाम बदलकर लक्ष्मी नगर करने की पूरी पटकथा लिखी जा चुकी है, बस किसी भी दिन मुजफ्फरनगर का नाम बदलकर लक्ष्मी नगर करने की घोषणा कर दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश की विधान परिषद में उठाई गई है मांग
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले का नाम बदलने की मांग उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े सदन विधान परिषद में उठाई गई है। उत्तर प्रदेश विधान परिषद में मुजफ्फरनगर का नाम बदलने की मांग भाजपा के बड़े नेता ने उठाई है। आपको बता दें की विधान परिषद सदस्य मोहित बेनीवाल उत्तर प्रदेश में भाजपा के बड़े नेता हैं। श्री बेनीवाल ने उत्तर प्रदेश की विधान परिषद में कहा कि मुजफ्फरनगर का नाम बदलकर लक्ष्मी नगर का नाम बदलकर लक्ष्मीनगर कर देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारी परंपराओं के प्रति सम्मान के लिए जरूरी है कि हमारी भूमि व नगरों का नाम भी उसी के अनुरूप हो। ऐसे में महाभारत काल से जुड़े मुजफ्फरनगर जिले का नाम बदला जाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि यह केवल नाम बदलने का प्रश्न नहीं है, बल्कि हमारे सांस्कृतिक गौरव, सभ्यता के पुनर्जागरण व ऐतिहासिक सत्य की पुनर्स्थपना का संकल्प है। मुजफ्फरनगर कोई साधारण भूमि नहीं है, महाभारत काल से जुड़े हुए इसी जनपद के शुक्रताल में राजा परीक्षित ने ऋषि शुकदेव से भागवत पुराण का ज्ञान प्राप्त किया था। मोहित बेनीवाल ने उत्तर प्रदेश की विधान परिषद में सवाल उठाया है कि क्या यह उचित है कि यह पवित्र स्थान एक मुगल शासक मुजफ्फर अली के नाम से जाना जाए? यह क्षेत्र कृषि,व्यापार व आर्थिक संपन्नता के साथ गुड़ की मिठास का भी केंद्र है। ऐसे में लक्ष्मी नगर नाम क्षेत्र की आर्थिक प्रगति का प्रतीक बनेगा। यह नाम गंगा के निर्मल प्रवाह जैसा परिवर्तनकारी होगा जो हमारी सभ्यता व सांस्कृतिक गौरव को पुन: स्थापित करते हुए, इस क्षेत्र की पहचान को दिशा देगा। भाजपा नेता मोहित बेनीवाल के द्वारा उत्तर प्रदेश की विधान परिषद में मुजफ्फरनगर का नाम बदलने की मांग कोई सामान्य मांग नहीं है। जानकारी का कहना है कि भाजपा की सूची समृद्धि योजना के तहत मुजफ्फरनगर का नाम बदलने की पूरी पटकथा लिखी जा चुकी है।
उत्तर प्रदेश के इस चर्चित जिले का भी बदलेगा नाम
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले का नाम बदलने के साथ ही उत्तर प्रदेश के एक और चर्चित जिले का नाम बदलने की खबर भी आ रही है। खबर यह है कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के संभल जिले का नाम भी बदलेगी। उत्तर प्रदेश का संभल जिला लगातार चर्चा में बना हुआ है। अब उत्तर प्रदेश के संभल का नाम बदलने की मांग उठने लगी है। इसे लेकर सनातन सेवक संघ ने सीएम योगी आदित्यनाथ को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा है। ज्ञापन में संभल का प्राचीन नाम शम्भल करने के साथ चौराहों पर भगवान परशुराम की प्रतिमा और सम्राट पृथ्वीराज चौहान के नाम पर चौराहों का नामकरण करने की मांग की गई है। रिपोर्ट्स की मानें तो संभल एक प्राचीन वैदिक सनातन नगरी रही है। जिसे प्राचीन ग्रंथों में सत्यव्रत नगरी और शम्भल के नाम से जाना जाता था। संभल नगर में 68 तीर्थ एवं 19 कूप स्थित हैं, जो इसकी धार्मिक और ऐतिहासिक महत्ता को दशार्ते हैं। आपको बता दें, संभल एक पौराणिक नगरी है। इसका स्कन्द पुराण समेत सभी हिन्दू ग्रंथों में जिक्र है। पहले इसका नाम सत्यव्रत था, उसके बाद पिंगल नाम हुआ। बाद में इसका नाम शंभू आलय की जगह संभल हो गया। कहा जाता है संभल शंभू की नगरी के नाम से मशहूर थी. यहां कल्कि भगवान का अवतार भी होगा. भगवान कल्कि के गुरु परशुराम जी को माना जाता है, इसीलिए संभल के चौराहे पर भगवान परशुराम की मूर्ति स्थापित करने की मांग हो रही है. साथ ही संभल का नाम शम्भल करने की मांग हुई है. संभल पृथ्वी राज चौहान की राजधानी रही थी।
इदन्न मम यानि कि मेरा कुछ भी नहीं, यह दुनिया का सर्वश्रेष्ठ भाव है
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