Monday, 16 June 2025

उत्तर प्रदेश में मौजूद है चौदह सौ साल पुराना अनोखा पंचायत भवन, होते हैं बड़े फैसले

UP News : उत्तर प्रदेश में चौदह सौ साल पुराना एक अनोखा पंचायत भवन मौजूद है। उत्तर प्रदेश का यह…

उत्तर प्रदेश में मौजूद है चौदह सौ साल पुराना अनोखा पंचायत भवन, होते हैं बड़े फैसले

UP News : उत्तर प्रदेश में चौदह सौ साल पुराना एक अनोखा पंचायत भवन मौजूद है। उत्तर प्रदेश का यह अनोखा पंचायत भवन जितना पुराना है उतना ही खास भी है। उत्तर प्रदेश के इस अनोखे पंचायत भवन में 1400 साल बाद भी बड़े-बड़े फैसले लिए जाते हैं। उत्तर प्रदेश के इस अनोखे पंचायत भवन में अनेक ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं। 1400 साल पहले उत्तर प्रदेश के इस खास पंचायत भवन का जो महत्व था वर्तमान समय में भी वह महत्व बरकरार है। ऐसा कोई दूसरा उदाहरण शायद ही कहीं मिले कि कोई संस्था अथवा भवन 1400 वर्षों से समाज के लिए सार्थक काम कर रही हो।

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में मौजूद है 1400 साल पुराना पंचायत भवन

उत्तर प्रदेश का अनोखा पंचायत भवन उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में मौजूद है। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में सोरम नाम का एक ऐतिहासिक गांव है। इसी सोरम गांव में सर्वखाप पंचायत का मुख्यालय मौजूद है। सर्वखाप पंचायत के इस मुख्यालय को ऐतिहासिक चौपाल के नाम से जाना जाता है। दरअसल पुराने जमाने में पंचायत के भवन को चौपाल कहा जाता है। उत्तर प्रदेश  के सोरम गांव में स्थापित सर्वखाप पंचायत के मुख्यालय का इतिहास बहुत पुराना है। इतिहासकारों का दावा है कि सोरम में सर्वखाप पंचायत के मुख्यालय की स्थापना छठी शताब्दी में वर्ष-555 के आसपास हुई थी। छठी शताब्दी से वर्तमान 21वीं शताब्दी तक सर्वखाप पंचायत के मुख्यालय से देश तथा सर्वसमाज के लिए अनेक ऐतिहासिक फैसले घोषित किए गए हैं। उत्तर प्रदेश के इस खाप पंचायत भवन से लिए जाने वाले सभी फैसले राष्ट्र के हित में होते हैं। UP News

उत्तर प्रदेश में बुढ़ाना से मुजफ्फरनगर को जोडऩे वाली सडक़ के पास है सर्वखाप पंचायत का मुख्यालय

उत्तर प्रदेश के बुढ़ाना कस्बे से मुजफ्फरनगर को जोडऩे वाली एक सीधी सडक़ है। इसी सडक़ के पास स्थापित है ऐतिहासिक  गांव सोरम। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में स्थित गांव सोरम पहुंचते ही मुख्य मार्ग पर बना विशाल भवन अपनी ओर ध्यान खींच लेता है। इस भवन के बाहर ऐतिहाँसिक सोरम चौपाल का बोर्ड लगा है और सामने ही मुख्य दीवार पर भगत सिंह और बिस्मिल जैसे क्रांतिवीरों की तस्वीरें लगी हैं। यह कोई आम भवन नहीं, बल्कि सर्वखाप पंचायतों का मुख्यालय है। एक ऐसा केंद्र, – जहां पर देश की खुशहाली और समाज के सुधार के लिए अनेक फैसले लिए गए हैं।
पिछले दिनों जब पाकिस्तान से युद्ध की बात हुई, तो सोरम में चौपाल पर सर्वखाप की आकस्मिक पंचायत बुलाई गई और निर्णय लिया गया कि देश को जरूरत पडऩे पर अन्न और खून की कमी नहीं होने दी जाएगी। युवा रक्तदान कर सैनिकों तक मदद पहुंचाएंगे। जरूरत पडऩे पर लडऩे भी जाएंगे। माना जाता है कि यह गांव छठी शताब्दी में पंचायतों का एक प्रमुख केंद्र बन गया था। इतिहासकारों का कहना है कि गुलाम वंश के दौर में कुतुबुद्दीन ऐबक के सिपहसालार बख्तियार खिलजी ने सोरम को काफी नुकसान पहुंचाया। गांव लगभग उजड़ गया था। 1305 में रामराव राणा ने इस गांव का नए सिरे से निर्माण किया। पुराने जमाने में यह चबूतरा जैसा था, जिसे बाद में भवन का आकार दिया गया। माना जाता है कि वर्तमान भवन भी ढाई सौ साल से ज्यादा पुराना है। चौधरी नरपत सिंह और करम सिंह ने इसे बनवाया था। बाद में कबूल सिंह ने इस परंपरा को मजबूती से आगे बढ़ाया। सर्वखाप पंचायत के मंत्री सुभाष बालियान बताते हैं कि गांव में बाबर, अकबर, शाहजहां और बहादुर शाह जफर जैसे शासकों का भी लगातार आना रहता था। अकबर की ओर से तो सवा सौ रुपये और पगड़ी भेंट की जाती थी। इन शासकों से जुड़े ताम्रपत्र आज भी मौजूद हैं। UP News

अंग्रेजों के खिलाफ भी लड़ाई का ऐलान हुआ था उत्तर प्रदेश के इस अनोखे पंचायत भवन से

आपको बता दें कि जब पूरा देश अंग्रेजों के विरूद्ध लड़ाई लड़ रहा था तब भी इस अनोखे पंचायत भवन से बड़ी घोषणा की गई थी। सर्वखाप पंचायत के फैसलों पर किताब लिख चुके अमित बालियान बताते हैं कि सर्वखाप ने आजादी की लड़ाई में भी अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल फूंका था। इतना ही नहीं, देश ओजाद हुआ, तो दहेज प्रथा के खिलाफ एलान करते हुए 1950 में कहा कि पांच बर्तन, साड़ी और पांच बरातियों के साथ ही विवाह कराए जाने चाहिए। महिलाओं के भारी घाघरे जैसे पहनावे पर सर्वखाप पंचायत ने ही छूट देने की पहल की थी। इसके बाद गांवों में स्कूल खोलने की पैरवी की। इसके साथ ही बेटियों की संख्या कम होने पर भ्रूण हत्या के खिलाफ भी सर्वखाप की पंचायत में एलान किया गया। अब गांव सोरम की इस चौपाल की देखरेख का जिम्मा पर्यटन मंत्रालय ने लिया है और कई नेताओं ने अपनी निधि भी भवन के लिए दी है। दुनिया के अनेक इतिहासकार यहां पर अब तक आ चुके हैं। UP News

ग्रेनो में अंसल बिल्डर की जांच शुरू, फ्लैट और प्लाट बेचने पर रोक लगी

ग्रेटर नोएडा – नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।

देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुक  पर लाइक करें या  ट्विटर  पर फॉलो करें।

Related Post