गंभीर गड़बड़ी का शक : फसल बीमा पोर्टल में डाटा बदलने के आरोप
जांच शुरू होते ही किसानों के क्लेम रिकॉर्ड में बदलाव दिखा। अगस्त 2024 में जो राशि दिखाई जा रही थी, वहीं दिसंबर 2024 में घटाकर दिखाई गई।

UP News : उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत कई जिलों में घोटाले की खबरें सामने आई हैं। महोबा, झांसी, ललितपुर, मथुरा और फरुर्खाबाद में पोर्टल डाटा में बदलाव और क्लेम भुगतान में असमानता की शिकायतें हैं।
प्रमुख मुद्दे
1. पोर्टल डाटा में बदलाव
जांच शुरू होते ही किसानों के क्लेम रिकॉर्ड में बदलाव दिखा। अगस्त 2024 में जो राशि दिखाई जा रही थी, वहीं दिसंबर 2024 में घटाकर दिखाई गई। दिलचस्प बात यह है कि किसानों की संख्या और बीमित क्षेत्रफल में कोई बदलाव नहीं हुआ, केवल भुगतान की रकम में अंतर है।
2. महोबा जिले के उदाहरण
संतोषपुरा गांव : अगस्त में 113 किसानों को 55 लाख का भुगतान दिखाया गया था, दिसंबर में वही राशि घटकर 9 लाख हो गई।
लुहारी गांव : अगस्त में 147 लाख, दिसंबर में 39 लाख। अन्य गांवों में भी इसी तरह के बड़े अंतर दर्ज हुए हैं।
3. भ्रष्ट तरीके से क्लेम वितरण
महोबा के इंदौरा गांव में कुल 1.10 करोड़ का बीमा भुगतान हुआ। लेकिन 33 लोगों को 83.49 लाख वितरित किए गए, और इनमें एक भी स्थानीय निवासी नहीं था। इनमें से कुछ किसान अन्य तहसीलों के निवासी थे।
4. अवैध जमीन पर क्लेम
नाली, नाले, बंजर और सरकारी जमीन पर भी बीमा क्लेम वितरित होने की शिकायतें आई हैं।
5. मथुरा में ऐप बंद
किसानों की शिकायत के बाद क्रॉप इंश्योरेंस ऐप कई दिनों से बंद है। कुछ किसानों का कहना है कि ऐप बंद करने का मकसद डाटा में हेरफेर करना हो सकता है, जबकि अधिकारियों ने तकनीकी कारणों की संभावना जताई है।
अधिकारियों और किसानों के बयान
किसान नेता : अगस्त और दिसंबर के आंकड़ों में राशि में बदलाव जांच को प्रभावित करने की कोशिश हो सकती है। अधिकारियों का कहना है कि पोर्टल केंद्र सरकार के नियंत्रण में है, इसलिए डाटा में छेड़छाड़ नहीं हो सकती। फिर भी शिकायतें मिलने पर जांच कराई जाएगी।
UP News : उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत कई जिलों में घोटाले की खबरें सामने आई हैं। महोबा, झांसी, ललितपुर, मथुरा और फरुर्खाबाद में पोर्टल डाटा में बदलाव और क्लेम भुगतान में असमानता की शिकायतें हैं।
प्रमुख मुद्दे
1. पोर्टल डाटा में बदलाव
जांच शुरू होते ही किसानों के क्लेम रिकॉर्ड में बदलाव दिखा। अगस्त 2024 में जो राशि दिखाई जा रही थी, वहीं दिसंबर 2024 में घटाकर दिखाई गई। दिलचस्प बात यह है कि किसानों की संख्या और बीमित क्षेत्रफल में कोई बदलाव नहीं हुआ, केवल भुगतान की रकम में अंतर है।
2. महोबा जिले के उदाहरण
संतोषपुरा गांव : अगस्त में 113 किसानों को 55 लाख का भुगतान दिखाया गया था, दिसंबर में वही राशि घटकर 9 लाख हो गई।
लुहारी गांव : अगस्त में 147 लाख, दिसंबर में 39 लाख। अन्य गांवों में भी इसी तरह के बड़े अंतर दर्ज हुए हैं।
3. भ्रष्ट तरीके से क्लेम वितरण
महोबा के इंदौरा गांव में कुल 1.10 करोड़ का बीमा भुगतान हुआ। लेकिन 33 लोगों को 83.49 लाख वितरित किए गए, और इनमें एक भी स्थानीय निवासी नहीं था। इनमें से कुछ किसान अन्य तहसीलों के निवासी थे।
4. अवैध जमीन पर क्लेम
नाली, नाले, बंजर और सरकारी जमीन पर भी बीमा क्लेम वितरित होने की शिकायतें आई हैं।
5. मथुरा में ऐप बंद
किसानों की शिकायत के बाद क्रॉप इंश्योरेंस ऐप कई दिनों से बंद है। कुछ किसानों का कहना है कि ऐप बंद करने का मकसद डाटा में हेरफेर करना हो सकता है, जबकि अधिकारियों ने तकनीकी कारणों की संभावना जताई है।
अधिकारियों और किसानों के बयान
किसान नेता : अगस्त और दिसंबर के आंकड़ों में राशि में बदलाव जांच को प्रभावित करने की कोशिश हो सकती है। अधिकारियों का कहना है कि पोर्टल केंद्र सरकार के नियंत्रण में है, इसलिए डाटा में छेड़छाड़ नहीं हो सकती। फिर भी शिकायतें मिलने पर जांच कराई जाएगी।











