उत्तर प्रदेश के इस शहर को नए साल की बड़ी सौगात, गंगा पर छह लेन ब्रिज लगभग तैयार

प्रयागराज में गंगा के उस पार फाफामऊ क्षेत्र की ओर रोज बड़ी संख्या में लोग आवागमन करते हैं। वर्तमान में वहां मौजूद पुराने पुल पर सुबह और शाम के समय लंबा जाम लगना आम बात है। कई बार लोगों को घंटों तक वाहनों में फंसे रहना पड़ता है। इसी समस्या को देखते हुए लंबे समय से एक नए पुल की मांग की जा रही थी।

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गंगा पर बन रहा पुल
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar31 Dec 2025 07:17 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहरवासियों के लिए नया साल बड़ी खुशखबरी लेकर आ रहा है। गंगा नदी पर बन रहा बहुप्रतीक्षित छह लेन पुल अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। इस पुल के चालू होते ही रोजाना फाफामऊ और शहर के बीच सफर करने वाले हजारों लोगों को जाम की गंभीर समस्या से राहत मिलने वाली है। प्रयागराज में गंगा के उस पार फाफामऊ क्षेत्र की ओर रोज बड़ी संख्या में लोग आवागमन करते हैं। वर्तमान में वहां मौजूद पुराने पुल पर सुबह और शाम के समय लंबा जाम लगना आम बात है। कई बार लोगों को घंटों तक वाहनों में फंसे रहना पड़ता है। इसी समस्या को देखते हुए लंबे समय से एक नए पुल की मांग की जा रही थी।

10 किलोमीटर लंबा अत्याधुनिक छह लेन पुल का हो रहा निर्माण

योगी सरकार ने इस मांग को स्वीकार करते हुए गंगा पर 10 किलोमीटर लंबे अत्याधुनिक छह लेन पुल के निर्माण को मंजूरी दी थी। यह विशाल पुल गंगापार के मलाका क्षेत्र से शुरू होकर शहर के बेली चौराहे तक बनाया गया है। पुल का निर्माण आधुनिक तकनीक से किया गया है, जिससे यह लंबे समय तक सुरक्षित और टिकाऊ रहेगा। इस परियोजना पर लगभग 2,000 करोड़ रुपये की लागत आई है। फरवरी 2021 में शुरू हुए इस पुल निर्माण कार्य का करीब 90 प्रतिशत हिस्सा पूरा हो चुका है। फिलहाल अंतिम चरण के कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। पहले इसे महाकुंभ 2025 तक शुरू करने की योजना थी, लेकिन तकनीकी और प्रशासनिक कारणों से इसकी समय सीमा बढ़ाकर 2026 कर दी गई।

प्रयागराज के अंदर यातायात का दबाव कम होगा

जानकारी के अनुसार, पुल को सितंबर 2026 तक आम जनता के लिए खोलने की तैयारी है। यह पुल 67 मजबूत पिलरों पर खड़ा है, जो इसे अत्यधिक भार सहन करने में सक्षम बनाते हैं। इस छह लेन ब्रिज के शुरू होने से न सिर्फ प्रयागराज के अंदर यातायात का दबाव कम होगा, बल्कि लखनऊ, कानपुर, आगरा और दिल्ली जैसे बड़े शहरों की ओर जाने वाले यात्रियों को भी सीधा और सुगम मार्ग मिलेगा। इससे यात्रा समय घटेगा और ईंधन की भी बचत होगी। कुल मिलाकर, गंगा पर बना यह नया पुल प्रयागराज के यातायात ढांचे को एक नई दिशा देगा और शहर के विकास में अहम भूमिका निभाएगा। नए साल पर यह परियोजना प्रयागराजवासियों के लिए किसी बड़ी सौगात से कम नहीं है।

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उत्तर प्रदेश में लेखपाल भर्ती में आरक्षण विवाद का मामला, योगी ने दिए निर्देश

योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सभी सरकारी भर्तियों में आरक्षण नियमों का सख्ती से पालन करने का निर्देश जारी किया। इसका मकसद न केवल विपक्ष के आरोपों का जवाब देना था, बल्कि चुनावी साल में पिछड़े, दलित और अन्य आरक्षित वर्ग के असंतोष को कम करना भी था।

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योगी आदित्यनाथ 1
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar31 Dec 2025 06:21 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश में हाल ही में लेखपाल भर्ती में आरक्षण के नियमों के पालन को लेकर विवाद खड़ा हुआ। शिकायत थी कि ओबीसी वर्ग को उनके तय प्रतिशत से कम पद दिए गए, जबकि नियम के अनुसार उन्हें अधिक हिस्सेदारी मिलनी चाहिए थी। यह मामला पंचायत चुनाव 2025 के पहले राजनीतिक रूप से संवेदनशील बन गया। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सभी सरकारी भर्तियों में आरक्षण नियमों का सख्ती से पालन करने का निर्देश जारी किया। इसका मकसद न केवल विपक्ष के आरोपों का जवाब देना था, बल्कि चुनावी साल में पिछड़े, दलित और अन्य आरक्षित वर्ग के असंतोष को कम करना भी था। मुख्य सचिव (नियुक्ति एवं कार्मिक) ने सभी विभागों और भर्ती एजेंसियों को निर्देश दिए कि वर्टिकल आरक्षण (एससी, एसटी, ओबीसी) और हॉरिजॉन्टल आरक्षण (महिला, दिव्यांग, पूर्व सैनिक आदि) का पूरा पालन सुनिश्चित किया जाए।

आरक्षण और पदों का विवरण

सरकारी नौकरियों में कुल 60% आरक्षण लागू है। लेखपाल भर्ती में ओबीसी को शुरू में केवल 18% पद दिए गए थे, जबकि नियम के मुताबिक उन्हें 27% पद मिलना चाहिए था। विरोध और समीक्षा के बाद ओबीसी के पद बढ़ाए गए और सामान्य वर्ग के पद घटाए गए।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे आरक्षित वर्ग विरोधी और अन्यायपूर्ण कदम बताया। जैसे ही यह सरकार के संज्ञान में आया इस पूरी तरह से सुधार लिया गया।

सामान्य वर्ग के वोटरों को खुश करने के लिए नियमों की अनदेखी

उनका आरोप था कि सरकार सामान्य वर्ग के वोटरों को खुश करने के लिए जानबूझकर नियमों की अनदेखी कर रही थी। सरकार ने इस विवाद के बाद स्पष्ट किया कि भविष्य में सभी भर्तियों में आरक्षण का पूर्ण और पारदर्शी पालन किया जाएगा। लेखपाल भर्ती विवाद ने यह दिखाया कि राजनीतिक दबाव और चुनावी संवेदनशीलता के समय में आरक्षण एक अहम मुद्दा बन जाता है। योगी सरकार ने इसे शांत करने और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए।

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उत्तर प्रदेश में मरीजों की दलाली, स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे गंभीर सवाल

सोशल मीडिया पर वायरल हुई बातचीत के स्क्रीनशॉट में दावा किया गया है कि कॉलेज से जुड़े लोग दलालों को वेंटिलेटर पर भर्ती मरीज लाने के बदले 50 हजार रुपये और आॅक्सीजन सपोर्ट वाले मरीज पर 35 हजार रुपये देने का प्रस्ताव दे रहे थे।

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स्वास्थ्य विभाग में जांच
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userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar31 Dec 2025 05:32 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से स्वास्थ्य व्यवस्था को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। गोमतीनगर विस्तार क्षेत्र स्थित एक निजी आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज पर आरोप लगा है कि वहां गंभीर मरीजों को सौदे की तरह देखा जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हुई बातचीत के स्क्रीनशॉट में दावा किया गया है कि कॉलेज से जुड़े लोग दलालों को वेंटिलेटर पर भर्ती मरीज लाने के बदले 50 हजार रुपये और आॅक्सीजन सपोर्ट वाले मरीज पर 35 हजार रुपये देने का प्रस्ताव दे रहे थे।

केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के आसपास सक्रिय है एजेंटों का नेटवर्क

सूत्रों के अनुसार, केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में निजी अस्पतालों और कॉलेजों से जुड़े एजेंटों का एक संगठित गिरोह सक्रिय है। ये लोग उन मरीजों और उनके परिजनों को निशाना बनाते हैं जिन्हें सरकारी अस्पताल में समय पर बेड नहीं मिल पाता। मजबूरी की स्थिति में फंसे परिजनों को बेहतर इलाज का झांसा देकर निजी संस्थानों में भर्ती कराया जाता है, जहां एजेंटों को मोटा कमीशन मिलता है।

शिकायत के बाद हरकत में आया स्वास्थ्य विभाग

इस पूरे मामले को लेकर सूरज कश्यप नामक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। साथ ही उपमुख्यमंत्री को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से इसकी जानकारी दी गई। मामला सामने आने के बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने जांच के आदेश जारी किए हैं। नर्सिंग होम के नोडल अधिकारी डॉ. ए.पी. सिंह ने बताया कि वायरल चैट की सत्यता की जांच की जा रही है। यदि आरोप प्रमाणित होते हैं, तो संबंधित कॉलेज के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस को पत्र भेजा जाएगा।

एजेंटों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी

डॉ. एन.बी. सिंह ने स्पष्ट किया कि यदि मरीजों की खरीद-फरोख्त से जुड़े आरोप सही पाए गए, तो न केवल निजी संस्थान पर कार्रवाई की संस्तुति होगी, बल्कि इस पूरे नेटवर्क में शामिल एजेंटों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस को औपचारिक रूप से लिखा जाएगा। 

विवादों में घिरे आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज की ओर से सफाई देते हुए प्रबंधन ने सभी आरोपों को खारिज किया है। कॉलेज के मैनेजर इंद्रजीत पाल का कहना है कि जिस व्यक्ति की चैट वायरल हो रही है, वह उनके संस्थान का कर्मचारी नहीं है। उन्होंने दावा किया कि कॉलेज में मरीजों की किसी भी प्रकार की खरीद-फरोख्त नहीं होती और लगाए गए आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं।

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