उत्तर प्रदेश के इस शहर को नए साल की बड़ी सौगात, गंगा पर छह लेन ब्रिज लगभग तैयार
प्रयागराज में गंगा के उस पार फाफामऊ क्षेत्र की ओर रोज बड़ी संख्या में लोग आवागमन करते हैं। वर्तमान में वहां मौजूद पुराने पुल पर सुबह और शाम के समय लंबा जाम लगना आम बात है। कई बार लोगों को घंटों तक वाहनों में फंसे रहना पड़ता है। इसी समस्या को देखते हुए लंबे समय से एक नए पुल की मांग की जा रही थी।

UP News : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहरवासियों के लिए नया साल बड़ी खुशखबरी लेकर आ रहा है। गंगा नदी पर बन रहा बहुप्रतीक्षित छह लेन पुल अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। इस पुल के चालू होते ही रोजाना फाफामऊ और शहर के बीच सफर करने वाले हजारों लोगों को जाम की गंभीर समस्या से राहत मिलने वाली है। प्रयागराज में गंगा के उस पार फाफामऊ क्षेत्र की ओर रोज बड़ी संख्या में लोग आवागमन करते हैं। वर्तमान में वहां मौजूद पुराने पुल पर सुबह और शाम के समय लंबा जाम लगना आम बात है। कई बार लोगों को घंटों तक वाहनों में फंसे रहना पड़ता है। इसी समस्या को देखते हुए लंबे समय से एक नए पुल की मांग की जा रही थी।
10 किलोमीटर लंबा अत्याधुनिक छह लेन पुल का हो रहा निर्माण
योगी सरकार ने इस मांग को स्वीकार करते हुए गंगा पर 10 किलोमीटर लंबे अत्याधुनिक छह लेन पुल के निर्माण को मंजूरी दी थी। यह विशाल पुल गंगापार के मलाका क्षेत्र से शुरू होकर शहर के बेली चौराहे तक बनाया गया है। पुल का निर्माण आधुनिक तकनीक से किया गया है, जिससे यह लंबे समय तक सुरक्षित और टिकाऊ रहेगा। इस परियोजना पर लगभग 2,000 करोड़ रुपये की लागत आई है। फरवरी 2021 में शुरू हुए इस पुल निर्माण कार्य का करीब 90 प्रतिशत हिस्सा पूरा हो चुका है। फिलहाल अंतिम चरण के कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। पहले इसे महाकुंभ 2025 तक शुरू करने की योजना थी, लेकिन तकनीकी और प्रशासनिक कारणों से इसकी समय सीमा बढ़ाकर 2026 कर दी गई।
प्रयागराज के अंदर यातायात का दबाव कम होगा
जानकारी के अनुसार, पुल को सितंबर 2026 तक आम जनता के लिए खोलने की तैयारी है। यह पुल 67 मजबूत पिलरों पर खड़ा है, जो इसे अत्यधिक भार सहन करने में सक्षम बनाते हैं। इस छह लेन ब्रिज के शुरू होने से न सिर्फ प्रयागराज के अंदर यातायात का दबाव कम होगा, बल्कि लखनऊ, कानपुर, आगरा और दिल्ली जैसे बड़े शहरों की ओर जाने वाले यात्रियों को भी सीधा और सुगम मार्ग मिलेगा। इससे यात्रा समय घटेगा और ईंधन की भी बचत होगी। कुल मिलाकर, गंगा पर बना यह नया पुल प्रयागराज के यातायात ढांचे को एक नई दिशा देगा और शहर के विकास में अहम भूमिका निभाएगा। नए साल पर यह परियोजना प्रयागराजवासियों के लिए किसी बड़ी सौगात से कम नहीं है।
UP News : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहरवासियों के लिए नया साल बड़ी खुशखबरी लेकर आ रहा है। गंगा नदी पर बन रहा बहुप्रतीक्षित छह लेन पुल अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। इस पुल के चालू होते ही रोजाना फाफामऊ और शहर के बीच सफर करने वाले हजारों लोगों को जाम की गंभीर समस्या से राहत मिलने वाली है। प्रयागराज में गंगा के उस पार फाफामऊ क्षेत्र की ओर रोज बड़ी संख्या में लोग आवागमन करते हैं। वर्तमान में वहां मौजूद पुराने पुल पर सुबह और शाम के समय लंबा जाम लगना आम बात है। कई बार लोगों को घंटों तक वाहनों में फंसे रहना पड़ता है। इसी समस्या को देखते हुए लंबे समय से एक नए पुल की मांग की जा रही थी।
10 किलोमीटर लंबा अत्याधुनिक छह लेन पुल का हो रहा निर्माण
योगी सरकार ने इस मांग को स्वीकार करते हुए गंगा पर 10 किलोमीटर लंबे अत्याधुनिक छह लेन पुल के निर्माण को मंजूरी दी थी। यह विशाल पुल गंगापार के मलाका क्षेत्र से शुरू होकर शहर के बेली चौराहे तक बनाया गया है। पुल का निर्माण आधुनिक तकनीक से किया गया है, जिससे यह लंबे समय तक सुरक्षित और टिकाऊ रहेगा। इस परियोजना पर लगभग 2,000 करोड़ रुपये की लागत आई है। फरवरी 2021 में शुरू हुए इस पुल निर्माण कार्य का करीब 90 प्रतिशत हिस्सा पूरा हो चुका है। फिलहाल अंतिम चरण के कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। पहले इसे महाकुंभ 2025 तक शुरू करने की योजना थी, लेकिन तकनीकी और प्रशासनिक कारणों से इसकी समय सीमा बढ़ाकर 2026 कर दी गई।
प्रयागराज के अंदर यातायात का दबाव कम होगा
जानकारी के अनुसार, पुल को सितंबर 2026 तक आम जनता के लिए खोलने की तैयारी है। यह पुल 67 मजबूत पिलरों पर खड़ा है, जो इसे अत्यधिक भार सहन करने में सक्षम बनाते हैं। इस छह लेन ब्रिज के शुरू होने से न सिर्फ प्रयागराज के अंदर यातायात का दबाव कम होगा, बल्कि लखनऊ, कानपुर, आगरा और दिल्ली जैसे बड़े शहरों की ओर जाने वाले यात्रियों को भी सीधा और सुगम मार्ग मिलेगा। इससे यात्रा समय घटेगा और ईंधन की भी बचत होगी। कुल मिलाकर, गंगा पर बना यह नया पुल प्रयागराज के यातायात ढांचे को एक नई दिशा देगा और शहर के विकास में अहम भूमिका निभाएगा। नए साल पर यह परियोजना प्रयागराजवासियों के लिए किसी बड़ी सौगात से कम नहीं है।












