Monday, 30 December 2024

GDA के अफसरों शाबास…! : नागरिक सुविधाएं नदारद, कर रहे भवनों के ड्रा

GDA के अफसरों शाबास…! : गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अफसर भी कम नहीं है। अपना नाम और काम गिनाने…

GDA के अफसरों शाबास…! : नागरिक सुविधाएं नदारद, कर रहे भवनों के ड्रा

GDA के अफसरों शाबास…! : गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अफसर भी कम नहीं है। अपना नाम और काम गिनाने के लिए जल्दबाजी करते हुए फंसते भी हैं। यही काम वे कर रहे हैं। मजे की बात है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के ढांचे को ही ड्रा करने लगे और उसका आवंटन भी किया जा रहा है। खास बात यह है, जिस प्रधानमंत्री आवास योजना का ड्रा कर उसे आवंटित किया जा रहा है वहां नागरिक सुविधाएं ही अभी तक नहीं पहुंची है।

GDA के अफसरों शाबास…! :

सूत्रों पर भरोसा करें तो, ऊपर आदेश मिला है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के भवनों को ड्रा के बाद आवंटियों को तत्काल आवंटित भी कर दिया जाए। इसके लिए उन्हें टाइम बाउण्ड भी किया गया है। आदेश मिलते ही जीडीए के अफसर आनन-फानन में प्रधानमंत्री आवास योजना के भवनों को ड्रा के बाद आवंटित करने का काम भी शुरू कर दिये हैं।

इस बाबत, दूर तक कोई ये बताने की स्थिति में नहीं है कि इन भवनों में नागरिक सुविधा कब तक उपलब्ध होगी। केवल भवनों के आवंटन के नाम पर शासन से वाह वाही लूटी जा रही है। बता दें, अभी तक इन भवनों में सीवर, पानी की सुविधा कब उपलब्ध होगी ये सवाल उठने लगे है। योजना में उत्तर प्रदेश जल निगम को काम करना है। पैसे का भुगतान शासन से होना है। उत्तर प्रदेश जल निगम भी इस लिए हाथ डालते हुए कतरा रहा है कि यदि उसके द्वारा काम कर भी दिया गया तो पता नहीं पैसे का कब भुगतान होगा।

यही स्थिति बिजली की भी है। बिजली विभाग भी देश के प्रधानमंत्री से जुड़ी योजना में काम करते हुए कतरा रहा है। माना जा रहा है कि यदि यही हालात रहे तो भवनों पर 2024 के लोकसभा चुनाव तक भी कब्जा मिलने वाला नहीं है। जीडीए के लिए कांशी राम योजना के अंतर्गत बनाए गए भवन ही गले की फाॅश बने हुए है। वजह जिला नगरीय विकास अभिकरण डूडा के माध्यम से 10 साल की लीज पर अलाट कर दिया गया। 10 साल की लीज की अवधि समाप्त होने पर जिन लोगों के द्वारा लीज की अवधि नहीं बढ़वायी गयी है, ऐसे भवनों को खाली कराना बड़ी चुनौती बना हुआ है।

प्रदेश सरकार से प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत भवनों का निर्माण जीडीए के लिए बडी चुनौती साबित हो रहा है। वजह देखा जाए तो जीडीए का खजाना खाली है। जीडीए का पूरा दारोमदार मधुबन बापू धाम योजना पर है। जैसे—तैसे प्राधिकरण के द्वारा करीब 1500 भवनों का निर्माण प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत किया जा रहा है। वे ठेकेदार भी दुविधा में हैं जिनके द्वारा भवनों के निर्माण का ठेका हासिल कर लिया गया लेकिन, उन्हें प्राधिकरण भुगतान नहीं कर रहा है। ऊपर से ठेकेदारों पर भवनों के निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।

132 भवनों का ड्रा के बाद आवंटन:
जीडीए ने हिंदी भवन परिसर में मेसर्स अजनारा इंडिया समूह के द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बनाए जा रहे 132 भवनों का ड्रा के माध्यम से आवंटन कर दिया। इस दौरान प्राधिकरण के अपर सचिव सीपी त्रिपाठी एवं दूसरे अधिकारी मौजूद रहे।

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