Sambhal Violence : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 1978 में हुए सांप्रदायिक दंगों की जांच प्रक्रिया शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश विधानपरिषद के सदस्य श्रीचंद्र शर्मा द्वारा शासन को पत्र लिखकर इन दंगों की जांच करवाने की मांग की थी, जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने संभल के जिलाधिकारी (DM) और पुलिस अधीक्षक (SP) को पत्र भेजकर एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दिया है।
निर्देश जारी कर जांच प्रक्रिया शुरू
संभल के ASP उत्तरी को इस जांच का अधिकारी नियुक्त किया गया है, और उन्हें एक हफ्ते के भीतर दंगों से संबंधित जानकारी और रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है। इस जांच के आदेश के बाद शासन ने निर्देश जारी कर जांच प्रक्रिया शुरू की है। संभल में 14 दिसंबर को कार्तिकेय महादेव मंदिर का ताला 46 साल बाद खोला गया था, जिससे 1978 के दंगा पीड़ितों ने अपनी दुखभरी कहानी साझा की। इस दौरान, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में भी इन दंगों का जिक्र किया था।
हिंदू परिवार पलायन करने को मजबूर
1978 में हुए दंगे संभल के नखासा इलाके में भयंकर थे, जिसमें 184 लोग मारे गए थे। इस दंगे के बाद हिंदू समुदाय की आबादी में भारी कमी आई, और कई हिंदू परिवार पलायन करने को मजबूर हो गए। 1978 में दंगे से बचने के लिए कई हिंदू वहां छुपे थे, जिनमें से 25 लोगों को जलाकर मार दिया गया था। इस घटना के बाद, नखासा क्षेत्र में हिंदू आबादी 45 प्रतिशत से घटकर 15 प्रतिशत तक रह गई है।
मंत्रोच्चारण के साथ आरती शुरू
हाल ही में 46 साल से बंद पड़े एक मंदिर में पूजा-आरती शुरू की गई। यह मंदिर 1978 के दंगों के बाद हिंदू समुदाय के विस्थापन और सांप्रदायिक तनाव के कारण बंद हो गया था। इस मंदिर के पास सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क का घर है, और अब मंदिर में पूजा विधि और मंत्रोच्चारण के साथ आरती शुरू की गई है।
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