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Uttrakhand News : देहरादून में हुई नई शुरूआत, ”कहानी” के मुद्दे पर एकजुट हुए सामाजिक संगठन

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Uttrakhand News वर्ड्स रिदम इमेजेस और आर्यन ग्रुप संस्थान में एक गोष्ठी का आयोजन किया जिसका शीर्षक रहा “सामाजिक बदलाव के लिए कहानी कहने का महत्व”। इस कार्यक्रम में देहरादून के विभिन्न संगठनों एवं सामाजिक संस्थाओं ने प्रतिभाग किया जिसमे सभी ने अपनी संस्थाओं में चलाए जा रहे सामाजिक कार्यक्रमों को सांझा किया।

Uttrakhand News in Hindi

Uttrakhand News : जैसा कि हम जानते हैं की देहरादून कई गैर सरकारी संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का घर है जो शिक्षा और गरीबी उन्मूलन से लेकर पर्यावरण संरक्षण और कमजोर और हाशिए पर रहने वाले समूहों के सशक्तिकरण तक विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास कर रहे हैं। यह आयोजन सामाजिक परिवर्तन के लिए कहानी कहने के विषय पर विचारों के आदान-प्रदान के लिए कुछ ऐसे प्रमुख संगठनों को एक साथ लाया।

डिजीटल स्टोरी टेलर्स पर चर्चा

कार्यक्रम में विचारोत्तेजक चर्चाओं में विभिन्न तरीकों पर चर्चा की गई, जिसमें हम सभी मानवीय कहानियों और साझा अनुभवों की शक्ति का लाभ उठाकर सामाजिक परिवर्तन में सकारात्मक योगदान दे सकते हैं। शहर के प्रतिष्ठित सामाजिक कलाकार इस कार्यक्रम में शामिल हुए और उन्होंने अपने द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों पर अधिक ध्यान आकर्षित करने के लिए अपने कार्य क्षेत्र से मानव-रुचि की कहानियों को कैसे कैप्चर और साझा किया है, इसकी जानकारी साझा की। यह कार्यक्रम डिजिटल स्टोरी टेलर्स फॉर सोशल चेंज (DISSC) प्रोजेक्ट मोबाइल -वीडियो आधारित कहानी कहने का मॉडल चला रहा है।

राजपुर रोड स्थित अकेता होटल में आयोजित इस कार्यक्रम में ऐसे बुद्धिजीवों का जमावड़ा हुआ, जो सामाजिक बदलाव लाने के लिए कहानी कहने की क्षमता तलाश रहे हैं। प्रतिभागियों ने प्रभावशाली कहानी कहने में योगदान देने वाले प्रमुख तत्वों पर अंतर्दृष्टि साझा की। इंटरैक्टिव चर्चा उन अवसरों, चुनौतियों, नवाचारों और सहयोग पर केंद्रित थी जिनकी सामाजिक परिवर्तन के लिए एक उपकरण के रूप में कहानी कहने के लिए आवश्यकता होती है।

इस कार्यक्रम में करण कपूर (MAD संस्था), अर्चना ग्वारी (धाद संस्था), इरा चौहान (सिटीजन फॉर ग्रीन दून), ऋचा नौटियाल और आयुषी जयसवाल (फ्यूल फाउंडेशन), माणिक मंडल और निकिता मिश्रा (लतिका रॉय फाउंडेशन), घनश्याम राय ( बीन देयर दून दैट), श्रेय रावत (द सर्कल इंडिया), और विजय प्रताब सिंह (एडवेंथ्रिल) आदि संस्थाओं के प्रमुख उपस्थित रहे।

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फिल्म सा​माजिक परिवर्तन का माध्यम है

फिल्म निर्माता और WRI के संस्थापक अजय गोविंद ने कहा, “फिल्में हमेशा से हमारे देश में सामाजिक परिवर्तन का एक सशक्त माध्यम रही हैं। अब स्मार्ट फोन और सही कौशल के साथ बहुत से लोग वीडियो का उपयोग अपनी कहानियों को इस तरह से बताने के तरीके के रूप में कर सकते हैं जो प्रभावशाली हो और उनके जीवन को बेहतरी के लिए बदल दे।”

DISSC प्रोजेक्ट की निदेशक रेम्या ससींद्रन ने साझा किया कि “हम जानते हैं कि कहानियां, जब प्रभावशाली तरीके से बताई जाती हैं, तो लंबे समय तक हमारे साथ रहती हैं। हमारे आसपास हर समय शक्तिशाली कहानियाँ घटित होती रहती हैं। अगर इन कहानियों को इकट्ठा करके एकत्रित किया जाए और सही समय पर और सही तरीके से सही लोगों तक पहुंचाया जाए, तो बहुत सारा सकारात्मक सामाजिक बदलाव आ सकता है।’

आर्यन ग्रुप के संस्थापक, फ़ैज़ी अलीम खान ने कहा, “हमारे संघर्षों और कठिनाइयों के बारे में कहानियाँ साझा करना किसी और को कठिन मुद्दों को समझाने का एक शानदार तरीका है। कहानी सुनाना हमें एक-दूसरे के करीब लाता है क्योंकि एक ही समाज में रहने वाले लोगों के रूप में हम सभी के पास बहुत सारे अनुभव साझा होते हैं। ये कहानियाँ हमें एक-दूसरे को बेहतर ढंग से समझने और बेहतर भविष्य के लिए मिलकर काम करने में मदद कर सकती हैं।’ Uttrakhand News

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