Canada News : कनाडा में पढ़ने का सपना देख रहे हैं, तो सबसे पहले साल 2024 में जारी हो रहे नए नियमों के बारे में जान लें। हाल ही में कनाडा सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए एक नया नियम जारी किया है। जिसके तहत अब इंटरनेशनल छात्रों को केवल 2 साल की समय सीमा के लिए ही वीजा दिया जाएगा। कनाडा सरकार के इस नए नियम के बाद से भारतीय छात्रों के बड़ा झटका लगा है।
स्टडी वीजा में होगी 35 प्रतिशत की कमी
इस बारे में जानकारी देते हुए कनाडा के इमिग्रेशन मिनिस्टर ने कहा कि स्नातक स्तर के लिए साल 2024 में 3,64,000 नए रजिस्टर्ड परमिट दिये जाएंगे, जबकि पिछले साल लगभग 5,60,000 परमिट दिये गए थे । यानि इस वर्ष, साल 2023 की तुलना में 35 फीसदी की कमी की गई है । साथ ही उन्होंने कहा कि आने वाले 2025 में जारी किए जाने वाले परमिट्स की संख्या का इस साल के आखिर में पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा।
नई नियमों का भारतीयों पर पड़ रहा असर
आपको बता दें यह फैसला आवास संकट और “बुरे तत्वों” को टारगेट करने के लिए लिया गया है। यह एक ऐसा कदम है जिससे देश में पढ़ाई करने की प्लानिंग कर रहे भारतीयों पर असर पड़ने की संभावना है। पंजाब से बड़ी संख्या में हर साल छात्र कनाडा जाते है,कनाडा सरकार के इस कदम से पंजाब के लोग बड़ी संख्या में प्रभावित होंगे । सरकार चाहती है कि साल 2024 तक कनाडा में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की संख्या में और वृद्धि न हो। इसलिए साल 2024 से दो वर्षों के लिए एक राष्ट्रीय आवेदन प्रवेश सीमा निर्धारित कर रहे हैं।
2023 में 3 लाख से ज्यादा भारतीय छात्र गए कनाडा
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मिली जानकारी के अनुसार साल 2023 में 3 लाख से ज्यादा भारतीय छात्र कनाडा गए। कनाडा में 3,40,000 से अधिक भारतीय छात्र हैं। इस बीच, कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या दस लाख से ज्यादा हो गई है। फिलहाल 2.3 लाख भारतीय छात्र कनाडा में पढ़ाई कर रहे हैं। कोविड-19 महामारी के बाद कनाडा ने साल 2023 में रिकॉर्ड 5,79,075 स्टडी वीजा जारी किए।
कनाडा में हो रही आवास की समस्या
आंकड़ों की बात करें तो अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या साल 2021 में 6,17,250 से बढ़कर दिसंबर 2023 तक दस लाख से ज्यादा हो गई। छात्रों की बढ़ती संख्या से कनाडा में आवास की समस्या खड़ी हो गई है। इसके लिए कनाडा सरकार को लगातार आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
पोस्ट ग्रेजुएट कर्मियों के लिए भी नई सीमा तय
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जानकारी के अनुसार पोस्ट ग्रेजुएट कर्मियों के लिए भी सरकार की ओर से नई सीमा तय की गई है। जारी किए गए नियमों का मकसद छात्रों को अपने देशों की ओर वापस भेजने के लिए प्रेरित करना है। कभी ये परमिट कनाडा में हमेशा के लिए ठहरने का आसान तरीका माना जाता था। वहीं अब नियमों में बदलाव करते हुए मास्टर्स या पोस्ट डॉक्टरेट प्रोग्राम करने वालों को 3 साल के वर्क परमिट की मंजूरी दी गई है।
नए नियमों से कितना पड़ेगा प्रभाव ?
आपको बता दें इन नए नियमों से विश्वविद्यालयों को नुकसान झेलना पड़ेगा। नए नियमों के चलते विश्वविद्यालयों को सालाना $16.4 बिलियन का नुकसान होगा। कई संस्थान, जो अच्छे इनफ्लो की उम्मीद जता रहे थे, उन्हें निराशा हाथ लग सकती है। इसके अलावा कई बिजनेस, जिनमें रेस्टोरेंट्स और रिटेल सेक्टर शामिल हैं, उन्हें विदेशी छात्रों की कमी के चलते छोटे-मोटे कर्मियों की संख्या में कमी का सामना करना पड़ सकता है। आपको बता दें कनाडा में रेस्टोरेंट्स में काम करने वालों की संख्या में 1 लाख की कमी आई है और विदेशी छात्र इसमें 4.6% का योगदान देते हैं। हालांकि, कनाडा के बैंक्स को इन नए नियमों से फायदा हुआ है। विदेश से आने वाले सभी छात्रों को 20,000 से ज्यादा कनाडाई डॉलर रखना अनिवार्य कर दिया गया है।
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