विनय संकोची
Health : चना (Gram ) न केवल स्वास्थ्य में लाभकारी है, बल्कि अनेक रोगों की चिकित्सा करने में भी सहायक है। चने में कार्बोहाइड्रेट(Carbohydrate), प्रोटीन(Protein), नमी(Moisture), चिकनाई(Fat), रेशे(Fiber), कैल्शियम(Calcium), आयरन(Iron) व विटामिंस (Vitamins) पाए जाते हैं। रक्ताल्पता(Anemia), कब्ज(Constipation), डायबिटीज (Constipation)और पीलिया(Jaundice) जैसे रोगों में चने का प्रयोग लाभकारी होता है। चना शरीर को बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनाता है। साथ ही यह दिमाग को तेज और चेहरे को सुंदर बनाता है। चने के सबसे अधिक फायदे इन्हें अंकुरित करके खाने से होते हैं। चना कषाय, रस-युक्त, वातकारक, शीतल एवं रुक्ष, शक्ति एवम् पुष्टि, स्वास्थ्यवर्धक, पित्त, रक्त-विकार कफ तथा ज्वरनाशक है। भीगा हुआ अंकुरित चना कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है, शर्करा पर नियंत्रण रखता है, हृदय तथा मधुमेह रोगियों के लिए श्रेष्ठ आहार है।
काले चने भुने हुए हों, अंकुरित हों या इसकी सब्जी बनाई हो ये हर तरीके से सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। चना हमारे शरीर में प्रोटीन की आपूर्ति करता है, इसलिए इसे प्रोटीन का राजा भी कहा जा सकता है। आयुर्वेद में यह कहा जाता है कि अगर आप फुर्तीले बने रहना चाहते हैं, तो चने का सेवन नियमित रूप से करना शुरू कर दीजिए। बस एक मुट्ठी चना से आप स्वस्थ और ताकतवर बने रह सकते हैं। चने किसी भी दवा से कम नहीं हैं। चने में लगभग 28% फास्फोरस और आयरन होता है। चने न केवल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करते हैं, बल्कि हीमोग्लोबिन बढ़कर किडनी को अधिकता से साफ करते हैं।
• रात भर भिगोए हुए चने से पानी अलग कर उसमें नमक, अदरक और जीरा मिलाकर खाने से कब्ज जैसी समस्या में राहत मिलती है। कब्ज़ दूर करने के लिए चने के छिलके सहित ही खाएं।
• शरीर में आयरन की कमी से होने वाली एनीमिया की समस्या को रोजाना चने खाकर दूर किया जा सकता है। चने में शहद मिलाकर खाना जल्द असरकारक होता है। आयरन से भरपूर चना एनीमिया की समस्या को काफी हद तक कम कर देता है।
• चना ताकतवर होने के साथ ही शरीर में एक्स्ट्रा ग्लूकोज (Extra Glucose) की मात्रा को कम करता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन चने का सेवन सुबह खाली पेट करना चाहिए। चने का सत्तू की डायबिटीज से बचाता है।
• फाइबर से भरपूर होने के कारण चना वजन घटाने का एक प्रभावी प्राकृतिक उपाय है। चना भूख को नियंत्रित करने में मददगार होता है। चना शाकाहारियों के लिए प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत है और यह उचित वजन प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
• चना फीटो-न्यूट्रीएंट का बहुत अच्छा स्रोत है। यह स्तन कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करता है और एस्ट्रोजन हार्मोन में खून के स्तर को बढ़ाकर विपरीत ओस्टियोपोरोसिस से रक्षा करता है।
• आजकल शरीर में स्टोन होना एक आम बीमारी हो गई है। चना इससे निजात दिला सकता है। इसके लिए रात भर भिगोए काले चने में थोड़ी सी शहद की मात्रा मिलाकर खाएं। रोजाना इसके सेवन से स्टोन के होने की संभावना काफी कम हो जाती है और अगर स्टोन है तो आसानी से निकल जाता है।
• हिचकी की समस्या ज्यादा परेशान कर रही हो तो चने के पौधे के सूखे पत्तों का धुम्रपान करने से शीत के कारण आने वाली हिचकी तथा आमाशय की बीमारियों में लाभ होता है।
• गर्म चने रूमाल या किसी साफ कपड़े में बांधकर सूंघने से जुकाम ठीक हो जाता है।
• भुने हुए चने रात में सोते समय चबाकर गर्म दूध पीने से सांस नली के अनेक रोग व कफ दूर हो जाते हैं। रात को सोते समय थोड़ी भुने हुए चने खाकर ऊपर से गुड़ खाने से खांसी में लाभ होता है।
• रात को चने की दाल भिगो दें और सुबह पीसकर चीनी व पानी मिलाकर पीएं। इससे मानसिक तनाव व उन्माद की स्थिति में राहत मिलती है।
• चना केवल बीमारियों के लिए ही फायदेमंद नहीं है बल्कि यह त्वचा के लिए भी काफी लाभदायक है। अगर आप अपने चेहरे में निखार लाना चाहते हैं, तो नहाने से पहले बेसन में दूध या दही मिक्स करें और इसे चेहरे पर 15 मिनट लगा रहने दें। फिर सूखने के बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें। चने के इस्तेमाल से रंगत के साथ ही मुहांसों, दाद, खुजली और त्वचा से जुड़ी कई प्रकार की समस्याएं दूर होती हैं।
• चने से बालों का गिरना भी रुकता है क्योंकि इसमें मौजूद प्रोटीन बालों को मजबूती प्रदान करते हैं।
• चने में अंकुरण के सात दिन बाद तक मिनिरल्स और विटामिन भरपूर मात्रा में रहते हैं। अंकुरित चने सलाद के रूप में कच्चे या उबाले हुए दोनों तरीके से खाई जा सकते हैं।
किसी गंभीर बीमारी में चने को औषधि के रूप में इस्तेमाल करने से पूर्व योग्य चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।