Monday, 25 November 2024

Hanuman Jayanti 2022- 31 साल बाद हनुमान जयंती पर बन रहा है दुर्लभ संयोग, इन मंत्रों के जाप से भरेगी खाली झोली

Hanuman Jayanti 2022- हनुमान जयंती का पर्व प्रतिवर्ष चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह…

Hanuman Jayanti 2022- 31 साल बाद हनुमान जयंती पर बन रहा है दुर्लभ संयोग, इन मंत्रों के जाप से भरेगी खाली झोली

Hanuman Jayanti 2022- हनुमान जयंती का पर्व प्रतिवर्ष चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 16 अप्रैल (शनिवार) यानी आज पड़ रहा है। हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti 2022) के पर्व पर हनुमान जी की पूजा अर्चना के साथ व्रत रखने का भी प्रावधान है। ज्योतिषियों के मुताबिक इस वर्ष हनुमान जयंती के पर्व पर 31 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है। दरअसल इस वर्ष हनुमान जयंती के पर्व पर शनि मकर राशि में विराजमान है और ऐसा पूरे 31 साल बाद हो रहा है। इससे पहले यह सहयोग साल 1991 में बना था। साल 1991 में 30 अप्रैल को हनुमान जयंती का पर्व पड़ा था उस दिन शनिवार का दिन था। जैसा कि आप सभी जानते हैं शनिवार का दिन हनुमान जी को समर्पित होता है। इसके साथ ही साल 1991 में हनुमान जयंती के दिन शनि मकर राशि में विराजमान था।

हनुमान जयंती के इस खास पर्व पर हनुमान जी के कुछ चमत्कारी मंत्र के जाप करने से मनुष्य की मन की सभी मुरादें पूरी होती है।

जानते हैं वह मंत्र कौन से हैं –

1. ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय पंचवदनाय दक्षिण मुखे. कराल बदनाय नारसिंहाय सकल भूत प्रेत दमनाय. रामदूताय स्वाहा।

ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय नारसिंहाय ॐ हां हीं हूं हौं हः सकलभीतप्रेतदमनाय स्वाहाः।

इस मंत्र का जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और भूत प्रेत जैसी बाधाएं मनुष्य के समीप भी नहीं आती।

2. अंजनी गर्भसम्भूताय कपीन्द्र सचिवोत्तम रामप्रिय नमस्तुभ्यं हनुमान रक्ष रक्ष सर्वदा

इस मंत्र के जाप से मन में व्याप्त हर तरह के भय समाप्त होते हैं।

3. अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् । सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं। रघुपतिप्रियभक्तं वातात्मजं नमामि. यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं तत्र तत्र कृतमस्तकांजलिम. वाष्पवारिपरिपूर्णालोचनं मारुतिं नमत राक्षसान्तकम्।

यह हनुमान स्त्रोत का पाठ है। इस पाठ को जपने से मन की सभी इच्छाएं पूर्ण होती है।

4. अंजनी के नन्द दुखः दण्ड को दूर करो सुमित को टेर पूजूं. तेरे भुज दण्ड प्रचंड त्रिलोक में रखियो लाज मरियाद मेरी। श्री रामचन्द्र वीर हनुमान शरण में तेरी।

यह सर्व मनोरथ सिद्धि मंत्र है। जैसा कि नाम से पता चलता है इस मंत्र का जाप करने से मन के सभी मनोरथ पूरे होते हैं।

5. जल खोलूं जल हल खोलूं खोलूं बंज व्यापार आवे धन अपार।

फुरो मंत्र ईश्वरोवाचा हनुमत वचन जुग जुग सांचा।

नौकरी अथवा व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का जाप करें।

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हनुमान जयंती का पर्व हनुमान जी को बहुत प्रिय होता है। इस दिन विधि विधान से हनुमान जी की पूजा अर्चना करने से मनुष्य के सारे कष्ट खत्म होते हैं। और मन की सभी इच्छाएं पूर्ण होती है।

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