Monday, 25 November 2024

Noida News : पुलिसिया उत्पीड़न ने ताजा कीं माया त्यागी कांड की यादें: त्रिलोक त्यागी

अरुण सिन्हा Noida : नोएडा। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने नोएडा के श्रीकांत त्यागी प्रकरण को माया…

Noida News : पुलिसिया उत्पीड़न ने ताजा कीं माया त्यागी कांड की यादें: त्रिलोक त्यागी

अरुण सिन्हा

Noida : नोएडा। राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने नोएडा के श्रीकांत त्यागी प्रकरण को माया त्यागी कांड से जोड़ते हुए मामले को तूल दे दिया। उन्होंने श्रीकांत त्यागी की पत्नी अनु त्यागी तथा अन्य महिला परिजनों पर पुलिसिया अत्याचार व अवैध हिरासत पर दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की भी मांग की है।

सेक्टर-29 स्थित नोएडा मीडिया क्लब में मंगलवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में रालोद (आरएलडी) के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी ने महिलाओं के उत्पीड़न व अवैध हिरासत को लेकर न सिर्फ योगी सरकार व भाजपा के जनप्रतिनिधि को आड़े हाथों लिया, बल्कि नोएडा के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह की निष्ठुर कार्यप्रणाली पर भी सवालिया उठाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही पुलिस कमिश्नर ने आरोपी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की तो रालोद आंदोलन के लिए मजबूर होगा। श्री त्यागी ने कहा कि पुलिस ने अन्नू त्यागी व उनकी मामी को न सिर्फ 03 दिनों तक पुलिस हिरासत में रखा, बल्कि उनको जिप्सी में बिठाकर हरिद्वार समेत जगह-जगह ले जाकर परेशान किया। श्रीकांत त्यागी के बच्चों को घर में अकेले बिना खाना-पानी के रहना पड़ा। उनके फ्लैट की बिजली भी काट दी गई। पुलिस ने उनके परिवार की महिलाओं से उत्पीड़न के मामले ने एक बागपत के माया त्यागी कांड की यादें ताजा कर दी हैं।

श्री त्यागी ने कहा कि एक ओर देश के प्रधानमंत्री लालकिले की प्राचीर से महिलाओं के सम्मान व सशक्तीकरण की बातें कर रहे हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार में महिलाओं का खुलेआम पुलिसिया उत्पीड़न व शोषण किया जा रहा है। इस मामले में समूची भाजपा सरकार व जनप्रतिनिधि इस मामले में चुप्पी साधे रहे।

आइए! जानते हैं क्या था माया त्यागी कांड

गाजियाबाद निवासी ईश्वर त्यागी अपने दो साथियों और पत्नी माया त्यागी के साथ 18 जून 1980 को बागपत जिले में एक शादी में शरीक होने जा रहे थे। बागपत में उनकी कार पंचर हो गई। कार ठीक करने के दौरान बागपत में तैनात एक एसआई नरेंद्र सिंह के साथ ईश्वर त्यागी और उनके साथियों की कहासुनी हो गई। नरेंद्र सिंह उस समय तो वहां से चला गया, लेकिन कुछ ही देर बाद अपने कुछ साथी पुलिसकर्मियों के साथ वापस लौटा। नरेंद्र सिंह ने ईश्वर त्यागी और उनके दोनों साथियों की गोली मारकर हत्या कर दी और ईश्वर की पत्नी माया त्यागी को पूरे बाजार में निर्वस्त्र घुमाया। बाद में उनके खिलाफ कई मुकदमें दर्ज कर दिए। आरोप था कि पुलिसकर्मियों ने माया के साथ दुष्कर्म भी किया।

 

इस प्रकरण ने तूल पकड़ा और जनांदोलन शुरू हो गया। सरकार को न्यायिक और सीबीसीआईडी जांच का आदेश देना पड़ा। आखिर, 11 पुलिसकर्मियों को दोषी पाया गया। कोर्ट ने इनमें से 6 पुलिसकर्मियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। मुख्य आरोपी नरेंद्र सिंह की घटना के कुछ ही दिन बाद हत्या हो गई थी, जिसके आरोप में माया त्यागी के देवर विनोद त्यागी जो उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल था, उसे फंसा दिया गया। हालांकि वर्ष 2009 में विनोद त्यागी को नरेंद्र सिंह की हत्या के आरोप से कोर्ट ने बरी कर दिया था।

इस घटना के विरोध में पूर्व प्रधानमंत्री चौ. चरण सिंह ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन का बिगुल फूंक दिया था, जिसमें समाजवादी नेता राज नारायण, मधुलिमय, मुलायम सिंह यादव और त्रिलोक त्यागी सरीखे कई बड़े नेता जेल गए थे। इस आंदोलन में 10 लाख से अधिक नेताओं व कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारियां भी दी थीं। इस प्रकरण को लेकर नई दिल्ली के वोट क्लब में विशाल धरना व प्रदर्शन भी किया गया था।

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