New Delhi : नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित अस्पताल व चिकित्सा संस्थान एम्स (AIIMS)में हॉस्टल की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे आंदोलनकारी छात्रों ने ‘भीख मांग अभियान’ भी शुरू कर दिया है। आंदोलनकारी छात्रों से निपटने के लिए एम्स प्रशासन की ओर से जारी नोटिस की परवाह किए बगैर पैरामेडिकल छात्रों का धरना निदेशक कार्यालय पर लगातार जारी है। आंदोलन के तेज होने के साथ ही पैरामेडिकल छात्र अभिषेक मालवीय की मौत का मामला भी अब तूल पकड़ता जा रहा है। अभिषेक को न्याय, उसके परिवार को आर्थिक सहायता और छात्रावास निर्माण की मांग को लेकर कुछ छात्र भूख हड़ताल पर भी बैठ गए हैं।
गौरतलब है कि एम्स परिसर में छात्रावास उपलब्ध न होने के कारण पैरामेडिकल छात्रों को परिसर के बाहर किराये पर जगह लेकर रहना पड़ता है। उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते पैरामेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्र अभिषेक मालवीय की तबीयत बिगड़ने पर उसके साथियों ने एम्स प्रशासन से एंबुलेंस के लिए मदद मांगी थी। लेकिन, एंबुलेंस उपलब्ध न कराए जाने के बाद अभिषेक के कुछ सहयोगी उसे बाइक से लेकर अस्पताल पहुंचे थे। तब तक काफी देर हो चुकी थी और अभिषेक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। आंदोलनकारी पैरामेडिकल स्टूडेंट यूनियन अभिषेक की मौत को हत्या करार देते हुए उसके परिजनों को आर्थिक मदद की मांग पर भी अड़ी हुई है।
वर्ष-2019 से पहले तक पैरामेडिकल के छात्रों को एम्स परिसर में ही हॉस्टल सुविधा उपलब्ध थी। लेकिन, साल-2019 के सत्र में उस सुविधा को बंद कर दिया गया था। इसके बाद से ही पैरामेडिकल के छात्र लगातार हॉस्टल की मांग करते आ रहे हैं, जो अभिषेक की मौत के बाद और मुखर हो गई है। दूसरी ओर, एम्स प्रशासन की ओर से आंदोलनकारी छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर जवाब देने को कहा गया है। नोटिस में पूछा गया है कि सरकारी कामकाज में बाधा डालने व संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए क्यों ना उन पर कार्रवाई हो? नोटिस का जवाब देने के बजाए छात्रों ने हाथों में दान पात्र लेकर लोगों के बीच जाकर हॉस्टल के लिए दान मांगना शुरू कर दिया है। दान पात्र पर लिखा स्लोगन ‘एम्स गरीब है, जिसके पास हॉस्टल बनाने का भी पैसा नहीं है’ लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है।