Sunday, 3 November 2024

Greater Noida : बेटे के हत्यारे (killers) को सजा (Punishment) पर परिवार ने कहा न्याय हुआ

Greater Noida : ग्रेटर नोएडा।  जनपद गौतमबुद्धनगर के सपा नेता (SP Leader) महेश भाटी (Mahesh Bhati) के बेटे और ग्रेटर…

Greater Noida : बेटे के हत्यारे (killers) को सजा (Punishment) पर परिवार ने कहा न्याय हुआ

Greater Noida : ग्रेटर नोएडा।  जनपद गौतमबुद्धनगर के सपा नेता (SP Leader) महेश भाटी (Mahesh Bhati) के बेटे और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (Greater Noida Authority) के सुपरवाइजर मोहित भाटी  (Mohit Bhati) के हत्यारोपी पुनीत (Punit) को जिला न्यायालय ने आजीवन कारावास  (Life imprisonment) की सजा सुनाई है। कोर्ट के फैसले के बाद सपा नेता के परिवार ने कहा कि 3 साल बाद (3 Years Later) उनको न्याय मिला है। न्यायालय ने दोषी पर 10 हजार रुपये  (10 Thousand Rupees) का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है। आजीवन कारावास की सजा पाने वाला आरोपी भाजपा नेता का रिश्तेदार है। इस मामले में पीडि़त पक्ष ने पूर्व में प्रदेश व केंद्र सरकार से सीबीआई (CBI) से जांच किए जाने की गुहार लगाई थी।
बता दें कि लुहारली गांव निवासी महेश भाटी का पुत्र मोहित ग्रेनो प्राधिकरण में सुपरवाइजर था। 27 नवंबर 2018 को वह प्राधिकरण आफिस से घर नहीं पहुंचा। परिजनों ने तलाश शुरू की तो मोहित का शव गांव से कुछ दूरी पर कार में मिला। मोहित को सीने पर एक और दो पीठ में 2 गोलियां मारी गई थी। मोहित के परिजनों ने इस मामले में दादरी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने आरोपी पुनीत भाटी, एक अन्य नाबालिग को गिरफ्तार किया। पुनीत भाजपा नेता का रिश्तेदार बताया जाता है। घटना के मुख्य गवाह चंद्रहास ने पुलिस को बताया कि उसने मोहित व पुनीत को कार में देखा था। कार की पिछली सीट पर एक और व्यक्ति बैठा था। वह व्यक्ति पुलिस जांच में नाबालिग निकला। पुलिस ने पुनीत और नाबालिग को गिरफ्तार कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
मोहित हत्याकांड के गवाह महेश भाटी के भाई उमेश भाटी संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। परिजन ने हत्या का आरोप लगाया था और पुलिस ने हादसे में मौत का दावा किया था। इसके बाद महेश भाटी के दूसरे भाई दिनेश की 9 मई 2021 को ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी। इसके चलते महेश भाटी ने तीनों केस की सीबीआई जांच की मांग केंद्र सरकार से की थी। केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखा था लेकिन सीबीआई जांच नहीं की गई।

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