Kolkata News: कोलकाता। विश्वभारती विश्वविद्यालय ने बुधवार को आरोप लगाया कि छात्रावास आवंटन को लेकर आंदोलन कर रहे छात्रों ने कुलपति विद्युत चक्रवर्ती और कुलसचिव अशोक महतो पर पथराव किया, जिसके बाद प्रदर्शनकारी छात्रों के शिविर को उजाड़ दिया गया।
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विश्वविद्यालय की एक प्रवक्ता ने बताया कि यह घटना मंगलवार शाम उस वक्त हुई, जब चक्रवर्ती कार्यालय से अपने सरकारी आवास लौट रहे थे।
आंदोलनकारी छात्रों ने हालांकि, आरोप से इनकार किया और दावा किया कि उन्हें विश्वविद्यालय के सुरक्षा गार्ड द्वारा पीटा गया।
प्रवक्ता ने दावा किया, कुछ छात्र 24 नवंबर से हिंसक आंदोलन कर रहे हैं, विश्वविद्यालय के समारोह को बाधित कर रहे हैं। वे कुलपति को काम करने से रोक रहे हैं। उन्होंने दावा किया, वह मंगलवार को कार्यालय गए और जब लौट रहे थे, तभी छात्रों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। उनके आवास पर पथराव भी किया गया। इसमें कई सुरक्षा गार्ड घायल हो गए।
उन्होंने कहा कि बाद में रात में रजिस्ट्रार के आवास पर भी पथराव किया गया। उन्होंने दावा किया कि यह बात सामने आने के बाद सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारी छात्रों के शिविर को उजाड़ दिया क्योंकि हमलों के लिए वहां पत्थर जमा किए गए थे।
अधिकारियों ने बताया कि जब शिविर को उजाड़ा गया, तब शांति निकेतन पुलिस थाने के अधिकारी मौके पर मौजूद थे।
घटना के बाद महतो ने बुधवार को पुलिस को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की। उन्होंने कहा कि हमले के बाद से उनकी पत्नी और बेटी भयभीत हैं।
हालांकि, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी से संबद्ध छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने विश्वविद्यालय के आरोपों को “झूठ का पुलिंदा” करार देते हुए खारिज कर दिया। विश्वविद्यालय में एसएफआई के एक कार्यकर्ता सोमनाथ साव ने आरोप लगाया, छात्रों की मांगों को सुने बिना, कुलपति ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। सुरक्षा गार्डों ने कुछ प्रदर्शनकारी छात्राओं की पिटाई भी की।
उन्होंने आरोप लगाया, सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कुलसचिव ने हमारे शिविर को उजाड़ने के लिए सुरक्षा गार्ड का नेतृत्व किया। हममें से कोई भी किसी पर पथराव में शामिल नहीं था।
प्रदर्शनकारी सभी बाहरी छात्रों के लिए तत्काल छात्रावास आवंटन और शोधकर्ताओं के पीएचडी और एमफिल के ‘पेपर’ समय पर पूरा करने की मांग कर रहे हैं।
साव ने कहा, हम लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन के खिलाफ कुलपति की भूमिका को लेकर उनके इस्तीफे की भी मांग करते हैं।