Thursday, 28 November 2024

Biparjoy Cyclone :बिपरजॉय के डर से तोड़ीं जर्जर इमारतें, 67 ट्रेनें हुईं रद्द ,1998 कांडला साइक्लोन को किया याद

  Biparjoy Cyclone : चक्रवात बिपरजॉय को लेकर गुजरात सरकार अलर्ट है. तूफान के खतरे को देखते हुए कांडला को…

Biparjoy Cyclone :बिपरजॉय के डर से तोड़ीं जर्जर इमारतें, 67 ट्रेनें हुईं रद्द ,1998 कांडला साइक्लोन को किया याद

 

Biparjoy Cyclone : चक्रवात बिपरजॉय को लेकर गुजरात सरकार अलर्ट है. तूफान के खतरे को देखते हुए कांडला को खाली किया जा रहा है. वहीं जामनगर के ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन की जर्जर इमारत को जामनगर महानगर पालिका ने गिरा दिया. पश्चिम रेलवे ने चक्रवात संभावित क्षेत्रों में एहतियात के तौर पर 67 ट्रेनों को पूरी तरह से रद्द करने का निर्णय लिया है. बिपरजॉय अब अति गंभीर चक्रवात में बदल चुका है, ऐसे में इसके प्रभाव को देखते हुए गुजरात में सरकार एहतियात के लिए जरूरी कदम उठा रही है. चकरावात अभी तो पोरबंदर से 350 किमी दूर है, लेकिन समुद्र में इस का असर अभी से देखने मिल रहा है. जहां एक ओर समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं तो वहीं समुद्र किनारे रहने वाले लोगों को भी सुरक्षित स्थान पर भेजा जा रहा है.

चक्रवाती तूफान के खतरे को देखते हुए कांडला को खाली किया जा रहा है. समुद्र किनारे वाले क्षेत्र के 2 किमी के दायरे के गांवों को खाली करने का निर्देश दिया गया है.  जिस के चलते सड़कों पर अफरा-तफरी जैसी स्थिति है. हजारों परिवारों को नजदीकी सुरक्षित स्थान पर पहुंचने के लिए सड़कों पर जो वाहन मिल रहा हैं, उससे वह अस्थाई पलायन कर रहे हैं.

Biparjoy Cyclone : 67 ट्रेनें की गईं रद्द

गुजरात में बिपरजॉय चक्रवात को लेकर सतर्कता बरती जा रही है. पश्चिम रेलवे ने चक्रवात संभावित क्षेत्रों में एहतियात के तौर पर 67 ट्रेनों को पूरी तरह से रद्द करने का निर्णय लिया है. इसके अलावा पश्चिम रेलवे द्वारा विभिन्न सुरक्षा सावधानियां भी बरती जा रही हैं. पश्चिम रेलवे के अधिकार क्षेत्र के तहत इन क्षेत्रों के ट्रेन यात्रियों के लिए रेलवे रिफंड की सुविधा मौजूदा नियमों के अनुसार दी जाएगी.

1998 का साइक्लोन भी आया याद

अपना घर छोड़ जा रहे मजदूरों ने 1998 कांडला के साइक्लोन को भी याद किया. लैंडलाइन चक्रवात को इस वर्ष 25 साल हो रहे हैं. ऐसे में अब एक नये खतरे को देखते हुए प्रशासन भी काफी सक्रिय है. 10 जून को 1998 में आए चक्रवात में कांडला पोर्ट इलाके में 10 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई थी. उस वक्त हवा की गति 165 किमी प्रतिघंटा थी. आनेवाले दिनों में हवा की तेज गति को देखते हुए यह कब तक शुरू होगा ये कहा नहीं जा सकता है. जूनागढ़ में सोमवार को 94 किमी की गति से गिरनार पर हवाएं चल रही थीं. जो अब बिपरजॉय के असर के कारण बढ़ेगी. माना जा रहा है कि तीन दिन अभी भी रोप वे शुरू हो नही सकेगा. भारी बारिश ओर तेज हवा के चलते गिरनार पर्वत पर प्रवासियों को न जाने की सलाह दी जा रही हैं.

Biparjoy Cyclone : तोड़ी गईं जर्जर इमारतें

वहीं जामनगर के ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन की जर्जर इमारत को जामनगर महानगर पालिका ने सोमवार बिपरजॉय चक्रवात के संभावित असर को देखते हुए तोड़ दिया गया. जामनगर के 150 साल पुराने रेलवे स्टेशन को काफी साल पहले ही बंद कर दिया गया था, लेकिन एतिहासिक इमारत के जर्जर होने की वजह से इसे सोमवार को गिरा दिया गया. मोरबी में रविवार शाम 7 बजे से सभी सिरेमिक प्लांट को बंद करने की सूचना दी गई थी. लखुरई क्रॉस रोड के पास दीवार गिरने से दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि एक बच्चा घायल हुआ है. बच्चे खेल रहे थे तभी अचानक दीवार गिर गई. परिजनों का कहना है कि तेज हवा के कारण दीवार गिर गई है.

लगातार बढ़ रही  हवा की गति

बता दें कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बिपरजॉय चक्रवात को लेकर चेतावनी दी थी कि, बिपरजॉय गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है. वहीं, 15 जून के आसपास इसके उत्तर की ओर बढ़ने की प्रबल आशंका है. मौसम विज्ञान विभाग की ओर से कहा गया है कि, “बिपरजॉय चक्रवात का सेंटर अरब सागर में बन रहा है. यह पोरबंदर के दक्षिण-पश्चिम में लगभग 450 किमी की दूरी पर है. हालांकि सोमवार को अब इसकी दूरी 350 किमी रह गई है. अनुमान है कि यह उत्तर में बढ़ सकता है और 15 जून की दोपहर तक कच्छ के तट को पार करेगा. जिसकी रफ्तार 125-135 किमी प्रति घंटा का पूर्वानुमान लगाई गई है.

15 जून को सबसे ज्यादा खतरा

डॉ. मृत्युंजय महापात्र, मौसम विज्ञान महानिदेशक, आईएमडी ने बिपरजॉय चक्रवात से 15 जून को सबसे ज्यादा खतरा बताया जा रहा है. ऐसे में सभी लोगों को घर के अंदर और सुरक्षित स्थान पर रहने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. चक्रवात के आने से पेड़, बिजली के खंबे, सेलफोन टॉवर उखड़ सकते हैं. इसकी वजह से बिजली और दूरसंचार में दिक्कत आ सकती है. इसकी वजह से खड़ी फसलों का भी नुकसान होगा.

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